कई बिलियन डॉलर की डील रद्द करने के बाद अब भारत निकालेगा तुर्की के Erdogan की हेकड़ी

तुर्की

पहले मलेशिया, अब तुर्की। सरकारी अधिकारियों की माने तो भारत इन दोनों देशों के साथ ही व्यापार कम करने पर विचार कर रही है, और इन दोनों देशों से इम्पोर्ट होने वाले सामान की मात्रा कम कर सकती है। रोयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार मलेशिया से पेट्रोल और गैस का आयात कम करने के साथ ही तुर्की से भी तेल और स्टील मंगाना कम कर सकती है। इससे पहले पिछले वर्ष अक्टूबर में भारत ने कश्मीर पर Turkey के राष्ट्रपति एर्दोगन की बेतुकी बयानबाजी के बाद भारतीय पर्यटकों को तुर्की घूमने जाने के संबंध में अलर्ट जारी किया था। इसके अलावा तुर्की की एक कंपनी के साथ कई बिलियन डॉलर की डील को भी भारत सरकार द्वारा रद्द कर दिया गया था। अब उसके बाद तुर्की के खिलाफ भारत सरकार का यह सबसे नया एक्शन होगा।

तुर्की के साथ भारत के कूटनीतिक रिश्ते पिछले साल से ही खराब चल रहे हैं जब तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने यूएन में खड़े होकर कश्मीर मुद्दे पर भारत की आलोचना की थी। इसके अलावा कई अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी Turkey भारत के हितों के खिलाफ जाकर पाकिस्तान का पक्ष लेता आया है। उदाहरण के तौर पर NSG में पाकिस्तान की सदस्यता का समर्थन और FATF में पाकिस्तान की पैरवी करने से भी नई दिल्ली में Ankara (अंकारा) के खिलाफ गुस्सा है। अब भारत सरकार चाहती है कि इसके लिए दंड के रूप में तुर्की से होने वाले इम्पोर्ट को कम किया जाये।

इससे पहले मंगलवार को यह खबर आई थी कि पाम ऑयल के बाद Malaysia से इम्पोर्ट होने वाली अन्य चीज़ें जैसे micro-processor को भारत सरकार ने निशाना बनाना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कस्टम अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे Malaysia से आयात होने वाले माइक्रो प्रोसेसर्स की क्वॉलिटी कंट्रोल पर कड़ी नजर रखें। इन चिपों का प्रयोग टेलिकॉम डिवाइसों को बनाने में होता है। बता दें कि Malaysia से आयात होने वाली माइक्रो प्रोसेसर्स चिप को भारत टेक्निकल ग्राउंड्स पर बैन करने पर विचार कर रहा है। बता दें कि माइक्रो प्रोसेसर के साथ ही भारत द्वारा तांबा, एलुमिनियम वायर कंप्यूटर और टेलीकॉम प्रोडक्ट, टर्बोजेट और लिक्विड नेचुरल गैस पर भी कंट्रोल लगाने की पूरी तैयारी है। अगर भारत इन सभी चीजों के आयात पर भी रोक लगाता है, तो मलेशिया की अर्थव्यवस्था को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

तुर्की के खिलाफ भारत पिछले वर्ष से लेकर अब तक कई कदम उठा चुका है। पिछले वर्ष अक्टूबर में तुर्की की राजधानी अंकारा में मौजूद भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों को तुर्की की यात्रा ना करने की चेतावनी जारी की थी। भारतीय दूतावास ने तुर्की के आस-पास के इलाकों में सुरक्षा कारणों का हवाला देकर इस चेतावनी को जारी किया था। माना जा रहा था कि इसके जरिये भारत सरकार ने भारतीय पर्यटकों को तुर्की में जाने से रोकने की कोशिश की थी, वह भी ऐसे समय में जब तुर्की में जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी-भरकम 56 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली थी।

इसके साथ ही भारत सरकार ने तुर्की की एक कंपनी के साथ 2.3 बिलियन डॉलर की डील को रद्द कर दिया था। इसके अलावा उसी महीने भारत ने Turkey को दिए जाने वाले डिफेंस एक्सपोर्ट में भी कटौती की थी। इसके जरिये भारत ने तुर्की को यह संदेश भेजने की कोशिश की थी कि भारत सरकार Turkey के रवैये से बिलकुल भी खुश नहीं है, लेकिन इसके बाद जिस तरह तुर्की ने NSG और FATF में पाकिस्तान का खुलेआम पक्ष लिया है, तो उसके बाद भारत Turkey के इम्पोर्ट्स को सीमित कर उसकी अर्थव्यवस्था को झटका पहुंचा सकता है। अब तुर्की इसको लेकर क्या जवाब देता है, इसके लिए तो हमें इंतज़ार करना होगा।

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