एंटी-CAA या एंटी-हिंदू? बिहार में प्रदर्शन के दौरान गुंडों ने की हनुमान मंदिर में तोड़फोड़

CAA

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शनिवार को बिहार में RJD द्वारा बिहार बंद के दौरान प्रदर्शन जुलूस निकाला गया। इस दौरान राज्‍य में कई जगहों भारी हिंसा हुई। सबसे बड़ी घटना पटना के फुलवारीशरीफ में हुई, जहां मुस्लिम भीड़ ने हनुमान मंदिर में घुसकर तोड़-फोड़ की। पथराव से हालात बिगड़ गये और इस दौरान असमाजिक तत्वों की हिंसा की चपेट में हनुमान मंदिर भी आ गया।  जानकारी के मुताबिक उपद्रवियों ने CAA विरोध के नाम पर मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ की, यहां तक कि हनुमान जी की मूर्ति को भी छतिग्रस्त कर दिया। इस तोड़ फोड़ का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी वायरल हो रहा है।

https://twitter.com/BBTheorist/status/1208974960279965698

बता दें कि CAA-NRC का विरोध कर रही आरजेडी ने शनिवार यानि 21 दिसंबर को बिहार बंद का एलान किया था। हालांकि, प्रदर्शनकारियों की भीड़ इस कदर बेकाबू हो गयी कि पथराव शुरू कर दिए। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को घटनास्थल पर कई राउंड फायरिंग करनी पड़ी। उस फायरिंग से भी कुछ लोग जख्मी हो गए।

फुलवारी इलाके में धार्मिक स्थल पर हुई तोड़-फोड़ के दौरान दो लोगों को गोली लगने की भी खबर है। इस घटना के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। उच्चाधिकारियों ने मातहतों से घटना के संबंध में जानकारी ली और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक निर्देश भी दिए।

यह ध्यान देने वाली बात है कि विरोध प्रदर्शन में अगर किसी मंदिर और मूर्ति को तोड़ा जाता है तो यह स्पष्ट रूप से विरोध प्रदर्शन करने वालों की मानसिकता को प्रदर्शित करता है। जिहादियों और आक्रमणकारियों को भारत में मंदिर तोड़ने की पुरानी आदत है जो शताब्दियों से हिंदुओं के मंदिर तोड़ रहे हैं।

बता दें कि नागरिक संशोधन कानून और NRC के विरोध में बुलाए बंद के दौरान भागलपुर में वाहनों में तोड़-फोड़ की गयी है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने इसका वीडियो भी जारी किया है, जिसमें राजद कार्यकर्ता वाहनों पर लाठियां बरसाते हुए दिख रहे हैं। दरभंगा में आरजेडी कार्यकर्ताओं ने कपड़े उतारकर प्रदर्शन किया। वहीं, नवादा में बुंदेलखंड थाने पर जमकर पथराव हुआ। इसके अलावा बिहार में बंद के दौरान कई जगहों पर ट्रेनों को भी रोका गया है। आरजेडी कार्यकर्ताओं ने अररिया में एक ट्रेन रोक दी। वहीं, दरभंगा और वैशाली में भी प्रदर्शनकारियों ने सड़क बंद कर दी।

इस बंद का आयोजन करने वाले RJD के तेजस्वी यादव लोगों को भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उनका मानना है कि बाढ़ में लोगों के दस्तावेज़ बह जाते हैं, जिसके कारण वे NRC प्रक्रिया में अपनी पहचान को साबित नहीं कर पाते हैं। लालू यादव जेल में हैं, जिसके कारण RJD राज्य में अपनी पकड़ खो चुकी है। यही कारण है कि RJD अब दोबारा खबरों में आने के लिए ऐसे कदम उठा रही है, और लोगों की आम जीवनशैली पर नकारात्मक असर डाल रही है। JDU, जिसने संसद में CAA कानून का समर्थन किया था, उसे उत्तर प्रदेश के नक्शेकदम पर चलते हुए इन दंगाइयों पर काबू पाने के लिए सख्त रुख अपनाना चाहिए। इन दंगाइयों में से अधिकतर लोगों को CAA कानून के बारे में कोई समझ नहीं है और ये लोग सिर्फ राज्य का नाम खराब करने के लिए ऐसे दंगों को भड़का रहे हैं।

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