शर्जील इमाम नार्थ-ईस्ट को भारत से अलग करने चला था, अब खुद 6 राज्यों की पुलिस से भागे भागे फिर रहा है

भाग शर्जील भाग!

शर्जील इमाम

शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन में असम को भारत से अलग करने की शर्जील इमाम ने मांग क्या की, उसे लेने के देने पड़ गए। करीब 6 राज्यों की पुलिस से उसके पीछे है । जहां शर्जील भागे भागे फिर रहे हैं, तो वहीं उनके प्रशंसक सरकार द्वारा उचित कदम उठाए जाने पर अपनी छाती पीट रहे हैं।

अब तक शर्जील इमाम के विरुद्ध मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम, दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं बिहार की पुलिस ने धारा 124 अ एवं UAPA कानून के अंतर्गत केस दर्ज कराया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो दिल्ली, यूपी एवं बिहार पुलिस की एक संयुक्त टीम शर्जील इमाम को धर दबोचने के लिए निकल भी चुकी है। पुलिस ने इसी संबंध में शर्जील के जहानाबाद में स्थित पुश्तैनी आवास पर भी छापा डाला है

शर्जील को मुसीबत में फँसता देख उसकी माँ ने सफाई देने की कोशिश की है। शर्जील की माँ के अनुसार, “शर्जील को एक ऐसे बयान के लिए फंसाया जा रहा है जिसे मीडिया ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। शर्जील ने केवल पुलिस की हठधर्मिता के विरुद्ध प्रोटेस्ट किया था। परंतु अब वही पुलिस और सरकारी एजेंट अब हमारे परिवार वालों को सता रहे हैं”।

कुछ ही दिन पहले शर्जील इमाम ने दावा किया था कि वे 5 लाख लोगों की सहायता से भारत को छिन्न भिन्न कर सकते हैं और पूर्वोत्तर भारत को बाकी देश से अलग कर सकते हैं। शर्जील कहते हैं,  “असम को भारत से काटना हमारी ज़िम्मेदारी है। जब तक असम और भारत अलग नहीं होते, तब तक वो हमारी नहीं सुनेंगे। असम में मुसलमानों की हालत तो आप जानते ही हैं। सीएए और एनआरसी वहाँ पर लागू हो चुका है।

लोगों को डिटेन्शन कैंप्स में फेंका गया है, नरसंहार हो रहा है और फिर 6-8 महीने में हम पाएंगे कि बंगाली, चाहे हिन्दू हो या मुसलमान, सब मारे जाएंगे। यदि हमें असम की रक्षा करनी है, तो हमें पूर्वोत्तर का गेटवे बंद करना होगा। शर्जील ने सुझाव दिया कि असम को भारत से अलग करने के लिए रेल मार्ग अवरुद्ध करें, ताकि आर्मी हवाई मार्ग के अलावा किसी और मार्ग से जा ही नहीं पाये।

दिल्ली पुलिस के अनुसार शर्जील के विरुद्ध आईपीसी की धारा 124 ए [देशद्रोह], 153 ए [सांप्रदायिकता को बढ़ावा देना] और धारा 505 [अशांति फैलाने हेतु] के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया। दिल्ली पुलिस के अनुसार, “13 दिसंबर 2019 को भी इसने जामिया मिलिया इस्लामिया में एक भड़काऊ भाषण दिया था और सरकार के विरुद्ध इसने एक और भड़काऊ भाषण दिया था, जो सोशल मीडिया पर काफी फैला भी था”।

16 जनवरी को एएमयू में एक भड़काऊ भाषण देने के लिए शर्जील इमाम के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। असम पुलिस ने भी शर्जील के भड़काऊ भाषण के विरुद्ध हाल ही में यूएपीए के अंतर्गत एफ़आईआर दर्ज़ कराया है।

असम सरकार में मंत्री हिमन्ता बिस्वा सरमा ने बताया, “मैं इस व्यक्ति द्वारा देश में हिंसा की भावना को भड़काने की मंशा से काफी आहत हूँ। यह व्यक्ति लोगों को असम को बाकी देश से अलग करने की भावना से भड़का रहा है। हमने इस मामले पर संज्ञान लिया है और इसपर कानून के अनुसार कार्रवाई होगी”।

अरुणाचल प्रदेश ने असम पुलिस के नक्शेकदम पर चलते हुए शर्जील के विरुद्ध पूर्वोत्तर राज्यों के विरुद्ध लोगों को भड़काने के लिए मुकदमा दर्ज किया है। शर्जील और उनके प्रति सहानुभूति रखने वालों को अब समझ में आ गया है कि उनकी वास्तविकता से लगभग सभी परिचित हो चुके हैं। पुलिस ने जिस प्रकार से एक्शन लिया है, उससे साफ हो जाता है कि शर्जील की हवालात में बड़े प्रेम से खातिरदारी भी की जाएगी।

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