दिल्ली के चुनावी खेल में भाजपा की वापसी हो गयी है, कारण शाहीन बाग में जारी प्रोटेस्ट है

शाहीन बाग

दिल्ली में चुनाव होने वाले हैं और इस चुनाव में एक महीने पहले तक दिल्ली के मौजूदा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी जीतती नजर आ रही थी। परंतु परन्तु अब दिल्ली का राजनीतिक परिदृश्य बदला हुआ नजर आ रहा है। अब दिल्ली की राजनीति में हलचल मचाते हुए, BJP के ग्राफ को बढ़ा दिया है और वह घटना है शाहीन बाग।

शहीर बाग में CAA और NRC के विरुद्ध प्रदर्शन जामिया और सीलमपुर की हिंसक घटना के बाद सुनियोजित तरीके से आयोजित किया गया था और इसका एक ही मकसद है कि केंद्र सरकार को पहले CAA-NRC पर झुकाया जाए और फिर उसके बाद कश्मीर के मुद्दे पर। लेकिन जैसे-जैसे शाहीन बाग का यह प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे आम जनता को होने वाली असुविधा भी बढ़ती जा रही है। इस प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी की संलिप्प्ता और इस प्रदर्शन को समर्थन से दिल्ली की जनता खिझती जा रही है। यही कारण है कि विधान सभा चुनावों में BJP का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।

इस प्रदर्शन की शुरुआत CAA के पारित होने और उसके बाद जामिया मिलिया में हिंसक प्रदर्शन से हुई जब दिल्ली पुलिस पर पत्थरबाजी की गयी जिसे जनता ने स्पष्ट रूप से देखा। जामिया के कथित छात्रों ने पत्थरबाजी ही नहीं की बल्कि सार्वजनिक वस्तुओं की तोड़-फोड़ और आगजनी भी की। उग्र भीड़ के इस प्रदर्शन में पुलिस तो पुलिस, बच्चों के स्कूल बस को भी नहीं छोड़ा गया और उन पर भी पत्थरबाजी हुई। इस घटना को दिल्ली वासियों ने अपने सोशल मीडिया की आंखो से देखा। जब घटना की जांच हुई तो इसमें आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं के हाथ होने का खुलासा हुआ जिससे जनता ने समाचार पत्रों में भी पढ़ा। इस हिंसा के दौरान आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री सीसोदिया ने तो अपने एजेंडे के लिए दिल्ली पुलिस पर ही बस जलाने का आरोप लगा दिया था। जब कई वीडियो सामने आए तो उनके इस झूठ का पर्दाफाश हुआ। सीलमपुर में हिंसक भीड़ के नेतृत्व करने के आरोपी अब्दुल रहमान को आम आदमी पार्टी ने सीलमपुर से टिकट थमाई। वोट बैंक की राजनीति में अरविंद केजरीवाल ने नैतिकता और न्याय को ताक पर रखते हुए ऐसे दंगाइयों को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

जब केंद्र सरकार इन हिंसक प्रदर्शनों के बाद भी नहीं झुकी तब इसे मानवीय रूप दिया गया और गांधीगिरी का चोला पहनाया गया और इस नाटक के लिए मैदान चुना गया शाहीन बाग का जिससे दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाला कालिंदी कुंज का रास्ता बंद हो जाए।

अब तक इस प्रदर्शन को 39 दिन हो चुके हैं और अगर 39 दिनों तक लाखों लोगों को ऑफिस आने और जाने में परेशानी हो तो उसका असर मानसिकता पर भी पड़ता है। बच्चे परीक्षा के वक्त भी 2-2 घंटे सड़कों पर बर्बाद कर रहे हैं, ऑफिस जाने वाले लोगों, व्यापारियों को इससे परेशानी हो रही है। कालिंदी कुंज का रास्ता बंद होने के कारण लोगों को DND एक्सप्रेस-वे से होकर गुजरना पड़ रहा है।

इस प्रदर्शन में दिल्ली वासियों ने एक औ बात देखी और वो है इस बेतुके प्रदर्शन में महिलाओं की भागीदारी और बच्चों का ठंड के मौसम में राजनीतिकरण। इस प्रदर्शन में बच्चो को इस प्रकार से brainwash किया गया है कि वे मोदी और अमित शाह को मारने की बात कर रहे हैं। बच्चों के इस्तेमाल पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग यानी कि NCPCR ने भी नोटिस जारी किया है। यही नहीं प्रदर्शनकारियों का साथ देने कई बार कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियों के नेता, फिल्म अभिनेता वहां पर पहुंचे हैं और आज दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने तो स्पष्ट कह दिया है कि हम शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के साथ हैं। इससे न सिर्फ आम आदमी पार्टी की साख गिरि है बल्कि कांग्रेस का तो मौका ही खत्म हो गया।

प्रदर्शन का मामला दिल्ली हाई कोर्ट तक भी पहुंचा था, जहां कोर्ट ने पुलिस को कानून के मुताबिक एक्शन लेने की बात कही थी। दिल्ली पुलिस की ओर से इसके बाद प्रदर्शनकारियों से हटने की अपील की गई थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पीछे हटने से इनकार कर दिया।

इसका खामियाजा स्पष्ट रूप से आम आदमी पार्टी को होने जा रहा है और इसका फायदा BJP को होगा। इस प्रदर्शन से पहले जहां यह अनुमान लगाया जा रहा था कि BJP 10-12 सीटें जीतेगी लेकिन अब अगर जमीनी स्तर पर देखे तो एक महीने के बाद अब राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदला हुआ नजर आ रहा है जहां BJP चुनावों में कड़ी टक्कर देते हुए जीतती हुई नजर आ रही है।

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