अभिनेता नसीरुद्दीन शाह एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार भी गलत कारणों से। द वायर को हाल ही में दिये एक इंटरव्यू में उन्होंने न केवल पीएम मोदी पर तंज़ कसने की कोशिश की, बल्कि अपने ही समकालीन और चर्चित अभिनेता अनुपम खेर को भी अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। द वायर को दिये अपने साक्षात्कार में नसीरुद्दीन शाह ने एक बार फिर अपना ट्रेडमार्क मुसलमान identity वाला राग अलापते हुए कहा, “भारत में 70 साल रहने के बावजूद ये साबित नहीं किया जा सकता है कि मैं इस देश का नागरिक हूं तो मुझे नहीं पता फिर किससे ये साबित होगा। मौजूदा दौर की बात करूं तो मैं ये कहना चाहता हूं कि मैं किसी से डरता नहीं हूं, ना ही मैं बैचेन हूं लेकिन मैं बेहद गुस्सा हूं’। कल तक देश में डरने वाले नसीरुद्दीन शाह आज गुस्सा हैं और अचानक से उन्हें देश के विद्यार्थियों की चिंता भी सताने लगी है। ये चिंता ऐसी है कि देश के प्रधानमंत्री की शिक्षा पर ही तंज कसने लगे।
नसीरुद्दीन ने पीएम मोदी के शैक्षणिक बैकग्राउंड पर तंज कसते हुए कहा, “मुझे जो बात सबसे ज़्यादा चुभती है, वो है इन लोगों का विद्यार्थियों के प्रति नफरत, बुद्धिजीवियों के लिए नफरत। जिन्हें पता नहीं कि विद्यार्थी होना क्या होता है, या जो लोग कभी भी बौद्धिक विकास में नहीं रमे हों, वही विद्यार्थियों और बुद्धिजीवियों को कीड़े मकोड़ों समान समझेंगे। ऐसे में कोई हैरानी की बात नहीं है कि हमारे प्रधानमंत्री विद्यार्थियों के प्रति बेहद असंवेदनशील हैं। वे खुद कभी स्टूडेंट नहीं रहे हैं, यही कारण है कि पीएम मोदी छात्रों और बुद्धिजीवियों के प्रति बेहद असंवेदनशील रवैया अपना रहे हैं”। प्रदर्शन की आड़ में छात्रों के जरिये राजनीति भला किससे छुपी है, परन्तु इस बात को समझते हुए भी वो छात्रों को समझाने और उन्हें सही दिशा देने की बजाय उन्हें और भड़काने में जुट गये। यही नहीं अपने दोहरे रुख का परिचय देते हुए नसीरुद्दीन शाह ने दीपिका के जेएनयू जाने के कदम को सराहा और अनुपम खेर को चापलूस कह दिया।
दरअसल, इंटरव्यू के दौरान जब नसीरुद्दीन शाह से दीपिका पादुकोण के जेएनयू दौरे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने उनकी तारीफ करते हुए कहा, “आपको दीपिका जैसी लड़की के साहस की दाद देनी पड़ेगी। वो टॉप फोर में गिनी जाती हैं और फिर भी उन्होंने यह कदम उठाया। ठीक है, वो कुछ एड खो देगी, पर क्या वो गरीब हो जाएगी? क्या वे उसे कम सुंदर बना देगी? फिल्म इंडस्ट्री में केवल एक देवता की पूजा होती है, और वो है पैसा। उनकी चुप्पी उतनी आवश्यक नहीं है जितना कि युवा पीढ़ी का जोश और उत्साह”।
परंतु नसीरुद्दीन शाह अपनी हदें तब लांघ गए, जब उन्होंने अनुपम खेर को निशाने पर लेते हुए उनके लिए विष उगला। नसीरुद्दीन ने अनुपम के बारे में कहा, “अनुपम खेर जैसे लोग काफी मुखर रहे हैं और मुझे नहीं लगता है कि उन्हें गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। वह जोकर हैं और एनएसडी और एफटीआईआई का कोई भी उनका समकालीन यह बात कह सकता है कि उनका बर्ताव साइकोपैंथिक रहा है। यह उनके खून में है और वह इसके बारे में कुछ नहीं कर सकते हैं।”
यहीं पर नसीरुद्दीन शाह ने गलती कर दी। यदि वे अपने पुराने बयानों पर ही कायम रहते, तो एक बार को समझा जा सकता था कि वे केवल विपक्ष की पैरवी कर रहे हैं। परंतु अनुपम खेर के लिए जो विष उनके मुंह से निकला, उससे स्पष्ट होता है कि वे स्वयं कितने सहिष्णु है। परंतु यह पहली बार नहीं है जब नसीरुद्दीन शाह ने किसी व्यक्ति को उसके मुखर स्वभाव के लिए निशाने पर लिया हो।
2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विराट कोहली के आक्रामक स्वभाव ने जहां प्रशंसकों का दिल जीता, तो वहीं नसीरुद्दीन शाह ने फेसबुक पर पोस्ट किया, ‘विराट कोहली न सिर्फ दुनिया के बेस्ट बैट्समैन हैं बल्कि दुनिया के सबसे खराब व्यवहार करने वाले प्लेयर भी हैं। उनकी क्रिकेटिंग क्षमता उनके ऐरोगेंस और बुरे व्यवहार के आगे फीकी पड़ जाती है। वैसे मेरा इरादा देश छोड़ने का नहीं है।’ पर नसीरुद्दीन ने इस बात को सोशल मीडिया पर पोस्ट क्या किया, क्रिकेट समर्थक नसीरुद्दीन पर टूट पड़े और उन्होंने नसीरुद्दीन शाह को जमकर ट्रोल किया। एक फॉलोवर ने कमेंट में उन्हें ‘इकबाल’ मूवी का डायलॉग याद कराया, तो वहीं एक दूसरे समर्थक ने लिखा कि, आपके कमेंट्स हमने ऐसे समय में कभी नहीं पढ़े, जब भारतीय टीम आस्ट्रेलिया में जाकर उन्हें हराती है।
अब भला अनुपम खेर नसीरुद्दीन शाह की टिप्पणी पर कैसे शांत रह सकते? उन्होंने तुरंत एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, “हालांकि मैंने कभी भी आपके बारे में कुछ बुरा नहीं कहा था लेकिन अब बोलूंगा। इतना कुछ हासिल करने के बाद भी आपने अपनी पूरी जिंदगी हताशा में गुजारी। अगर आप दिलीप कुमार साहब, अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, शाहरुख खान और विराट कोहली की आलोचना कर सकते हैं तो मेरा विश्वास है कि मैं फिर सही कंपनी में हूं।”
जनाब नसीरुदिन शाह साब के लिए मेरा प्यार भरा पैग़ाम!!! वो मुझसे बड़े है। उम्र में भी और तजुर्बे में भी। मै हमेशा से उनकी कला की इज़्ज़त करता आया हूँ और करता रहूँगा। पर कभी कभी कुछ बातों का दो टूक जवाब देना बहुत ज़रूरी होता। ये है मेरा जवाब। 🙏 pic.twitter.com/M4vb8RjGjj
— Anupam Kher (@AnupamPKher) January 22, 2020
अनुपम खेर ने कहा, ‘‘इनमें से किसी ने भी आपके बयान को गंभीरता से नहीं लिया क्योंकि हम सभी जानते हैं कि वर्षों से जिन पदार्थों का सेवन आप कर रहे हैं यह उसकी नतीजा है। आप सही और गलत के बीच अंतर नहीं जानते हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘और आपको पता है क्या कि मेरे खून में क्या है? हिंदुस्तान है। इसे समझें।”
लगता है नसीरुद्दीन शाह ने अपने पिछले कारनामों से कोई सबक नहीं लिया है, तभी वे एक बार फिर सांप्रदायिकता फैलाते हुए दिखाई दिये। जिस प्रकार से उसने अनुपम खेर को अपमानित करने का प्रयास किया, उसमें मियां नसीरुद्दीन की कुंठा साफ झलकती है, और कुंठा का इलाज मानव तो क्या, स्वयं ईश्वर भी नहीं सकते।