Pak में क्रिकेट सीरीज होनी थी, Bangladesh के आधे खिलाड़ी और कोच बहाने बनाकर पतली गली से निकल लिए

पाकिस्तान अपने यहां क्रिकेट को पुनर्जीवित करने की कितनी भी कोशिश क्यों न करले, लेकिन हर बार उसे मुंह की ही खानी पड़ती है। ऐसा ही इस बार भी हो रहा है जब पाकिस्तान कैसे भी करके बांग्लादेश की क्रिकेट टीम को अपने यहां लाने में कामयाब तो हो गया है, लेकिन बांग्लादेश के कई बड़े खिलाड़ियों समेत टीम के कोचिंग स्टाफ ने पाकिस्तान जाने से साफ मना कर दिया है। कोई चोट लगने का बहाना बना रहें हैं, तो वहीं किसी को अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है। ऐसे में एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की भद्द पीटती दिखाई दे रही है।

बता दें कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच तीन दिवसीय टी20 सीरीज प्रस्तावित है, जिसे पाकिस्तान में आयोजित किया गया है। लेकिन आतंकवाद के डर से कोई Pakistan में जाने को तैयार नहीं है। सुरक्षा का हवाला देकर विकेटकीपर मुशफिकुर रहीम समेत कई खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ Pakistan जाने से मना कर चुके हैं। टीम के लिमिटेड ओवर के बल्लेबाजी कोच नील मैकेन्जी और फील्डिंग कोच रियान कुक भी इस सीरीज से अपना नाम वापस ले चुके हैं। इसके अलावा टीम के स्पीनिंग कोच डेनियर विटोरी तो पहले ही इस सीरीज में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।

कोचिंग स्टाफ के अलावा बांग्लादेश के दिग्गज खिलाड़ी जैसे मोसाद्दिक हुसैन, अराफ़त सनी, तैजुल इस्लाम, अबु हिदर को भी पाकिस्तान जाने वाली टीम से बाहर रखा गया है। बोर्ड ने कहा है कि इनमें से कुछ को अभी आराम चाहिए। इसके अलावा बोर्ड ने कहा है कि मुशफिकुर रहीम सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं। यहां तक कि मुशफिकुर खुद यह कह चुके हैं कि उनके परिवार को उनके लिए चिंता हो रही थी, इसलिए उन्हें पाकिस्तान जाने से मना कर दिया। उन्होंने कहा था “मेरा परिवार पाकिस्तान की सुरक्षा के माहौल से डरा हुआ है। इस हालात में मैं पाकिस्तान नहीं जा सकता और वहां जाकर नहीं खेल सकता। बांग्लादेश क्रिकेट टीम से एक सीरीज के दौरान बाहर बैठना मेरे लिए हमेशा ही बहुत कठिन रहा है”।

बता दें कि वर्ष 2009 में पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने गयी श्रीलंका टीम पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था, जिसमें 12 बंदूकधारियों ने मिलकर श्रीलंकाई टीम को ले जा रही बस पर धावा बोल दिया था। इस हमले में टीम के 6 खिलाड़ी ज़ख्मी हो गए थे, जबकि 6 पाकिस्तानी पुलिस के जवान मारे गए थे। पाकिस्तान क्रिकेट पर ऐसा ही कलंक वर्ष 2007 में भी लगा था जब विश्व कप के दौरान टीम के कोच बॉब वूलमर की रहस्यमई कारणों से मौत हो गयी थी। जब पाकिस्तान विश्व कप से बाहर हुआ था, उसके अगले दिन के बाद ही टीम के कोच का शव होटल में मिलने से हड़कंप मच गया था, और पाकिस्तानी क्रिकेट की साख को तब बड़ा झटका पहुंचा था, जिससे Pakistan आज तक भी उभर नहीं पाया है। अब जब कोई भी टीम या खिलाड़ी Pakistan आने की बात करता है, तो वह इन घटनाओं को भूल नहीं पाता है। इसी का एक और उदाहरण हमें तब देखने को मिला था जब PSL के लिए ब्रिटेन के पूर्व खिलाड़ी केविन पीटरसन ने पाकिस्तान आने से साफ मना कर दिया था। PSL का फाइनल Pakistan के लाहौर में होना था और तब पीटरसन ने कहा था कि अगर उनकी टीम फाइनल में पहुंच जाती है, तो भी वे पाकिस्तान कतई नहीं जाएंगे। इन्हीं कारणों की वजह से पाकिस्तान अपने यहां क्रिकेट को पुनर्जीवित करने की भरपूर कोशिश में लगा है लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगती है और ऐसा ही हमें इस बार भी होता दिखाई दे रहा है।

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