दुनिया में जैसे-जैस कोरोना वायरस की जद में आने वाले देशों की संख्या बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे भारत में भी इस जानलेवा वायरस से पीड़ित संदिग्ध मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। मध्य प्रदेश, मुंबई और दिल्ली में ऐसे कई रोगियों की पहचान की गयी है जिनपर शक है कि वे कोरोना वायरस से पीड़ित हो सकते हैं, लेकिन अब तक कोई भी मामला पुष्ट नहीं हो सका है, जो राहत की बात है। दक्षिण एशिया में नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका जैसे देश पहले ही कोरोना वायरस के मरीजों की पुष्टि कर चुके हैं, अब डर है कि कहीं भारत में यह भयंकर वायरस ना फैल जाये। इसके लिए भारत सरकार कई कदम उठा रही है और कई कदम उठाए जा चुके हैं, लेकिन भारत के डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों को अभी बड़े खतरे से मुक़ाबला करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
बता दें कि संक्रमण की आशंका में जयपुर, मुंबई, पटना, बेंगलुरू, उज्जैन सहित विभिन्न शहरों में 14 लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। कोलकाता में चीन की एक महिला को बीमार होने पर आइसोलेशन वार्ड में रखा गया। देशभर में 450 लोग निगरानी में हैं। भारत में अभी तक कोरोना वायरस का कोई केस कन्फर्म नहीं हुआ है। केंद्र के अधिकारियों ने सोमवार को बैठक कर कोरोना वायरस से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया। प. बंगाल, उत्तराखंड, यूपी, बिहार और सिक्किम को निर्देश दिए गए हैं कि नेपाल से आने वालों की स्क्रीनिंग की जाए। प. बंगाल के पानीटंकी, उत्तराखंड के जुआलघाट और जौलजिबी में पहले ही स्क्रीनिंग की जा रही है।
डॉक्टर्स के मुताबिक कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण के रूप में सिरदर्द, नाक बहना, खांसी आना, गले में खराश होना, बुखार आना, बार-बार अस्वस्थ्य होना, छींक आना, थकान महसूस होने के साथ, निमोनिया, फेफड़ों में सूजन दिखाई देगी। यदि किसी व्यक्ति में इस प्रकार के लक्षण हों और वह 14 दिन के भीतर किसी ऐसे बीमार व्यक्ति के संपर्क में आया हो तो जांच करवाना जरूरी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत ने चीन के हूबेइ प्रांत में फंसे भारतीयों को अब बाहर निकालना शुरू कर दिया है और चीन में भारतीय राजदूत लगातार स्थिति को लेकर चीनी अधिकारियों और भारतीय नागरिकों के संपर्क में हैं।
⚠️ #CoronaVirusOutbreak Update
We have begun the process to prepare for evacuation of Indian nationals affected by the situation arising out of nCorona-2019 virus outbreak in Hubei Province, China. (1/2)
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) January 28, 2020
अब इससे स्पष्ट हो गया है कि भारत में डॉक्टर्स और अस्पतालों को कोरोना वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार होने की ज़रूरत है। अलग-अलग राज्यों के स्वास्थ्य विभाग इस वायरस को लेकर पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ चुके हैं। वहीं, तमिलनाडु के सिद्धा डॉक्टर के अनुसार, उन्होंने एक हर्बल दवा की खोज की है जो कोरोनावायरस का इलाज कर सकता है। एएनआइ से उन्होंने बताया, ‘हमने जड़ी बूटियों से दवा बनाई है। यह किसी भी तरह के वायरल बुखार का इलाज करने में काफी प्रभावी है।’
सरकार, अस्पताल और देश के वैज्ञानिक अगर पूरी सतर्कता से इस बीमारी को महामारी बनने से रोकने में सफल होते हैं, तो भारत की बड़ी आबादी को इस खतरनाक वायरस के प्रकोप से बचाया जा सकता है। भारत में डॉक्टर्स को इस वायरस पर अनुसंधान करने की आवश्यकता है ताकि इसके इलाज़ को जल्द से जल्द ढूंढा जा सके। मानवता की रक्षा के लिए इस वायरस और बीमारी का इलाज़ निकालना ही सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए।