सावरकर और गोडसे पर अभद्र टिप्पणी काँग्रेस की ओछी राजनीति को दर्शाती है

मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवा दल की पत्रिका ने सावरकर पर उठाए बेहद अभद्र सवाल

वीर सावरकर

(PC: India Today)

पिछले कुछ वर्षो में जब से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कांग्रेस पार्टी की कमान संभाली है, इतना तो स्पष्ट हो चुका है की पार्टी के लिए ये किसी मुसीबत से कम नहीं है। परंतु ऐसा किसी ने भी सोचा नहीं होगा कि उनके नेतृत्व में कांग्रेस इस हद तक भी गिर सकती है कि वे वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच समलैंगिक संबंध स्थापित करने का प्रयास करे। वीर सावरकर को नीचा दिखाने की लड़ाई में कांग्रेस ने निकृष्टता की सभी सीमाएं पार करते हुए ये दिखाने का प्रयास किया है कि वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच किस प्रकार के संबंध थे।

कांग्रेस पार्टी का सामाजिक अंग माने जाने वाले कांग्रेस सेवा दल ने एक आपत्तिजनक पत्रिका को हाल ही में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बैरागढ़ क्षेत्र में आयोजित बैठक में बंटवाया। इस पत्रिका का शीर्षक था ‘वीर सावरकर कितने वीर’, जिसमें वीर सावरकर के बारे में बेहद आपत्तिजनक आरोप लगाए हैं। इसके साथ साथ भारत के हजारों वर्ष पुराने गुरु शिष्य परंपरा का भी इस पत्रिका ने उपहास उड़ाया है।

‘फ़्रीडम एट मिडनाइट’ पुस्तक के अंश का उल्लेख करते हुए पत्रिका लिखती है, “ब्रह्मचर्य का पालन करने से पहले नाथूराम गोडसे के शारीरिक सम्बन्धों का केवल एक उल्लेख मिलता है, जिसमें उनके संबंध वीर सावरकर से पाये गए थे। क्या सावरकर ने हिंदुओं को अल्पसंख्यक महिलाओं का दुष्कर्म करने को प्रेरित किया? हाँ, उन्होने ऐसा किया”।

इस पत्रिका में राहुल गांधी की विचारधारा को लागू करने का भरसक प्रयास किया गया, क्योंकि राहुल गांधी मुखर रूप से सावरकर के विरोधी रहे हैं। ‘भारत बचाओ रैली’ में उन्होने अपने आप को वीर सावरकर से तुलना करते हुए कहा, “मैं राहुल गांधी हूँ, राहुल सावरकर नहीं कि मैं माफी मांगता फिरूँ”।

इस पत्रिका में यहाँ तक लिखा गया है कि वीर सावरकर जब 12 वर्ष के थे, तो उन्होने एक मस्जिद पर पत्थरबाजी भी की थी। इस पत्रिका में आरएसएस को नाजीवाद और फासीवाद का समर्थक बताया गया है और यह भी कहा गया है कि वे इन दोनों आदर्शों पर आज भी चलती हैं।

इस अपमानजनक कृत्य का बचाव करते हुए कांग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष लालजी देसाई कहते हैं, ‘ये तथ्यों पर आधारित हैं, और जनता को यह जानना आवश्यक है कि जिनहे भाजपा नायकों के तौर पर दिखा रही है, वे वास्तव में क्या थे”।

जिस व्यक्ति ने भारत की स्वतन्त्रता में अपना सर्वस्व अर्पण किया, उसके लिए ऐसे ओछी मानसिकता प्रदर्शित कर कांग्रेस ने केवल अपने पतन को ही निमंत्रण दिया है। कांग्रेस की वर्तमान विचारधारा किसी के लिए भी आदर्श नहीं होती। बीआर अंबेडकर से लेकर पीवी नरसिम्हा राव तक, और अब वीर सावरकर के लिए ऐसी ओछी बातें प्रकाशित कर कांग्रेस ने सिद्ध कर दिया कि उनके लिए केवल नेहरू गांधी परिवार की भलाई ही सर्वोपरि है, चाहे देश और देश के लोग के साथ कुछ भी हो जाये। जो कांग्रेस पार्टी ने वीर सावरकर के लिए प्रकाशित किया है, वो किसी भी स्थिति में क्षमा योग्य नहीं है।

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