इसमें कोई दो राय नहीं है की शिव सेना को उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने के लिए अपनी विचारधारा से समझौता करना पड़ा था। इसका एक उदाहरण अभी हाल ही में देखने को मिला, जब ‘तान्हाजी – द अनसंग वॉरियर’ के रिलीज़ होने के हफ्तों बाद, मानो इंटरनेट एक्सप्लोरर पर काम करते हुए उद्धव ठाकरे ने फिल्म को प्रदेश में टैक्स फ्री किया।
उद्धव ठाकरे ने कुछ दिनों पहले तान्हाजी फिल्म सिनेमा हाल में देखी थी, जिसके पश्चात कल तान्हाजी को टैक्स फ्री करने का निर्णय लिया गया। इसी पर अजय देवगन ने ट्वीट किया, “तान्हाजी को महाराष्ट्र में टैक्स फ्री करने के लिए उद्धव ठाकरे का बहुत बहुत धन्यवाद” –
Thank you Uddhav Thackeray ji for declaring #TanhajiTheUnsungWarrior tax-free in the state of Maharashtra.@OfficeofUT @CMOMaharashtra
— Ajay Devgn (@ajaydevgn) January 22, 2020
ओम राउत द्वारा निर्देशित ‘तान्हाजी – द अनसंग वॉरियर’ फिलहाल बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रही है। सूबेदार तानाजी मालुसरे के शौर्य गाथा पर आधारित यह फिल्म घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 190 करोड़ रुपये से ज़्यादा कमा चुकी है, और वर्ल्डवाइड कलेक्शन इसका लगभग 251 करोड़ रुपये हो गया है। छपाक और दरबार के साथ रिलीज़ होने के बावजूद तान्हाजी ने जिस तरह से दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचा, उससे ये स्वाभाविक था कि उद्धव सरकार इसे टैक्स फ्री घोषित कर दे, क्योंकि ये फिल्म शिवसेना के ‘मराठी मानुष’ विचारधारा के बिलकुल सटीक बैठती थी। परंतु उन्होने 10 जनपथ की सेवा सुश्रुषा करना ज़्यादा उचित समझा।
इससे ज़्यादा शर्मनाक बात और क्या हो सकती है की जिस महाराष्ट्र में तानाजी मालुसरे का जन्म हुआ और जिस महाराष्ट्र में रहते हुए उन्होने हिंदवी स्वराज्य के लिए अपना स्वराज्य अर्पण कर दिया, उनही पर बनी मूवी उनही के राज्य में पहले टैक्स फ्री नहीं हुई। उल्टे हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने तान्हाजी को टैक्स फ्री कर दिया। इनसे भी सीख लेने में उद्धव ठाकरे ने बीएसएनएल के इन्टरनेट की स्पीड से भी स्लो रहे। तभी तो तान्हाजी ने रिलीज़ के 12 दिनों के बाद उसे टैक्स फ्री करने की जहमत उठाई। हालांकि, उद्धव सरकार के समर्थन के बिना भी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया है, और ये फिल्म कुछ वामपंथी लोगों को छोड़कर लगभग पूरे देश को अपनी ओर आकर्षित करने में पूर्णतया सफल रही है। यही नहीं पुणे में तो इस फिल्म का कलेक्शन शानदार रहा है। महाराष्ट्र में शिवसेना से आशा की गयी थी कि वे मराठा साम्राज्य के शौर्य को बयान करती इस मूवी का खुले दिल से स्वागत करेगी, परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ। तान्हाजी ने महाराष्ट्र से इतना कलेक्शन किया, जितना इससे पहले केवल बाहुबली का सीक्वेल ही सफल हो पायी थी।
उदाहरण के लिए बॉक्स ऑफिस इंडिया के इस विश्लेषण पर ध्यान दें। बॉक्स ऑफिस इंडिया के अनुसार, “नासिक जैसे शहर से ही 2.5 करोड़ रुपये का कलेक्शन आया है। पुणे का कलेक्शन 20 करोड़ रुपये हो सकता है, और ये केवल 40 स्क्रीन्स का फिगर है। ऐसे ही स्थिति रही तो पुणे से तान्हाजी का लाइफटाइम कलेक्शन छपाक के ऑल इंडिया लाइफटाइम कलेक्शन को भी पीछे छोड़ देगा”।
सच कहें तो जिस तान्हाजी को उद्धव की सरकार सोनिया भक्ति में अनदेखा करना चाहती थी, उसी के कलेक्शन अब उसे सताने लगे। रिलीज़ के 12 दिन बाद उसे टैक्स फ्री कर शिवसेना अपना चेहरा बचाने का जितना प्रयास कर ले, पर अब ये स्पष्ट हो चुका है कि शिवसेना मराठी अस्मिता पर अपना एकाधिकार खो चुकी है।