पाकिस्तान इन दिनों फिर से चर्चा में है और वजह है पहले शोएब अख्तर का बयान इसके बाद दानिश कनेरिया की स्वीकृति और यूसुफ योहाना का कटाक्ष। दरअसल, यूसुफ योहाना ने अपने ट्विटर से यह ट्वीट किया कि पाकिस्तान टीम के ड्रेसिंग रूम में किसी भी अल्पसंख्यक के साथ अन्याय नहीं होता था। अब यूसुफ मियां आपसे 2 सवाल तो बनता है। मियां यूसुफ जब ड्रेससिंग रूम में सब कुछ ठीक था तब आपने अपना धर्म क्यों बदल लिया था? और दूसरा यह कि अगर आप यह कह रहे हैं तो इसका मतलब यही है कि सीनियर खिलाड़ी शोएब अख्तर और दानिश कनेरिया झूठ बोल रहे हैं?
बता दें कि पाकिस्तान एक देश नहीं सोच है। यह पंक्ति अपने आप में पाकिस्तान को समझने के लिए काफी है। हालांकि, पाकिस्तान क्रिकेट और विवाद का साथ करण-अर्जुन की तरह है। विश्व के सबसे तेज़ गेंदबाज माने जाने वाले शोएब अख्तर ने अपने साथी हिन्दू खिलाड़ी दानिश कनेरिया के साथ होने वाले धार्मिक अवहेलना पर बयान दे कर भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों में भूचाल ला दिया। इसके बाद दानिश कनेरिया ने भी अपने साथ होने वाली ज्यादती को स्वीकार कर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के ड्रेससिंग रूम में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाली मानसिक उत्पीड़न पर मोहर लगा दी है।
परंतु, अपने समय के बेहतरीन बल्लेबाज यूसुफ योहाना ने पाकिस्तान टीम की ड्रेसिंग में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले मानसिक उत्पीड़न को नकार दिया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “मैं पाकिस्तान टीम में अल्पसंख्यक खिलाड़ियों के साथ भेदभाव के बारे में की गई टिप्पणियों की निंदा करता हूं। मैं टीम का सदस्य रहा हूं और मुझे हमेशा टीम, प्रबंधन और प्रशंसकों से बहुत प्यार और समर्थन मिला है! पाकिस्तान जिंदाबाद”।
I condemn the comments made about discrimination regarding players from the minority in the Pakistan Team. I have been a member of the team & I’ve always had a lot of love & support from the team, the management & the fans! Pakistan Zindabad
— Mohammad Yousaf (@yousaf1788) December 27, 2019
अब आपको यह बता दें कि ये वही यूसुफ योहाना है जिन्होंने अपने ईसाई धर्म को छोड़ कर इस्लाम अपना लिया था और साथ ही अपना नाम बदल कर मोहम्मद यूसुफ कर लिया था।
यूसुफ ने पाकिस्तान के लिए 88 टेस्ट खेलकर 53.07 की औसत से 7431 रन बनाए। उन्होंने 282 वनडे में 42.39 की औसत से 9624 रन बनाए। मार्च 2010 में न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया दौरे पर शर्मनाक हार के बाद पीसीबी ने मोहम्मद यूसुफ को अनिश्चित समय के लिए क्रिकेट से बैन कर दिया था। तब युसूफ ने कहा था, ‘बोर्ड ने मुझे पत्र लिखकर कहा कि मैंने ऑस्ट्रेलिया में टीम का माहौल खराब किया है।’ मोहम्मद यूसुफ ने इसके बाद रिटायर होने का फैसला किया। लेकिन इनके यूसुफ योहाना के मोहम्मद यूसुफ बनने की कहानी कुछ और है। पाकिस्तान के पूर्व राजनयिक रहे शहरयार एम. खान ने अपनी किताब ‘Cricket Cauldron: The Turbulent Politics of Sport in Pakistan’ में पाकिस्तान के ईसाई खिलाड़ी यूसुफ योहाना के धर्म परिवर्तन की कहानी बताई है। ये वही शहरयार एम. खान हैं जो 1999 से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने लिखा है कि यूसुफ के पूर्वज पीढ़ी दर पीढ़ी जमादार (सफाईकर्मी) का काम करते रहे। दलित होने के नाते उनके परिवार ने काफी यातनाएं झेलीं। इन यातनाओं से बचने के लिए और समाज में बराबरी से रहने के लिए काफी पहले उनके परिवार ने कैथोलिक ईसाई धर्म अपना लिया था। जब यूसुफ खुद दर्जी का काम सीख रहे थे तब उनकी किस्मत तब खुली और जब एक क्रिकेट टीम में खिलाड़ी कम होने के कारण उन्हें खेलने का मौका दिया। यूसुफ ने अपनी बल्लेबाजी के जौहर से सबको चकित कर दिया। धीरे-धीरे वो क्लब से होते हुए राष्ट्रीय टीम में पहुंच गए। लेकिन ईसाई होने के कारण कई बार उन्हें प्रताड़ना झेलनी पड़ी। एक समय ऐसा आया कि यूसुफ पाकिस्तानी बल्लेबाजी की रीढ़ बन गए। पाकिस्तान को एक मैच विनर बल्लेबाज की जरूरत थी, जो यूसुफ योहाना के रूप में उन्हें मिल गया था।
यही नहीं I-chowk नामक एक वैबसाइट के अनुसार इस्लाम के प्रचारक बन चुके उनके पूर्व साथी खिलाड़ी सईद अनवर ने उन्हें धर्म परिवर्तन कर लेने का सुझाव दिया। यूसुफ को एहसास कराया गया कि उनके और पाकिस्तान के कप्तान के पद के बीच एक ही रुकावट है और वह है यूसुफ का ईसाई धर्म। वर्ष 2004-05 के आस्ट्रेलिया टूर के लिए यूसुफ को पाकिस्तान टीम की कप्तानी दी गई। लेकिन उस टूर से लौटते ही यूसुफ ने अपनी पत्नी तान्या के साथ इस ईसाई धर्म छोड़कर इस्लाम धर्म अपना लिया। और यूसुफ योहाना से मोहम्मद यूसुफ बन गए। करीब तीन महीने बाद ये खबर सार्वजनिक हुई। जब बात बाहर आई तो सबसे ज्यादा आश्चर्य यूसुफ की मां हुईं।
एक और कारण बताते हुए शहरयार एम. खान ने लिखा है कि उनके दर्शक उनके जाति के कारण उनका मज़ाक उड़ाते थे और जब वो बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरते थे तब “चुरा आ गया भंगी आ गया” का नारा लगा कर टौंट मारते थे।
इसी से पता चलता है कि अभी जो उन्होंने ट्वीट किया है वह कितना प्रेशर में किया है। ऐसा लगता है कि यूसुफ तब भी कायर थे और आज भी उसी तरह से बयान दे रहे हैं। आज उनके पास समय है दानिश का साथ देने का परन्तु उन्होंने ऐसा न करने का विकल्प चुना। वहीं, दानिश कनेरिया तब भी अपने धर्म पर अडिग रहे थे और आज भी उन्होंने खुलकर अपने ऊपर होने वाले धार्मिक प्रताड़ना के बारे में बात की है। अपने वीडियो में उन्होंने यहां तक कह दिया कि वे एक proud पाकिस्तानी है और साथ ही एक proud Hindu भी हैं। यूसुफ योहाना ने अपने ट्वीट से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाली धार्मिक प्रताड़ना के ऊपर पर्दा ही डालने की कोशिश कर रहे हैं जो अब पूरी तरह से एक्सपोज हो चुका है।