‘नहीं सर मैं आपको नहीं जानता’, दिल्ली पुलिस के एक कॉन्स्टेबल ने प्रशांत भूषण को भयंकर ट्रोल कर दिया

प्रशांत भूषण

(PC: Twitter)

दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं, एक बाहरी दुनिया में फेमस होते हैं और दूसरे इंटरनेट की दुनिया में फेमस होते हैं। जो इंटरनेट की दुनिया में फेमस होते हैं वो यह समझते हैं कि बाहरी दुनिया में भी लोग उन्हें पहचानते हैं लेकिन जब उनका वास्तविकता से परिचय होता है तो उनका दंभ टूट जाता है। ऐसा ही कुछ जाने-माने वकील और आम आदमी पार्टी के पूर्व सदस्य प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव के साथ देखने को मिला।

दरअसल, ये दोनों ही कल यानि 30 जनवरी को गांधी जी की पुण्यतिथि के दिन मोदी सरकार के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन करने उतरे थे। इस दौरान जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तब भी वह अपने प्रदर्शन को जारी रखने पर अड़े रहे और पुलिस से बहस करने लगे। उस दौरान सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने पुलिसवाले से कहा कि आप जानते हैं मैं कौन हूँ?”

इंटरनेट पर अपने आप को फेमस समझने वाले प्रशांत भूषण ये सवाल करते हुए वीडियो में देखे जा सकते हैं। दिल्ली लुटियन्स के लोगों में अपने position की धौंस देने की यह प्रथा आम बात है। परंतु आगे जो हुआ उसे सुनकर आप भी अपने हँसते- हँसते लोट पोट हो जायेंगे । जब प्रशांत भूषण ने यह कहा कि क्या आप जानते हैं मैं कौन हूँ”, इसपर एक पुलिस वाले ने सीधा जवाब देते हुए कहा कि, नहीं! मैं नहीं जनता सर आपको”। अब इस जवाब को सुनकर प्रशांत भूषण को एहसास हो गया होगा कि वो कितने फेमस हैं और किस काल्पनिक दुनिया में थे

इससे प्रशांत भूषण जो झटका लगा वो अलग। वास्तविकता तो यह है कि वे सोचते हैं कि सभी लोग उन्हें जानते हैं लेकिन जमीनी स्तर पर सच्चाई कुछ और निकली।

वैसे दिल्ली के लुटियन्स में पले-बढ़े लोगों में इस तरह की मानसिकता आम बात है। बता दें कि प्रशांत के पिता शांति भूषण 1977-79 की जनता पार्टी में कानून और न्याय मंत्री थे। 1980 में, भूषण बीजेपी में शामिल हो गए लेकिन बाद में वह आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य भी थे। उनके साथ प्रदर्शनकारी योगेंद्र यादव भी AAP से जुड़े थे और अब उन्होंने स्वराज पार्टी की स्थापना की है जो किसानों के अधिकारों की वकालत करता है।

हालांकि, राजनीति में इतने अनुभव के बाद भी पुलिस से यह बातचीत दिखाती है कि लुटियन्स वालों को अपनी धौंस दिखाने की आदत नहीं जाती है। एक और गौर करने वाली बात है कि प्रशांत भूषण CAA के खिलाफ मुखर रहे हैं और कागज नहीं दिखाने की बात करते रहे हैं लेकिन इस वीडियो में वह पुलिस वालों से ही कागज मांगते दिखाई दिए। अब इसे विडम्बना ही कहिये।

कुछ दिन पहले, वही प्रशांत भूषण ने ट्वीट किया था कि, “हम कागज़ नहीं दिखाएंगे’ NRC / CAA के खिलाफ विरोध का गाना बन गया है, जैसे कि’ सरफ़रोशी की तमन्ना ‘स्वतंत्रता आंदोलन के लिए बना था। वह विदेशी से आज़ादी के लिए था। और यह उन लोगों से आज़ादी के लिए है जो हमारे संविधान, संस्कृति, सभ्यता को नष्ट करना चाहते हैं।”

प्रशांत भूषण जैसे वकील और RTI कार्यकर्ता ने 10 साल की कमजोर यूपीए सरकार में खूब ताकत हासिल की थी। यूपीए के 10 वर्षों के दौरान भारतीय राजनीति में भ्रष्टाचारियों की शक्ति भी अपने चरम पर थी। जब से सत्ता में मोदी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ आई तब से इन सभी की बोलती बंद हो गयी है। इस वजह से ये सभी तिमिलाए हुए हैं। इसी वजह से प्रशांत भूषण को मोदी सरकार के हर कानून का विरोध करते हुए देखा जा सकता है।

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