राज्य सभा में अमित शाह का रौद्र रूप झेल नहीं पाई कांग्रेस, किया वॉक आउट, फिर भी SPG बिल पास

एसपीजी

चित्र- राज्यसभा टीवी

कल यानि मंगलवार को संसद में वह ऐतिहासिक एसपीजी बिल पारित किया गया है, जिसमें सिर्फ प्रधानमंत्री को सुरक्षा देने की बात कही गई है। कांग्रेस के भारी विरोध के बावजूद राज्य सभा में इस बिल को पारित किया गया, जिसके कारण कई विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेतृत्व में वॉक आउट कर गई।

संशोधित बिल के अनुसार सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके परिवार (जो उनके साथ आधिकारिक निवास पर रहते हो) को एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान है। प्रधानमंत्री के अलावा किसी भी विशेष व्यक्ति को ये नहीं दिया जाएगा। पीएम पद से हटने के पांच साल बाद उनसे भी यह सुरक्षा वापस ले ली जाएगी। बिल में संशोधन के बाद कानूनी तौर पर गांधी परिवार को कोई भी सदस्य SPG सुरक्षा में नहीं रह पाएगा। वहीं, प्रधानमंत्री पद से हटने के 5 साल बाद विशिष्ट व्यक्ति से भी यह सुरक्षा वापस ली जाएगी। ये बिल दोनों ही सदनों से पास हो गया है। बिल पर राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद ये कानून की शक्ल ले लेगा।

बता दें कि इस प्रावधान के दुरुपयोग होने की संभावनाएं बहुत ज़्यादा थी, और होता भी वही था। इसी प्रावधान के दुरुपयोग के कारण आवश्यकता नहीं होने पर भी गांधी परिवार को 28 वर्षों तक एसपीजी सुरक्षा प्रदान की गई।

पुराने कानून में कहा गया था कि अगर किसी पूर्व प्रधानमंत्री से एसपीजी सिक्यॉरिटी वापस ली गई तो उनके पारिवरिक सदस्यों के साथ भी एसपीजी नहीं रहेगी। बशर्ते पारिवारिक सदस्यों को उस स्तर का खतरा नहीं हो जिसके लिए एसपीजी सिक्यॉरिटी जरूरी हो। लेकिन नए कानून में बदलाव किया गया है। पूर्व प्रधानमंत्रियों से एसपीजी सिक्यॉरिटी वापस लेने के बाद उनके पारिवारिक सदस्यों से भी एसपीजी की वापसी को अनिवार्य करने का प्रावधान कर दिया गया है।

निस्संदेह यह संशोधन कांग्रेस के गले तो बिल्कुल नहीं उतरी, क्योंकि उनके लिए तो एसपीजी कवर एक जन्मसिद्ध अधिकार है। परन्तु इसी पसोपेश में गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ ऐसे सत्य बताए हैं जो कांग्रेस से संभालते नहीं संभलेंगे। गांधी परिवार की सुरक्षा के सवालों पर उन्होंने सदन में कहा कि- ‘सुरक्षा हटाई नहीं गई है, सुरक्षा बदली गई है।’ उन्होंने कहा कि गांधी परिवार के सदस्यों को जेड प्लस श्रेणी की पुख्ता सुरक्षा मिली हुई है जिसमें पर्याप्त बल और एंबुलेंस आदि शामिल हैं।

अमित शाह ने राज्य सभा में कहा कि – सुरक्षा की समीक्षा के बाद चंद्रशेखर जी की सुरक्षा वापस ली गई, कोई नहीं बोला, जबकि चंद्रशेखर जी बहुत बड़े नेता थे। नरसिम्हा राव जी की सुरक्षा ले ली गई, कोई नहीं बोला और आईके गुजराल जी की सुरक्षा ले ली गई। तब भी कोई नहीं बोला। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भी सुरक्षा हटाई गई लेकिन किसी ने कुछ नहीं बोला। चिंता किसकी है, किसी वीआईपी की या किसी एक परिवार की?

अमित शाह ने आगे कहा, “सुरक्षा कवर को व्यक्तियों द्वारा स्टेटस सिंबल के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। एसपीजी सुरक्षा कवर विशेष रूप से प्रधानमंत्री के लिए है और किसी अन्य व्यक्ति द्वारा इसका आनंद नहीं लिया जाना चाहिए।”  केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि एसपीजी के नए बिल से अगर किसी का नुक़सान होना है तो पीएम मोदी का होना है क्योंकि पाँच साल बाद उनकी एसपीजी सिक्योरिटी चली जाएगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- राहुल गांधी ने कई बार एसपीजी सुरक्षा नियमों का उल्लंघन किया है। “1991 के बाद हुई कुल 156 विदेशी यात्राओं में से, उन्होंने 143 यात्राओं पर एसपीजी अधिकारियों को नहीं लिया। इन 143 विदेशी यात्राओं में से अधिकांश में उन्होंने यात्रा करने के बाद जानकारी साझा की, जिसमें एसपीजी के अधिकारियों को उनके साथ जाने से रोका गया।

“इसी तरह, सोनिया गांधी ने भी 2015 के बाद से अपनी 24 विदेश यात्राओं में एसपीजी कवर नहीं लिया। प्रियंका गांधी ने भी अपनी 78 विदेश यात्राओं में एसपीजी कवर लेने से इनकार कर दिया। एक अधिकारी ने यह डेटा मई 2019 तक की अवधि के लिए दिया। इसी तरह, एसपीजी की सलाह के खिलाफ नेहरू गांधी परिवार के सदस्यों द्वारा गैर बुलेट प्रूफ वाहनों का उपयोग करने वाले कई मामले सामने आए हैं।

जिस तरह से नेहरू गांधी परिवार द्वारा एसपीजी सुरक्षा का उल्लंघन किया गया है, उससे तो ऐसा लगता है कि सुरक्षा कवर इनके लिए स्टेटस सिंबल से ज्यादा कुछ नहीं है, जो गांधी परिवार अपना जन्मसिद्ध अधिकार मान चुका था। कांग्रेस इस साधारण तथ्य को नहीं समझती है कि सुरक्षा कवर एक विशेषाधिकार है, मूलभूत अधिकार नहीं है।

जिस तरह से नेहरू-गांधी परिवार ने एसपीजी सुरक्षा के नियमों का काफी लंबे समय से उल्लंघन किया उससे तो यही समझ में आता है कि इस कानून का लंबे समय तक दुरूपयोग हुआ। ऐसे में इस नियम में बदलाव करके मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। जिसका परिणाम दूरगामी होगा।

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