“अरे ये तो BJP चिह्न है” पासपोर्ट पर राष्ट्रीय पुष्प कमल देखकर कांग्रेसियों-लिबरलों में मचा हाहाकार

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PC- Twitter

विदेश मंत्रालय ने भारतीय पासपोर्ट को एक नया रूप दिया है जिसमें राष्ट्रीय प्रतिकों को बारी-बारी से इस्तेमाल किया जाएगा। इस नए पोसपोर्ट में सिक्योरिटी फीचर भी है यानि कोई भी व्यक्ति अब फर्जी भारतीय पासपोर्ट नहीं बनवा सकता। अगर वो ऐसा करता है तो पकड़ा जाएगा। नए पासपोर्ट में कमल का चिन्ह दूसरे पेज पर छपा है। इससे पहले इस स्थान पर पहले पासपोर्ट अधिकारी की मुहर और हस्ताक्षर होते थे। वहीं पासपोर्ट धारक का नाम और पता दर्ज करने के कॉलम हटा लिए गए हैं। इसमें कुछ नए सिक्योरिटी कोड भी जोड़े गए हैं। बता दें कि देश के सभी 36 पासपोर्ट कार्यालयों में इसका इस्तेमाल होना शुरू हो चुका है। इसे नासिक की करेंसी नोट प्रेस से छापा जा रहा है।

हालांकि विपक्ष और कुछ लिबरल समुदाय के लोग नए पासपोर्ट पर छाती पीटना शुरू कर चुके हैं। इनका कहना है कि कमल तो भाजपा का चुनाव चिन्ह है। भाजपा इसके जरिए सरकारी प्रतिष्ठानों का भगवाकरण कर रही है। पर क्या कमल सबसे पहले भाजपा का चुनाव चिन्ह है या फिर सबसे पहले वह राष्ट्रीय पुष्प है? भाजपा जब अस्तित्व में ही नहीं थी तब से ही कमल भारत का राष्ट्रीय पुष्प है। लेकिन लिबरलों और विपक्षियों के लिए घृणा तो घृणा तर्क से क्या मतलब।

इसी विवाद को लेकर केरल के कांग्रेस सांसद एम के राघवन ने लोकसभा में भाजपा पर आरोप लगाया कि यह सरकारी प्रतिष्ठानों का भगवाकरण करने की कोशिश है क्योंकि कमल तो भाजपा का चुनाव चिन्ह है।

इसी तरह लिबरल बिरादरी से भी पासपोर्ट पर राष्ट्रीय पुष्प छापने के विरोध के सुर देखने को मिले। इसमें लिबरलों की चहेती फाए डिसूजा सबसे आगे रहीं। उन्होंने जैसे ही इस खबर को पढ़ा तो ट्वीट किया- ”क्या”? जैसे खबर पढ़ते ही इन्हें 440 वोल्ट का करंट लग गया हो।

https://twitter.com/aditi3012/status/1205329763138600960?s=20

इस छाती पीट प्रतियोगिता में प्रशांत भूषण कैसे चुप बैठते भाई? उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि- अच्छा तो अब पासपोर्ट बनवाने के लिए भाजपा की सदस्यता ग्रहण करनी पड़ेगी।

इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि यह प्रतीक हमारा राष्ट्रीय पुष्प है। फर्जी पासपोर्ट को पहचानने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। पासपोर्ट पर केवल कमल का ही चिन्ह नहीं होगा। कमल के अलावा देश के अन्य राष्ट्रीय चिन्हों का भी पासपोर्ट पर इस्तेमाल किया जाएगा। यानि अभी कमल है तो अगले महीने मोर, बाघ होगा।

कुल मिलाकर कांग्रेस और लिबरल समुदाय को भाजपा के चुनाव चिन्ह कमल से इतनी नफरत है कि वे ये भी भूल गए कि कमल किसी पार्टी के चुनाव चिन्ह से पहले कमल हमारा राष्ट्रीय पुष्प है। हमारे देश की पहचान है। इन विरोधियों को पासपोर्ट मामले की पूरी जानकारी भी नहीं थी और संसद से सोशल मीडिया तक आंसू बहाने लगे। बात सिर्फ कमल की नहीं बल्कि हमारे सभी राष्ट्रीय चिन्हों की है। जिसके बारे में विदेश मंत्रालय ने साफ बता दिया है।

 

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