JNU हिंसा: NYT ने कहा ‘लगाए गए थे ‘जय श्रीराम’ के नारे’, जावड़ेकर बोले- ‘यही हैं सच्चे राम भक्त’

प्रकाश जावड़ेकर

PC: The Indian Express

जेएनयू में वामपंथियों द्वारा शुरू किया गया विवाद एक बार फिर से भारत में चर्चा का विषय बना हुआ है। विदेशी मीडिया भी चंद सेकंड की लोकप्रियता के लिए तथ्यों से खिलवाड़ करने से बाज़ नहीं आ रही। पहले ब्रिटेन के फाइनेंशियल टाइम्स और अब न्यू यॉर्क टाइम्स ने इस विषय पर फेक न्यूज़ फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। हालांकि. इन दोनों को ही सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने करारा जवाब दिया है।

दरअसल, फाइनेंशियल टाइम्स ने बिना ठोस जांच पड़ताल के घोषित कर दिया कि जेएनयू में हमले के पीछे की विचारधारा क्या थी, और न्यू यॉर्क टाइम्स भी कहीं से पीछे नहीं रहा। इस मुद्दे को लेकर सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने न केवल स्पष्टीकरण दिया, बल्कि झूठ का पुलिंदा बांधने पर न्यू यॉर्क टाइम्स की क्लास भी लगाई।

अब सवाल उठता है कि न्यू यॉर्क टाइम्स ने ऐसा क्या लिखा कि स्वयं प्रकाश जावड़ेकर को मामला हाथ में लेना पड़ा। दरअसल, इस मीडिया पोर्टल ने जेएनयू के मुद्दे पर एक बेहद बचकानी, तर्कहीन रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें एजेंडा की बू बहुत दूर से सूंघी जा सकती थी। इस मीडिया पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हिंसा केवल सूर्यास्त के बाद शुरू हुई इतना ही नहीं, न्यू यॉर्क टाइम्स तो यहाँ तक दावा करने लगा कि हिंदुवादी हमलावरों ने धार्मिक नारे लगाते हुए तोड़फोड़ की और ‘जय श्री राम’ का उद्घोष भी किया। इस मीडिया पोर्टल ने ‘जय श्री राम’ को युद्धघोष की उप्मा दे डाली।

पाठकों के मस्तिष्क में ज़बरदस्ती एजेंडा ठूँसना तो कोई न्यू यॉर्क टाइम्स से सीखे। जब इस बात की पुष्टि हो चुकी थी कि हमला एकतरफा नहीं था, इसके बावजूद न्यू यॉर्क टाइम्स ने इस हमले को जानबूझकर सांप्रदायिक रंग दिया। जो न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट को देख रहे हैं, वो एक बार टीएफ़आई पोस्ट की जेएनयू हिंसा पर विस्तृत रिपोर्ट को भी एक बार देख लें, जहां कई तथ्यों के आधार पर वास्तविकता को बयान करने का प्रयास किया गया है।

फाइनेंशियल टाइम्स को आड़े हाथों लेने के बाद अब प्रकाश जावडेकर ने न्यू यॉर्क टाइम्स की ऐसी घटिया रिपोर्टिंग के लिए क्लास लगाई है। रिपोर्ट की स्क्रीनशॉट अटैच करते हुए प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट किया, “लगता है न्यू यॉर्क टाइम्स वाले अपने आप को श्री राम का कट्टर भक्त मानते हैं, क्योंकि वे उन्हें हर जगह ढूंढ लेते हैं। अगर सीधी बात करें, तो मैं ननकाना साहिब पर इनकी राय जानना चाहता हूँ, और ये भी जानना चाहता हूँ कि उन्होंने कौन से नारे सुने” –

 

बता दें कि प्रकाश जावड़ेकर ने अप्रत्यक्ष रूप से न्यू यॉर्क टाइम्स को ननकाना साहिब पर हुए हमले पर उनकी चुप्पी के लिए आड़े हाथों लिया। उनकी चुप्पी स्वाभाविक भी थी, यदि वे इसपर रिपोर्ट कर देते, तो भारत के लोकतान्त्रिक सामर्थ्य को बल मिलता, जो यह साइट बिलकुल नहीं चाहती। इसी बात पर उनकी नब्ज़ पकड़ कर प्रकाश जावड़ेकर ने उन्हें अपनी बगलें झाँकने पर मजबूर कर दिया।

इससे पहले बीबीसी ने ‘जय श्री राम’ को एक ‘मर्डर क्राई’ घोषित करने का प्रयास किया था। पश्चिमी पोर्टल्स द्वारा सनातन संस्कृति पर कीचड़ उछालना कोई नई बात नहीं है। परंतु न्यू यॉर्क टाइम्स शायद ये भूल गया है कि उनकी दाल अब यहाँ नहीं गलने वाली।

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