पाखंडी नित्यानन्द का कथित हिन्दू राष्ट्र ‘कैलासा’, रजनीशपुरम 2.0 साबित होगा!

नित्यानंद

नित्यानन्द, जिसे उसके अनुयाई स्वामी कहके संबोधित करते हैं, भारत छोडकर भाग चुका है, और एक द्वीप खरीद कर कैलासा नाम के हिन्दू राष्ट्र की स्थापना कर चुका है। जी हाँ, आपने ठीक सुना। एक कपटी साधु ने भारत से बहुत दूर एक हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की है। उसे भले लगा हो की सात समुंदर पार वे एक हिन्दू राष्ट्र बसाकर भारत में रह रहे लोगों को प्रसन्न कर सकते हैं। परंतु ऐसा नहीं हुआ।

नित्यानन्द ने इस द्वीप को दक्षिण अमेरिका में स्थित इक्वाडोर के पश्चिमी तट के समीप खरीदा है। इस द्वीपीय राष्ट्र के बारे में अगर बात करें, तो यहां बहुत विशेषताएँ हैं। नित्यानन्द के नए देश ‘कैलासा’ की न केवल अपनी खुद की वेबसाइट है, अपितु खुद का विकिपीडिया पेज भी है, जिसका नाम है ‘नित्यानन्दपीडिया’। वेबसाइट के अनुसार, कैलासा.org ‘सभी हिंदुओं को एक सुरक्षित माहौल दिलाती है, जहां वे बिना अपमान और हिंसा की परवाह किए अपना जीवन एक हिन्दू के तौर पर आराम से व्यतीत कर सकते हैं।

इस वेबसाइट ने दावा किया है कि कैलासा का अपना कैबिनेट भी है, जिसमें स्वास्थ्य, प्राद्यौगिकी, सभ्यता, मानव सेवा, आवास मंत्रालय, वाणिज्य मंत्रालय इत्यादि शामिल है। कैलासा का अर्थ है विश्व में मुफ्त स्वास्थ्य, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त भोजन, और मंदिर आधारित जीवनशैली का पुनरुत्थान इत्यादि। इसका अपना पासपोर्ट और अपना ध्वज भी है, और इसका दावा है कि इस देश की जनसंख्या 2 अरब हिंदुओं से भरी पड़ी है। भारत की कुल जनसंख्या 1.3 अरब है। अब नित्यानन्द को अपने छोटे द्वीप के लिए कहाँ से 2 अरब हिन्दू जुटाकर लाए हैं, ये हमारे समझ से परे है।

सच कहें तो नित्यानन्द कोई भला प्राणी नहीं है। भारत में नित्यानन्द कई अपराधों के लिए वांछित है। उस पर अपहरण, यातना, दुष्कर्म, बच्चों को कैद करने जैसे कई अपराध दर्ज़ हैं। हाल ही में नित्यानन्द को आश्रम के लिए कुछ एकड़ ज़मीन आवंटित की गयी थी, जिस पर सीबीएसई का एक विद्यालय निर्मित होना था। जब यह खबर मीडिया में उछली, तो सीबीएसई ने उस विद्यालय की मान्यता ही रद्द कर दी।

ये व्यक्ति सनातन धर्म और भारत दोनों का मखौल उड़ा रहा है। इसके कारण विश्व भर में हिंदुओं की एक भ्रामक छवि बनती दिख रही है। हालांकि यह पहला ऐसा केस नहीं है। 1980 के दशक में यूएसए के ओरेगॉन में कुछ ऐसा ही करने का प्रयास हुआ था। रजनीश ‘ओशो’ और उसके अनुयाइयों ने रजनीशपुरम का निर्माण किया, जो जल्द ही एक सेक्स डेन में परिवर्तित हो गया। धीरे धीरे यह नगर यूएसए के लिए सिरदर्द बन गया, और जल्द ही इस कल्ट को ज़बरदस्ती निष्कासित करना पड़ा। इसके कारण भारत के हिंदुओं के प्रति भी अमेरिकियों में एक नकारात्मक छवि उत्पन्न हो गयी।

ऐसे में अब भारत सरकार को तनिक भी विलंब न करते हुए इस पाखंडी बाबा के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए और इसे सनातन सभ्यता को कलंकित करने से बचाना चाहिए। एक व्यक्ति की बेवकूफी के कारण बाकी हिन्दू क्यों अपमानित महसूस करें? अब समय आ चुका है की भारत अविलंब नित्यानन्द के द्वीप पर कार्रवाई करे और देर होने से पहले इस पाखंडी को भारत खींच के वापिस लाये।

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