‘तुम Condom इस्तेमाल क्यों नहीं करते’ भाजपाईयों के खिलाफ ट्वीट कर बुरा फंसा ‘Lallantop’ का Editor, मांगी माफी

सच में! देश में Intolerance कितनी बढ़ गयी है

‘जब ज़िंदगी आपको सौरभ बनाए, तो सौरभ द्विवेदी नहीं, सौरभ चौधरी बनिए’

‘मैं लल्लनटॉप को Unsubscribe कर रहा हूं, ये लोग तो इसी के लायक हैं’

 

सोशल मीडिया और खासकर ट्विटर पर कुछ ऐसे ही पोस्ट आपको देखने को मिल जाएंगे, और कारण ये कि आज तक न्यूज़ चैनल के मीडिया आउटलेट ‘लल्लनटॉप’ के एडिटर सौरभ द्विवेदी ने 8 जनवरी की रात को भाजपा समर्थकों के खिलाफ एक बेहद आपत्तिजनक फोटो को पोस्ट किया। जिस फोटो से विवाद खड़ा हुआ, सबसे पहले वह फोटो भी देख लेते हैं:

फोटो में लिखा है “वे लोग जो आज भी भाजपा का समर्थन कर रहे हैं, कृपया कंडोम का इस्तेमाल कीजिये क्योंकि हम आपके जैसों को इस दुनिया में देखना नहीं चाहते”। ऊपर कैप्शन में लिखा है “हैशटैग चलाना चाहिए कि नहीं मित्रों”।

इस पोस्ट को देखने के बाद समझ में आता है कि हां, वाकई देश में Intolerance कितनी बढ़ गयी है। पहले भाजपा से दिक्कत होती थी, अब भाजपा समर्थकों से भी होने लगी है, डर है कि कल आपको इस देश के लोकतन्त्र से ही दिक्कत ना होने लगे।

खैर जब विवाद बढ़ा और सोशल मीडिया पर एडिटर साहब की आलोचना होना शुरू हुई, तो उस पोस्ट को डिलीट कर दिया गया। माफीनामा भी सामने आया। द्विवेदी जी ने लिखा “कल मैंने एक फोटो पोस्ट की थी, जिसमें एक राजनीतिक पार्टी पर व्यंग किया गया था। उस ट्वीट का कंटेन्ट और टोन बहुत गलत थी। ये सब मैंने मज़ाक में किया था, जिसका उल्टा असर हुआ। किसी का पक्ष लेना लल्लनटॉप की एडिटोरियल पॉलिसी नहीं है। हम नए लोग हैं, गल्ती हो गई हमसे”।

आपकी एडिटोराइल पॉलिसी क्या है, और क्या नहीं, ये तो सभी लोग जानते ही हैं। शायद इसी पॉलिसी के तहत आपने एक बार यह खबर चलाई थी जिसमें आपने पूछा था कि “कहीं कठुआ गैंग रेप मुसलमानों को सबक सिखाने के लिए तो नहीं किया गया?”

शायद इसी एडिटोराइल पॉलिसी के तहत आपने होली त्योहार का भी अपमान किया था?

सौरभ जी! एक गल्ती तो आपने 8 जनवरी की शाम को कर दी थी, लेकिन कल अपनी एडिटोरियल पॉलिसी को निष्पक्ष बताकर आप एक और गल्ती कर गए। अपने ट्वीट को दोबारा पढ़िये और बताइए किस दृष्टि से आपको इसमें व्यंग्य नज़र आता है, भगवान ऐसी दिव्य दृष्टि सबको दे।

2019 के चुनावों में देश के लगभग 22 करोड़ वोटर्स ने भाजपा को वोट दिया था, यानि उन्होंने भाजपा का समर्थन किया था। क्या आप इस देश के 22 करोड़ लोगों को मार-मिटा देना चाहते हैं, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उनके विचार आपके विचारों से मेल नहीं खाते?

आपके तो माफीनामे भी बहुत बड़ा खोट है। अगर आप गलत थे, तो उसी वक्त से गलत थे जब आपने इसे पोस्ट किया। प्रतिक्रिया के बाद ये गलत साबित नहीं हुआ, उस स्थिति में आपको इसे कभी ट्वीट ही नहीं करना चाहिए था। दूसरी तरफ अगर इसमें व्यंग्य था, जो आप कह भी रहे हैं, तो आपको कभी अपने ट्वीट को डिलीट नहीं करना चाहिए था। लेकिन एक बात तो है सौरभ जी! आपने हमेशा के लिए अपने आप को निष्पक्ष कहने का अधिकार खो दिया है, क्योंकि भाजपा और उसके समर्थकों के खिलाफ आपकी नफरत अब हमेशा के लिए जगजाहिर हो चुकी है।

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