नाभा, भोपाल और अब हैदराबाद- जब पुलिस पीछे नहीं हटी और ‘ऑन द स्पॉट’ ही फैसला कर दिया

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आज तड़के ही हैदराबाद एनकांउटर ने पूरे देश का ध्यान खिंचा। बात ही कुछ ऐसी थी। दरअसल, हुआ ये कि हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर के साथ गैंगरेप व हत्या के चारों आरोपियों को तेलंगाना पुलिस ने एक एनकांउटर में मार दिया है। हैदराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने बताया कि ये चारो आरोपी भागने की कोशिश कर रहे थे उसी दौरान पुलिस ने ढेर कर दिया। तेलंगाना पुलिस आरोपियों को नेशनल हाईवे-44 पर क्राइम सीन रिक्रिएट कराने के लिए लेकर गई थी। उसी दौरान ये भागने की कोशिश किए और पुलिस ने कार्रवाई की, जिसमें ढेर हो गए।

हालांकि इस एंकाउंटर के बाद देश दो धड़ों में बंट चुका है। एक ओर लोग पुलिस की वाह-वाही कर रहे हैं तो वहीं एक वर्ग पुलिस को मानवाधिकार का पाठ पढ़ा रहा है। यह आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि अक्सर ही लोग ऐसे मामले में मानवाधिकार की दुहाई देते हैं। यह पहला मौका नहीं है जब पुलिस ने इस तरह से किसी मामले में एंकाउंटर किया हो या एंकाउंटर करने की नौबत आई हो।

कुछ और मामले भी है जिनमें से दो को यहां देखने की कोशिश करेंगे।

नाभा जेल ब्रेक आरोपी

बात पंजाब की है! नवंबर 2016 में नाभा जेल ब्रेक के बाद ऑर्गेनाइज्ड क्राइम कंट्रोल यूनिट और काउंटर इंटेलीजेंस ने जॉइंट ऑपरेशन में सिर्फ दो महीने में ही जेल ब्रेक करने वाले कुख्यात गैंगस्टर हरजिंदर सिंह उर्फ विक्की गौंडर को गैंग समेत पुलिस टीम ने एनकाउंटर में मार गिराया था।

विक्की गौंडर के पंजाब सीमा से महज 50 मीटर दूर राजस्थान में पक्की गांव में होने के इनपुट मिलने के बाद OCCU टीम ढाणी के चारों तरफ किसान बनकर घूमते रहे और भागने के संभावित रास्तों का पता लगाया। इसके लिए ड्रोन तक की मदद ली। ये लोग किन्नू के व्यापारी बनकर यहां आए थे। गौंडर के यहां होने की पूरी तसल्ली होने के बाद 26 जनवरी की शाम पहले से तैयार बैठी टीम ने एनकाउंटर कर दिया। टीम को यह भी इनपुट मिला था कि गौंडर के साथी प्रेमा लाहौरिया की इस गांव में रिश्तेदारी हैं। वे उस गांव में नशा खरीदने के लिए लखविंद्र उर्फ लक्खा की ढाणी में जा रहे थे। उन्होंने यह स्थान इसलिए चुना क्योंकि यहां से राजस्थान और पाकिस्तान बार्डर महज कुछ दूरी पर है। पंजाब के अंतिम छोर पर बसा पंजावा, श्रीगंगानगर जिले के गांव पक्की में है, यहां नशा आसानी से उपलब्ध हो जाता है। पुलिस से घिर जाने के बाद दोनों पक्षों में फायरिंग शुरू हो गई। पुलिस ने 6 हजार वर्ग फीट जगह को पूरी तरह से घेरा लिया था। 5-6 कमांडो छत पर गए थे, दोनों तरफ से करीब 50 राउंड फायर हुए। बस की आड़ में खड़ा विक्की गौंडर मौके पर ही मारा गया। प्रेमा लाहौरिया दीवार से छलांग लगाकर भागने लगा तो टीम ने उसको भी निशाने पर लिया। इस घटना के बाद पंजाब पुलिस की खुब वाह-वाही हुई थी।

इसी तरह एक और घटना थी मध्यप्रदेश की।

भोपाल की सेंट्रल जेल से भागे 8 सिमी आतंकियों ने जेल ब्रेक कर भागने की कोशिश की थी जिसके बाद एटीएस ने एनकाउंटर में सभी 8 आतंकियों को भोपाल के बाहरी इलाके ईंटखेड़ी गांव में मारा गिराया था।

पुलिस के अनुसार रात को सवा तीन बजे जेल के अंदर जेल प्रशासन को खबर मिली कि सिमी से जुड़े आठ आतंकवादी जेल से भाग निकले हैं। आतंकियों ने भागने से पहले एक हेड कांस्टेबल का गला भी काट डाला था। आतंकवादी चादरों की मदद से दीवार फांदकर जेल से भागने में कामयाब रहे। इसके बाद सोमवार की सुबह 10 बजे आतंकियों को देखे जाने की सूचना पुलिस को मिली। जिसके बाद पुलिस ने आतंकियों को चारों तरफ से घेर लिया। पुलिस को देखते ही आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में जवानों ने करीब 45 राउंड फायरिंग की। फायरिंग खत्म होने के बाद आठ आतंकवादी मृत मिले।

यह कुछ ऐसी घटनाएं हैं जहां पुलिस ने अपना काम किया और जरूरत पड़ने पर उचित कदम उठाया। अगर पुलिस पर ही हमले होते हैं तो उन्हें भी जवाबी कारवाई करने का पूरा अधिकार है।

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