सोनिया की अगुवाई वाली कांग्रेस के नेता अधीर रजंन कह रहे हैं- मोदी-शाह गुजरात के घुसपैठिए हैं

ये भाई साहब कह रहे है कि अपने गुजराती भाई लोग घुसपैठिए हैं और इटली की मैडम देसी

अधीर रंजन

लोकसभा में कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष ने NRC के मुद्दे पर एक नया विवाद छेड़ दिया है। ANI से बातचीत के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नागरिकता पर ही प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए हैं।

अखिल भारतीय एनआरसी के विरोध में अधीर रंजन ने कहा, हिंदुस्तान सब के लिए है, ये हिंदुस्तान किसी की जागीर है क्या? सबका समान अधिकार है। अमित शाह जी, नरेंद्र मोदी जी, आप खुद घुसपैठिए हैं। घर आपका गुजरात, गए दिल्ली, आप खुद माइग्रेंट हैं अर्थात अधीर बाबू के अनुसार पीएम मोदी और अमित शाह अपने ही देश में घुसपैठिए हैं।

इससे स्पष्ट होता है कि अधीर बाबू के पास ना तो वैधानिक ज्ञान है, ना ही संवैधानिक ज्ञान है और ना ही व्यावहारिक ज्ञान हैं, वरना खुद कांग्रेस में गैर गांधी होकर एक वरिष्ठ नेता माने जाने वाले व्यक्ति से भला कोई ऐसे ओछे बयान की आशा क्यों करेगा।

परन्तु अधीर बाबू ने फिर भी एक रोचक बहस छेड़ी है और हमें आशा है कि वे हमारे प्रश्नों का उचित उत्तर दे पाएंगे। हमें तो लगता था कि संविधान के अनुसार भारत देश के किसी भी कोने में बसने और कार्य करने के लिए स्वतन्त्र हैं। ऐसे में क्या सोचकर अधीर बाबू ने यह बयान दिया, यह हमारी समझ में नहीं आता। यह सत्य है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह गुजरात से दिल्ली आ गए थे। परन्तु ऐसे तो कई कांग्रेसी सांसद आए, और हम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कैसे भूल सकते हैं? वह तो सरहद पार से आकर यहां बसे थे।

अधीर रंजन चौधुरी की माने तो एक राज्य से दूसरे राज्य में आने वाले भारतीय घुसपैठिए हैं। हम अवश्य जानना चाहेंगे कि उन्हें यह आत्मानुभूति कहां से मिली।

अधीर रंजन चौधरी की राय है कि एक अखिल भारतीय NRC को विभिन्न राज्यों के प्रवासियों के खिलाफ निर्देशित किया जाएगा, जो अन्य राज्यों में नौकरी या अन्य उद्देश्यों के लिए बसे हैं। हालांकि एनआरसी का उद्देश्य विशेष रूप से  अवैध प्रवासियों ’को बाहर निकालना है। किसी भी तरह से ‘प्रवासियों’ और ‘अवैध अप्रवासियों ’के शब्दों को परस्पर नहीं जोड़ा जा सकता है

लेकिन फिर, हम कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेताओं की तुलना में क्या जानते हैं? अधीर रंजन चौधरी शायद दिल से एक कलाकार हैं, जो सभी घटनाओं को मनोरंजक नजरिए से देखते हैं, और उसकी धारणा ‘सजातीय’ नहीं है।

अगर ऐसा नहीं होता, तो वह आदमी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी इटैलियन घुसपैठ कहता, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। वह अपने आप को एक ‘बंगाली घुसपैठ ‘ के रूप में संबोधित करते, क्योंकि वह पश्चिम बंगाल से आते हैं।  यह घटना कांग्रेस पार्टी के लिए विशिष्ट है, क्योंकि यह लुटियंस को एक संप्रभु इकाई मानने के लिए प्रतिबद्ध है, जो किसी को भी यथास्थिति परिवर्तित करने के लिए घृणा करती है। आसान भाषा में इसे मूर्खता भी कहा जाएगा।

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