मेडागास्कर में चक्रवात ने भारी तबाही मचाई, भारत उसकी मदद करने सबसे पहले पहुंचा

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मेडागास्कर Island

भारत ने मेडागास्कर की सहायता करने में जरा भी समय नहीं गंवाया

भारत ने हिन्द महासगर के देशों में अपना प्रभाव बढ़ाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। दरअसल, साइक्लोन और बाढ़ की चपेट में आए हिन्द महासागर के दक्षिण-पश्चिमी देश मेडागास्कर की मदद करने के लिए पहला हाथ भारत ने ही बढ़ाया है। मेडागास्कर के चक्रवात प्रभावित लोगों की मदद के लिए नौसेना ने ‘ऑपरेशन वनीला’ शुरू करते हुये अपने जहाज ऐरावत को वहाँ के लिए रवाना कर दिया। इसके लिए मेडागास्कर की सरकार ने पहले अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील की थी, तो भारत ने मेडागास्कर देश की सहायता करने में जरा भी समय नहीं गंवाया और तुरंत अपनी नेवी को राहत सामान लेकर मेडागास्कर पहुँचने को कहा। हाल ही के वर्षों में भारत ने मेडागास्कर समेत वनीला द्वीप समूह के सभी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने पर ज़ोर दिया है और तय है कि भारत की इस तत्पर सहायता से भारत को मेडागास्कर के साथ अपने संबंध बढ़ाने में सहायता मिलेगी।

बता दें कि चक्रवात ‘डिआने’ की वजह से मेडागास्कर में बाढ़ और भूस्खलन के मामले सामने आए हैं जिसके कारण लगभग 92 हज़ार लोगों का जीवन प्रभावित हो गया है। भारतीय नौसेना का पोत वहाँ भारतीय दूतावास और मेडागास्कर की सरकार के साथ मिलकर काम करेगा। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित इलाके में चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जायेगा तथा खाना, पानी और अन्य जरूरी राहत सामग्रियों का वितरण किया जायेगा। भारत ऐसा पहले देश है जिसने जरूरत के समय में इस देश की सहायता की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसको लेकर कल ट्वीट भी किया। उन्होंने लिखा “आपदा के समय हम मेडागास्कर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। भारतीय नेवी ने ‘ऑपरेशन वनीला’ शुरू कर दिया है और INS ऐरावत को मदद के लिए मेडागास्कर रवाना कर दिया गया है। जो घायल हुए हैं, हम उनके जल्द से जल्द दुरुस्त होने की उम्मीद करते हैं”।

भारत के Madagascar के साथ अच्छे संबंध स्थापित हो सकेंगे

भारत ने मेडागास्कर के साथ अपने रिश्ते और मजबूत करने के लिए और उसे अपना सुरक्षा साझेदार बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए इस देश में डिफेंस अताशे की तैनाती भी की थी। पिछले वर्ष दिसंबर में विदेश मंत्रालय ने हिंद महासागर के देशों श्रीलंका, मालदीव, मॉरीशस और सेशेल्स को एक डिविजन के अंतर्गत लाने का फैसला लिया था। इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने इसके लिए इंडियन ओसियन रीजन डिविजन के गठन का भी फैसला लिया था। भारत सरकार को उम्मीद है कि इन कदमों से ना सिर्फ पूर्वी अफ्रीका में भारत को सैन्य और आर्थिक रिश्ते मजबूत करने का मौका मिलेगा बल्कि वनीला द्वीप समूह के देशों के साथ भी अच्छे संबंध स्थापित हो सकेंगे।

बता दें कि भारत हिन्द महासागर और अफ्रीका में जिस रणनीति के तहत चीन के प्रभाव का मुक़ाबला कर रहा है, मेडागास्कर भी उसी रणनीति का अहम हिस्सेदार है। अगर भारत को हिन्द महासागर में अपनी पकड़ मजबूत करनी है, तो उसे ऐसे मौकों को बिलकुल भी नहीं छोड़ना होगा। यह अच्छी बात है कि भारत ने तत्परता से मेडागास्कर को सहायता पहुंचाकर इन सभी देशों को एक सकारात्मक संदेश भेजने का काम किया है जिससे आगे चलकर इन सभी देशों के साथ भारत के कूटनीतिक रिश्ते और मज़बूत हो सकेंगे।

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