पीएम मोदी और अमित शाह को जान से मारने की धमकी देने वाला तमिल स्कॉलर गिरफ्तार

नेल्लई कन्नन

सीएए के विरुद्ध हो रहे विरोध प्रदर्शनों ने पिछले कुछ दिनों में इसके पीछे की वास्तविक विचारधारा को पूरी तरह से जनता के समक्ष उजागर कर दिया है। शेहला राशिद जैसे वामपंथी अब खुलकर अपनी विचारधारा का समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे हैं। परंतु हद तो तब हो गयी जब तमिल लेखक और कांग्रेस नेता नेल्लई कन्नन ने पीएफ़आई की एक राजनीतिक बैठक में पीएम मोदी और अमित शाह की हत्या करने की बात कही। परंतु इसे दरकिनार न करते हुए राज्य सरकार ने नेल्लई को हिरासत में लिया है।

पीएफ़आई के राजनीतिक विंग सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित इस सीएए विरोधी बैठक में नेल्लई कन्नन ने अपने विचार सामने रखे थे। पीएफ़आई को यूपी में हिंसा भड़काने के लिए पहले ही काफी आलोचना और यूपी में पुलिस कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। परंतु नेल्लई कन्नन ने निकृष्टता की सभी सीमाएं पार करते हुए कहा, ‘एक आदमी है अमित शाह। मोदी भले प्रधानमंत्री हो, परंतु अमित शाह ही उनके सभी काम करते हैं। यदि अमित शाह का खेल खत्म, तो मोदी जी का भी खेल पूरी तरह खत्म। पर इसे अभी के लिए अलग रखते हैं’।

इसके बाद जो नेल्लई कन्नन ने कहा उसे सुनकर तो किसी का भी खून खौल सकता है। बैठक में उपस्थित मुस्लिम सदस्यों की ओर देखते हुए कन्नन ने कहा, ‘आप लोग इसे खत्म नहीं कर रहे हैं। मैं हमेशा सोचता हूं कि आप कुछ करोगे, परंतु आप ऐसा कुछ करते नहीं हो। मैं हैरान हूं कि आपने [मुसलमानों] ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को मारने की क्यों नहीं सोची’।

नेल्लई कन्नन यहीं पर नहीं रुके, उन्होंने केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया। इसके साथ ही साथ कन्नन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई को भी यौन शोषण संबंधी आरोपों के लिए खूब खरी खोटी सुनाई। कन्नन ने तो जातिवाद का ऐसा महिमामंडन किया, जिसपर बड़ा से बड़ा जातिवादी भी मारे शर्म के इसका विरोध करने लगे। कन्नन ने कहा कि ‘मैं जानबूझकर लोगों को उनकी जाति के नाम से बुलाता हूँ। इससे कुछ जातियाँ गुस्सा हो जाति है, जो अच्छा है’।

इससे ज़्यादा चिंताजनक बात तो यह है कि नेल्लई कन्नन के इस भड़काऊ बयान का सभा में उपस्थित लगभग सभी लोगों ने समर्थन किया। परंतु राज्य में सत्तासीन एआईएडीएमके सरकार ने एक सरहनीय पहल करते हुए नेल्लई कन्नन के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दिये, और पुलिस ने जल्द ही कन्नन को पेरंबलूर जिले से हिरासत में लिया। वहां से कन्नन को तिरुचिरापल्ली (त्रिची) सरकारी अस्पताल मेडिकल जांच के लिए जाया गया। नेल्लई कन्नन जैसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाने के लिए एआईएडीएमके सरकार निस्संदेह प्रशंसा के योग्य है। इस सरकार को अब आगे आकर पीएफ़आई को पूर्ण रूप से राज्य में प्रतिबंधित करना चाहिए, और भारत में भी पीएफ़आई जैसे उग्रवादी संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करनी चाहिए, जिसका एकमात्र उद्देश्य देश में आगजनी, हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा देना है।

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