‘मैं घमंडियों के साथ हाथ नहीं मिलाती’, रिंग में निखत ज़रीन को तसल्ली से धोकर मैरी कॉम ने दिया बयान

अच्छा पाठ पढ़ाया मैरी कॉम!

(PC: Scroll.in)

छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम आज चर्चा में बनी हुई हैं। कारण यह है कि कल उन्होंने दिल्ली में एक अन्य बॉक्सर निखत ज़रीन को ट्रायल मुक़ाबले में हराकर उनसे हाथ मिलाने से मना कर दिया, और साथ ही निखत को बड़ों का सम्मान करने की नसीहत भी दी। लेकिन क्या आपको पता है कि निखत और मैरी कॉम के बीच इस झगड़े का क्या कारण है? 

दरअसल, ये दोनों ही खिलाड़ी 51 किलोग्राम श्रेणी में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में भारत की ओर से खेलना चाहते हैं। हालांकि, इसी बीच मैरी कॉम के अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए Boxing Federation of India यानि बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने एक सम्मान समारोह में घोषणा कर हलचल मचा दी थी कि मैरी कॉम को बिना किसी ट्रायल के ओलंपिक क्वालीफायर के लिए चुना जाएगा। यह बात निखत को बुरी लग गयी और उन्होंने इसके लिए बीएफ़आई और मैरी कॉम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

हालांकि, बाद में बीएफ़आई को दोनों के बीच ट्रायल मैच कराना ही पड़ा जिसमें मैरी कॉम ने निखत को 9-1 से हरा दिया। इसी के साथ निखत का ओलंपिक में खेलने का सपना चकनाचूर हो गया। जब शनिवार को दोनों मैच के लिए आमने सामने आए, तो भी हमें दोनों खिलाड़ियों के बीच तनाव देखने को मिला। हुआ ये कि मैच के बाद मैरी कॉम ने निखत जरीन से हाथ नहीं मिलाया। उन्होंने कहा, ‘मैं उनसे क्यों हाथ मिलाऊं? वह चाहती हैं कि दूसरे लोग उनका सम्मान करें तो पहले उन्हें सबका सम्मान करना होगा। मुझे ऐसे स्वभाव के लोग पसंद नहीं हैं। रिंग के अंदर अपने पॉइंट प्रूव करो, बाहर नहीं।’

बता दें कि इससे पहले निखत ने फेडरेशन के बिना ट्रायल के मैरीकॉम को सीधे ओलिंपिक क्वालिफायर में भेजने के फैसले पर सवाल उठाए थे। पूर्व जूनियर विश्व चैम्पियन मुक्केबाज ने खेलमंत्री किरण रीजीजू को पत्र लिखकर मांग की थी कि ओलिंपिक क्वालिफायर के लिये टीम में जगह के लिए ट्रायल कराएं जाए ताकी सबको मौका मिले। इसके बाद फेडरेशन ने ट्रायल कराने का फैसला किया था। तब इसपर मैरी कॉम ने कहा था‘युवा बॉक्सर कोई छोटा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट जीत लेते हैं और खुद को बड़ा स्टार मान लेते हैं। ऐसे टूर्नामेंट जिनमें मैं हिस्सा भी लेना नहीं चाहती। मेरे पास आठ वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल हैं बस बल्कि ओलिंपिक मेडल नहीं है और मैं उसी वजह से अब तक खेल रही हूं”।

बता दें कि भारतीय बॉक्सिंग का सबसे बड़ा और ‌सफल नाम मैरी कॉम लाखों की प्रेरणा हैं। रिकॉर्ड छह बार की वर्ल्ड चैम्पियन और ओलंपिक्स पदक विजेता यह मणिपुरी लड़की पूरे भारत की शान है। अपनी शानदार उपब्धियों के चलते मैग्निफ़िसेंट मैरी के नाम से जानी जानेवाली एमसी मैरी कॉम ने बॉक्सिंग पर ध्यान देने के लिए स्कूली पढ़ाई छोड़ दी थी।

मणिपुर के ही दिग्गज बॉक्सर डिंको सिंह की सफलता से प्रेरित होकर कॉम का बॉक्सिंग की ओर झुकाव हुआ था।

अब कल ट्रायल में जीत के बाद वे चीन के वुहान में होने वाले क्वालिफायर मुक़ाबले में जीतकर टोक्यो ओलंपिक के लिए अपना टिकट पक्का करा पाएँगी। टोक्यो ओलंपिक में मैरी कॉम को अभी कोई गोल्ड मेडल नहीं मिला है और उन्हें उम्मीद है कि इन ओलंपिक खेलों में वे गोल्ड मेडल हासिल करने में कामयाब रहेंगी।

 

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