बिहार में 14 दिनों में 8वीं बार हौंके गए कन्हैया कुमार

कन्हैया कुमार की दुख भरी दास्तान

कन्हैया कुमार

वामपंथियों के पोस्टर बॉय कन्हैया कुमार एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार भी गलत कारणों से। सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में बिहार भर में यात्रा कर रहे कन्हैया कुमार के काफिले पर आरा में पत्थरबाजी की गयी। जान बचाकर भागने के चक्कर में कन्हैया जिस वाहन में सवार थे, उसने राह में आ रहे कई मोटरसाइकिल सवारों और राहगीरों को भी टक्कर मारी। कन्हैया कुमार सीएए एनआरसी विरोधी अभियान के अंतर्गत बिहार में लोगों को भड़काने के लिए पधारे थे और बिहार की जनता ने उनकी खातिरदारी में कोई कमी नहीं छोड़ रही है।

परंतु ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब बिहार में कन्हैया कुमार का ऐसा शानदार स्वागत हुआ हो। पिछले दो हफ्तों में कन्हैया कुमार 8 बार जनता के आक्रोश का शिकार हुए हैं। कभी पत्थर से, तो कभी अंडे टमाटर से, कन्हैया कुमार ने बिहार में जहां जहां यात्रा की है, अधिकांश जगह जनता ने इसी तरह उसका स्वागत किया है।

बता दें कि ‘जन गण मन’ यात्रा के अंतर्गत कन्हैया कुमार की सभा आरा के रमना मैदान में होनी थी और इसी के चलते कई गाड़ियों के काफिले के साथ वे वहां जा रहे थे। इसी दौरान अचानक गाड़ियों पर पथराव होना शुरू हो गया और जब गाड़ियां रुक गईं तो पथराव और तेजी से बढ़ गया। काफिले में मौजूद लोगों ने भी उपद्रवियों पर पत्‍थर फेंके। पथराव न रुकता देख कन्हैया कुमार और उनके साथ मौजूद अन्य लोग जान बचाकर वहां से भागे। इस दौरान उनकी गाड़ियों की चपेट में कई मोटरसाइकिल सवार और पैदल यात्री आ गए।

ऐसा लगता है कि कन्हैया कुमार शायद भूल गए थे किया यह बिहारी लोग हैं। जात पात पर भले बंट जायें, पर देशद्रोहियों के लिए पलक पावड़े नहीं बिछाएंगे। उदाहरण के तौर पर बिहार के दरभंगा जिले के राज मैदान में 4 फरवरी 2020 को हुई CPI नेता कन्हैया कुमार की सभा के बाद शुक्रवार (फरवरी 7, 2020) को ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU) के छात्र संघ के सदस्यों ने गंगाजल से धोकर सभा स्थल का शुद्धिकरण किया।

बेगूसराय से लोकसभा का चुनाव लड़ने वाले कन्हैया कुमार अपने प्रतिद्वंदी गिरिराज सिंह के मुक़ाबले कहीं नहीं टिके और जनाब 4 लाख 22 मतों से भी ज़्यादा के अंतर से सीट हार गए। परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि कन्हैया ने इस बात से कोई सबक नहीं लिया है तभी आये दिन लोगों को भड़काने का प्रयास करने के लिए निकल रहे हैं। पर यहाँ की जनता भी कमाल की है,  कन्हैया बिहार में जहाँ भी जा रहे हैं जनता उन्हें दौड़ा रही है। अबकी बार कन्हैया के काफिले में गाड़ियों पर अंडे फेंके गए। लोगों ने कन्हैया की गाड़ी पर मोबिल भी फेंका।

परंतु कन्हैया कुमार पर हो रहे हमले में सिर्फ़ लोगों का दोष नहीं है। स्थानीय जनता का आरोप है कि कन्हैया के बाउंसर्स भी मीडियाकर्मी और लोगों के साथ बदतमीजी से पेश आते हैं और मारपीट करते हैं। उदाहरण कन्हैया का काफिला जहाँ से गुजरता है, वहाँ नारेबाजी की जाती है। इसी तरह की नारेबाजी के दौरान एक दूसरा गुट आ गया और वो भी विरोध में नारेबाजी करने लगा। इस भिड़ंत में कन्हैया कुमार पर हमला हुआ था। ये मामला बिहार के जमुई का है।

अब कन्हैया बाबू की ढिठाई तो देखिये। इन्हें यहाँ भी गोडसे के समर्थक दिखाई दिए। जनाब ने इन हमलों के पीछे गोडसे समर्थकों को दोषी बताते हुए कहा , “आज जन-गण-मन यात्रा के तेरहवे दिन गया जिले में इमामगंज और शेरघाटी में सभाओं का आयोजन हुआ। यात्रा पर गोडसेवादियों के कायराना हमले जारी है, लेकिन मोहब्बत का कारवाँ इन हमलों पर भारी है।” –

सच कहें तो कन्हैया कुमार इस समय एक भयंकर बीमारी से जूझ रहे हैं, अटेन्शन न मिल पाने की बीमारी। अपनी ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए ये हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं, परंतु किसी के कानों पर जूँ तक नहीं रेंग रही है। उल्टे बिहारी अपने अनोखे अंदाज़ में इनका स्वागत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में कन्हैया के लिए हम प्रार्थना करते हैं की उन्हें भगवान थोड़ी सद्बुद्धि प्रदान करें।

 

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