जानिए आखिर क्यों फरहान अख्तर को कॉलेज से निकाला गया

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन में आधे से ज्यादा बॉलीवुड दिग्गज उतर चुके हैं और सबसे मजे की बात तो यह है कि इनमें से किसी को ढंग से इस कानून के बारे में पता ही नहीं है। परंतु सब विरोध कर रहे हैं तो इसलिए ये भी विरोध करने उतर गए हैं। जाने-माने एक्टर फरहान अख्तर भी इसी प्रकार के एक अभिनेता है जिन्हें इस विषय के बारे में या इस कानून के बारे कुछ अता-पता नहीं है लेकिन फिर भी बस उन्हें विरोध करना है।

हाल ही में उन्होंने ट्विटर पर एक फोटो भी शेयर किया था और रैली के आयोजन में शामिल होने का आह्वान किया था जिसके बाद उनकी खूब आलोचना भी हुई थी क्योंकि उनके पोस्ट में भारत का क्षत-विक्षत मानचित्र था। हाल ही में उन्हें हैदराबाद पुलिस ने कथित रूप से मुस्लिम और दलित समुदायों को उकसाने के लिए उनपर मामला दर्ज किया है। इससे पहले फरहान अख्तर ने 19 दिसम्बर को मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में विरोध प्रदर्शन की जरूरत बताते हुए सोशल मीडिया पर एक ट्वीट थ्रेड पोस्ट किया था।

हालांकि, फरहान अख्तर ने अपने ट्वीट में लगाए गए भारत के गलत नक्शे के लिए माफी मांगी ली थी, लेकिन उस पोस्ट में जो लिखा था वे उसका समर्थन ही कर रहे थे। फरहान अख्तर द्वारा साझा किये गये पोस्टर में यह लिखा था कि CAA और NRC के कारण “भारतीय मुसलमानों” को स्टेटलेस घोषित कर रहा था जो कि पूरी तरह से झूठ है। उनका वह पोस्ट यह भी आरोप लगा रहा था कि NRC-CAA ट्रांसजेंडर, नास्तिक, महिला, आदिवासी और गरीबों को देश से बाहर कर देगा। बता दें कि उस पोस्ट पर एक जिहादी ग्रुप आई स्टैंड विद कश्मीर के लोगो के साथ भारत का क्षत-विक्षत मानचित्र था।

उस ग्राफिक पोस्ट में यह दावा किया गया था कि CAA के तहत गैर-मुस्लिमों को स्वचालित रूप से दस्तावेजों के बिना नागरिकता दी जाएगी। इसके विपरीत, CAA  सिर्फ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से गैर-मुस्लिमों की केवल CA फास्ट-ट्रैक ’नागरिकता प्राप्त देगी वह भी जो 31 दिसंबर 2014 से पहले आए है। इस पोस्ट में NRC में नाम के लिए कटऑफ तारीख 1971 बता रहा है जबकि बता दें कि अभी तक NRC बना ही नहीं है और उसके के लिए किसी भी प्रकार के नियम तय नहीं हुए है।

हालांकि, हद तो तब हो गयी जब अगस्त क्रांति मैदान विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के दौरान मीडिया के साथ उनकी बातचीत हुई जिसमें उनसे CAA के बारे में पूछा गया। उनके उत्तर सुनकर तो आप भी हैरान रह जायेंगे। उन्हें यह भी पता नहीं था कि आखिर CAA  है क्या। उन्होंने बस टालमटोल करने वाले जवाब दिये। फरहान ने कहा, ‘अगर आप इस मुद्दे पर गहराई में जाएंगे, तो आप समझेंगे कि कुछ बुरा है। अगर सबकुछ सही था, तो इस बिल के बारे में इतने सारे लोग चिंतित क्यों होंगे?

इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों का उल्लेख करते हुए एक रिपोर्टर ने उनसे दोबारा सवाल किया, तो फरहान ने कहा, “तो घर जाओ साहब, क्यों हैं? आप इस प्रदर्शन को कवर कर रहे हैं?”

 

यह तो फरहान के ज्ञान का प्रदर्शन था जो उस मुद्दे पर विरोध करने उतर गए जिसके बारे में उन्हें कुछ भी ज्ञान नहीं था। मजेदार बात है कि फरहान ने जिस रिपोर्टर को उन्होंने जवाब दिया, वह एनडीटीवी रिपोर्टर था, जो मुख्य रूप से सीएए का विरोध करने वाला चैनल है।

बता दें कि फरहान अख्तर एक कॉलेज ड्रॉपआउट है जिन्हें HR College of Commerce and Economics कॉलेज से B.com सेकंड इयर में कम अटेंडेंस के कारण निकाल दिया गया था।

ये वही लोग है जो अपने आप को बुद्धिजीवी समझते हैं और ऐसा लगता है जैसे समाज के सभी मुद्दों पर यही सबसे अधिक जानते हैं। ये वही फरहान अख्तर है जिनके पिता ने एक खिलाड़ी को उनके पढ़े लिखे न होने के कारण ट्रोल किया था। अब फरहान अख्तर बिना ग्रेजुएशन कंप्लीट किए और नागरिकता कानून को पढ़े बिना ही इसका विरोध करने सड़क पर उतार आए है।

फरहान अख्तर को इस तरह अपनी बेवकूफी को डिफ़ेंड करने के लिए सोशल मीडिया पर उन्हें खूब लताड़ लगाई गई। IPS अफसर D. Roopa ने लिखा कि अगर फरहान अख्तर जैसे सेलिब्रेटी को CAA के बारे में कुछ नहीं पता तो बाकी प्रोटेस्टर्स को कितना पता होगा। बिना जाने ही कई लोग ऐसे ही इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इसे मोब मेंटलिटी ही कहते हैं।

यह हास्यास्पद है कि पद्मावत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जैसे मुद्दों पर अपनी बुद्धि का प्रदर्शन करने में समय बर्बाद करने वाले फरहान अख्तर को यह पता नहीं है कि CAA है क्या।

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