लगता है नेहरू-गांधी परिवार को SPG श्रेणी सुरक्षा न दिये जाने से कुछ लोग ज़्यादा ही बौखला गए हैं। इसीलिए वे आजकल अंट-संट बकते दिखाई दे रहे हैं। इसी श्रेणी में नई एंट्री है हमारे सर्टिफाइड दामाद जी रॉबर्ट वाड्रा, जिन्होंने एक छोटी सी घटना को रेप केस जैसे संवेदनशील मुद्दों से जो़ड़कर एसपीजी पर बहस करना चाहते हैं।
हुआ यूं कि प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा में चूक के कारण 26 नवम्बर को कांग्रेस के ही कुछ कार्यकर्ता बिना अनुमति के एक गाड़ी से प्रियंका के लोधी एस्टेट स्थित आवास में घुस आए। इसमें तीन पुरुष, तीन महिलाएं और एक बच्ची शामिल थी। ये लोग प्रियंका के समीप जाकर उनके साथ सेल्फी लेने को कह रहे थे। प्रियंका ने उनके साथ शिष्टाचार से बात की, उन्होंने प्रियंका के साथ फोटो ली और वहां से चले गए। हालांकि वाड्रा और अन्य कांग्रेसी नेता इस कहानी को गढ़ने में लगे हुए हैं कि वे लोग अज्ञात थे और सुरक्षा की चूक से अंदर आ गए और इससे बड़ा हादसा हो सकता था।
#PriyankaFakeBreach | Twist in the @priyankagandhi’s ‘security breach’. TIMES NOW investigates the ‘breach’.
TIMES NOW’s Bhavatosh with details. pic.twitter.com/9kIcZJlkch
— TIMES NOW (@TimesNow) December 3, 2019
परंतु बात वहीं पर नहीं रुकी। रॉबर्ट वाड्रा तो अपने कार्यकर्ताओं को ढाल बनाकर इतना भड़के कि उन्होंने फेसबुक पर एक ‘मार्मिक वृत्तांत’ ही छाप दी। महोदय लिखते हैं, “यह प्रियंका, मेरी बेटी या बेटे, मेरे या गांधी परिवार की सुरक्षा के बारे में नहीं है। यह हमारे नागरिकों, विशेष रूप से हमारे देश की महिलाओं को सुरक्षित रखने और सुरक्षित महसूस कराने को लेकर है। पूरे देश में सुरक्षा से समझौता किया जाता है। लड़कियों के साथ छेड़छाड़/ दुष्कर्म हो रहा है, हम किस तरह के समाज बनते जा रहे हैं? हर नागरिक की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है। यदि हम अपने देश और घर में सुरक्षित नहीं हैं, सड़कों पर सुरक्षित नहीं हैं, दिन या रात में सुरक्षित नहीं हैं तो हम कहां और किस तरह से सुरक्षित रह सकते हैं”?
जी हाँ, आपने ठीक पढ़ा। रॉबर्ट महोदय ने सीधे-सीधे प्रियंका के सुरक्षा में चूक की तुलना हैदराबाद के वर्तमान कांड से तुलना करने की कोशिश की है। लगता है महाशय द क्विंट के निकृष्टतम लेख को पढ़कर प्रभावित हुए होंगे और सोचे होंगे की हैं? हमसे निकृष्ट भी कोई है? जिस वंश ने दशकों ने देश के जनमानस का शोषण किया हो, जिस वंश के कारण देश की राष्ट्रीय सुरक्षा तक को ताक पर रखा गया हो, ऐसे वंश से संबन्धित एक व्यक्ति के मुंह से यह बातें न केवल ओछी प्रतीत होती है, अपितु इस वंश की हठधर्मिता को भी उजागर करती हैं।
रॉबर्ट वाड्रा क्या कहते हैं उन्हें खुद भी इसका अंदाजा नहीं होता। प्रियंका वाड्रा के सुरक्षा में एक चूक हुई है, तो वे अज्ञात लोगों का राग अलापने लगे, जोकि आखिर में उनके ही कार्यकर्ता मालूम होते हैं। गांधी परिवार को जेड श्रेणी की सिक्योरिटी मिली है फिर भी वे ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि उनका परिवार खतरे में है।
देश में हैदराबाद कांड से लड़कियों की सुरक्षा पर एक बहस छिड़ी हुई है और इसी का लाभ उठाकर वे एक छोटी सी घटना को एक नई कहानी के रूप में पेश करना चाहते हैं। रेप केस, महिलाओं की सुरक्षा इत्यादि से राबर्ट वाड्रा एसपीजी पर राजनीति करना चाह रहे हैं।
परंतु इस प्रकरण से एक बात तो स्पष्ट हो गयी है, की रॉबर्ट वाड्रा नेहरू गांधी परिवार के सुरक्षा हटाये जाने से बदहवास हुए पड़े हैं। शायद इसीलिए उन्होंने बौखलाहट में ऐसी हास्यास्पद तुलना की है। अब होनी को कौन टाल सकता है वाड्रा बाबू?