“अब हर दंगाई रोएगा” सिर्फ Ground पर ही नहीं, CM योगी तो ट्विटर पर भी फुल फॉर्म में हैं

सीएम योगी के ‘वीर रस’ से भरे ट्वीट्स देखकर आपका दिन बन जाएगा

योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों फुल फ़ॉर्म में नज़र आ रहे हैं। बंगाल की तर्ज पर जो दंगाई सीएए के विरोध के नाम पर यूपी को हिंसा की आग में झोंकना चाहते थे, उन्हें न सिर्फ योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी सरकार और यूपी पुलिस ने ऐसा करने से रोका है, अपितु अपने अनोखे कार्रवाई के तरीकों से इन दंगाइयों और उनके राजनीतिक आकाओं को छठी का दूध भी याद दिला दिया है।

हाल ही में एक रैली के दौरान योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर अपने इरादे स्पष्ट करते हुए कहा, “दोस्तो उन चेहरों को चिह्नित करो, जो समाज में नकारात्मक तत्व हैं, अगर वे सुधरेंगे तो अच्छी बात है, और नहीं सुधरेंगे, तो उन्हे जहां की यात्रा करानी होगी, वहाँ की कराएंगे भी! कुत्सित मंशा के साथ जिसने भी पब्लिक प्रॉपर्टी को आग लगाई है, उस नुकसान की भरपाई भी उसी से होगी। प्रॉपर्टी की भरपाई की यह कार्रवाई युद्ध स्तर पर हो रही है” –

योगी के इसी जोश भरे हुंकार को चंद कदम आगे ले जाते हुए योगी आदित्यनाथ ऑफिस ने ट्विटर पर पोस्ट किया, “हर दंगाई हतप्रभ है। हर उपद्रवी हैरान है। देख कर योगी सरकार की सख्ती मंसूबे सभी के शांत हैं। कुछ भी कर लो अब, क्षतिपूर्ति तो क्षति करने वाले से ही होगी, ये योगी जी का ऐलान है। हर हिंसक गतिविधि अब रोयेगी क्योंकि यूपी में योगी सरकार है”।

वीर रस से ओत प्रोत इस ट्वीट थ्रेड में आगे लिखा गया है, “उ.प्र. को हिंसा के दावानल में झोंकने के अरमान रखने वालों के मंसूबों पर योगी सरकार की सख्ती से तुषारापात सार्वजनिक सम्पत्ति को क्षति पहुंचाने वाले उपद्रवियों से ही क्षतिपूर्ति के सिंहनाद में उपद्रवियों ने अपना संभावित अंजाम देख लिया। यूपी अब पूर्णतः शांत है”। दंगाईयों के खिलाफ CM श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार के रौद्र रूप को देख हर उन्मादी यही सोच रहा है कि उन्होंने योगी जी की सत्ता को चुनौती देकर बहुत बड़ी गलती कर दी है। दंगाइयों के खिलाफ सरकार जिस तरह की कार्रवाई कर रही है वो पूरे देश में एक मिसाल बन चुकी है” –

जब से योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभाली है, यूपी की कानून व्यवस्था में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। कभी दंगा, हत्या, लूटपाट, अपहरण और दुष्कर्म के लिए बदनाम उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था में काफी सुधार आया है। हालांकि दुष्कर्म जैसे बर्बर अपराध पर अभी भी सरकार को अनेकों चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, पर वे अपने इरादों से तनिक भी डिगे नहीं है।

जब सीएए के विरोध के नाम पर हिंसा की आग यूपी तक पहुंची, तो इसे अपने लिए अग्निपरीक्षा मानते हुए योगी सरकार ने मोर्चा संभाला और कार्रवाई के लिए यूपी पुलिस को खुली छूट दी। इसीलिए जहां एक ओर एएमयू में हिंसक तत्वों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है, तो वहीं सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के लिए दंगाइयों को चिह्नित कर उनकी निजी संपत्ति कुर्क की जा रही है।

सरकारी कार्रवाई का ऐसा भय छा गया है कि बुलंदशहर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जिला प्रशासन को बीते सप्ताह नमाज के बाद शहर में हुई हिंसा से हुए नुकसान की भरपाई के रूप में 6 लाख रुपये से अधिक का चेक सौंपा है। इसके साथ ही लोगों ने कहा है कि वे उन्हें इस बात का बहुत खेद है कि इस इलाके में हिंसा फैली और उन्होंने आश्वासन दिया है कि दोबारा उनके इलाके में ऐसी हिंसा नहीं होगी। प्रशासन के अधिकारी इसे ‘पश्चाताप का स्वैच्छिक कदम’ बता रहे हैं। बता दें कि उपरकोट क्षेत्र में 20 दिसंबर को हिंसक प्रदर्शन के दौरान बड़े पैमाने पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।

इतना ही नहीं, अब विपक्षी कितना भी प्रयास कर ले, लेकिन वे लोगों को पुलिस के विरुद्ध नहीं भड़का पा रहे हैं। चाहे मानवाधिकार आयोगों की धमकियाँ हो, या फिर विपक्षी पार्टियों द्वारा निरंतर फैलाये फ़ेक न्यूज़ हों, योगी सरकार ने सबको अनदेखा करते हुए प्रदेश में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने पर पूरा ज़ोर दिया है। उनका संदेश स्पष्ट है – यदि उपद्रव कोई फैलाएगा, वो मुंह की खाएगा

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