देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन की खबरों के बीच एक अच्छी खबर सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जल्द ही अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जायेगा और इसकी घोषणा स्वयं गृह मंत्री अमित शाह ने की है।
मैं आपसे कहना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, 4 माह के अंदर आसमान को छूता हुआ भव्य राम मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा है: श्री @AmitShah #HarVoteModiKo
— BJP (@BJP4India) December 16, 2019
लेकिन ये कांग्रेस के नेता और वकील कपिल सिब्बल कोर्ट में कहते थे कि अभी केस मत चलाइये, क्यों भाई आपके पेट में क्यों दर्द हो रहा है?: श्री @AmitShah #HarVoteModiKo
— BJP (@BJP4India) December 16, 2019
दरअसल, अमित शाह ने झारखंड में आयोजित एक रैली में कहा कि अगले चार महीने में राम मंदिर बनने जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।अब, 4 महीने के भीतर अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने जा रहा है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अभी कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर फैसला सुनाया था, 100 वर्षों से दुनिया भर के भारतीयों की मांग थी कि राम जन्मभूमि पर भव्य राम मंदिर ही बनना चाहिए, लेकिन ये कांग्रेस के नेता और वकील कपिल सिब्बल कोर्ट में कहते थे कि अभी केस मत चलाइये, क्यों भाई आपके पेट में क्यों दर्द हो रहा है?’ उन्होंने आगे कहा कहा, ‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है, 4 माह के अंदर आसमान को छूता हुआ भव्य राम मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा है।’ वहीं इस मामले पर भाजपा सासंद स्वामी सुब्रमण्यम ने भी इस बात पुष्टि करते हुए कहा है कि अगले चार महीने में राम मंदिर का निर्माण होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले से ही मंदिर के निर्माण के लिए सभी आवश्यक सामग्री मौजूद हैं और आने वाले 4 महीनों में राम मंदिर का निर्माण होना शुरू हो जायेगा और वो जल्द ही पूरा भी कर लिया जायेगा।
ये हिन्दुओं के लिए बड़ी खबर हैं जो वर्षों से राम मंदिर के निर्माण का इन्तेजार कर रही हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में हिन्दू पक्ष में अपना फैसला सुनाया था और यह साफ कर दिया था कि विवादित स्थल पर मुस्लिमों का कोई अधिकार नहीं है और मुस्लिमों को कोई और जगह दी जाएगी। ये फैसला 5 जजों की बेंच ने सुनाया। बेंच में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस। ए. बोबडे, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर शामिल थे।