दिवालिया हो चुका पाकिस्तान चला पाम ऑयल खरीद मलेशिया की अर्थव्यवस्था बचाने

पाकिस्तान

Malaysia's Prime Minister Mahathir Mohamad (L) listens to his Pakistani counterpart Imran Khan during a welcoming ceremony at the prime minister's office in Putrajaya on November 21, 2018. (Photo by Mohd RASFAN / AFP)

एक ओर जहां पाकिस्तान की हालत दिनों दिन बिगड़ती जा रही है, तो वहीं पाक प्रधानमंत्री इमरान खान इस्लामिक उम्माह के सदस्यों को कश्मीर का लालच दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इसी एवज में पाकिस्तान ने मलेशियाई अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए उसका पाम ऑयल निर्यात करने का निर्णय किया है, क्योंकि भारत ने मलेशिया की अर्थव्यवस्था को झटका देते हुए पाम ऑयल निर्यात पर बैन लगा दिया है।

मलेशिया के दौरे पर गए इमरान खान ने कहा, “आपने ठीक सुना है। जबसे हमने मलेशिया को कश्मीर के मसले का समर्थन करने के लिए भारत के हाथों पीड़ित होते हुए देखा है, तब हमने फैसला किया कि पाकिस्तान हर तरह से इस नुकसान का हरजाना भरेगा”। अपनी फजीहत कराते हुए पीएम इमरान खान ने घोषणा की है कि वे मलेशिया के पाम ऑयल निर्यात को हुए नुकसान का हरजाना भरेंगे, विशेषकर ऐसे समय में, जब Pakistan की अर्थव्यवस्था स्वयं रसातल में है।

इमरान खान जब से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने हैं, तब से वे दूसरे देशों से भीख मांगते ही दिखाई दिये हैं। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, पाकिस्तान की महंगाई इस वर्ष 14.6 प्रतिशत के स्तर तक पहुँच गयी, जो 12 वर्षों में सबसे ज़्यादा है। इसके मुक़ाबले Pakistan का विकास दर महज़ 3.3 प्रतिशत है।

लगभग हर क्षेत्र में पाकिस्तान का बुरा हाल है। आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि करीब 280 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला पाकिस्तान अब जीडीपी के आंकड़ों में बांग्लादेश से भी पीछे जा सकता है। यही नहीं भारत के महाराष्ट्र राज्य की कुल जीडीपी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से कहीं ज़्यादा है। पर Pakistan को अपने जनता को खाना खिलाने से ज़्यादा आवश्यक भारत के विरुद्ध उल जुलूल अभियान चलाना ज्यादा उचित लगता है।

बता दें कि मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मुहम्मद ने कश्मीर और सीएए के विषय पर भारत के विरुद्ध काफी विष उगला था। 95 वर्ष महातिर ने भारत द्वारा अनुच्छेद 370 हटाने के निर्णय को अन्याय की संज्ञा दी थी। भारत ने उसे उचित उत्तर देते हुए पाम ऑयल के आयात पर ही रोक लगा दी, जिससे मलेशिया की अर्थव्यवस्था की कमर बुरी तरह टूट चुकी है।

हमारे यहाँ एक बहुते लोकप्रिय कहावत है, “घर में नहीं है दाने, लल्ला चले भुनाने!” यह कहावत पाकिस्तान पर एकदम सटीक बैठती है। खुद के अर्थव्यवस्था के पलीते लगे हुए हैं, पर जनाब मलेशिया की अर्थव्यवस्था के ऊपर आए संकट का निवारण करेंगे। इसका स्पष्ट अर्थ है कि वे भारत को नीचा दिखाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता हैं। मलेशिया पहले ही भारत को नीचा दिखाने की कीमत चुका रहा है, और यदि Pakistan न चेता, तो वह दिन दूर नहीं, जब बच्चे अपनी पुस्तकों में पढ़ेंगे, ‘एक था देश – नाम था पाकिस्तान।’

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