‘पुलवामा हमले से आखिर किसको फायदा पहुंचा’, पुलवामा पर गांधियों की शर्मनाक राजनीति आज भी जारी है

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आज पुलवामा आतंकी हमले के एक साल पूरे हो गए हैं। आज का दिन भारतीय इतिहास में किसी काले दिन से कम नहीं है। आज ही के दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में मां भारती के 40 वीर जवान शहीद हुए थे। इस मौके पर पूरा देश उन्हें नम आंखों से श्रद्धाजंलि अर्पित कर रहा है। उधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर से पुलवामा हमले पर निम्न स्तर की बयानबाजी करना शुरू कर दिया है। राहुल गांधी ने पुलवामा हमले की बरसी पर ट्वीट करते हुए तीन बेतुके सवाल सरकार से पूछा है।

1. राहुल ने पहला सवाल पूछा कि इस हमले से सबसे ज्यादा किसे फायदा हुआ।

2. इस हमले की जांच में क्या सामने आया?

3. बीजेपी की सरकार के वक्त में यह हमला हुआ था, सुरक्षा में हुई चूक के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया गया है?

वैसे तो पुलवामा हमले को लेकर राहुल गांधी भाजपा को नसीहत देते रहते थे कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए लेकिन पहली बरसी पर ही इनके झूठ की कलई खुल गई। उन्होंने बता दिया कि वे राहुल गांधी हैं और उनसे ज्यादा निम्न स्तर की बयानबाजी कोई और कांग्रेसी नेता नहीं कर सकता है। इस तरह के ट्वीट से साफ जाहिर होता है कि राहुल गांधी दबी आवाज में हमले की जिम्मेदारी भाजपा पर मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। पहले सवाल से ही स्पष्ट होता है कि राहुल गांधी कहना चाहते हैं कि मोदी जी ने तो पुलवामा अटैक के दम पर ही चुनाव जीता था।

हालांकि राहुल गांधी पर भाजपा दिल्ली के नेता कपिल मिश्रा ने बड़ा वाजिब सवाल किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- ‘शर्म करो राहुल गांधी। पूछते हो पुलवामा हमले से किसका फायदा हुआ? अगर देश ने पूछ लिया कि इंदिरा, राजीव की हत्या से किसका फायदा हुआ, फिर क्या बोलोगे। इतनी घटिया राजनीति मत करो, शर्म करो।’

इसी तरह भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर कहा कि पुलवामा हमला एक कायराना हमला था और राहुल गांधी ने नीचतापूर्ण बयान दिया है कि किसको फायदा हुआ? संबित पात्रा ने आगे कहा कि मिस्टर गांधी क्या आप फायदे के आगे भी सोच सकते हैं? जाहिर तौर पर नहीं! गांधी परिवार फायदा के अलावा तो सोच ही नहीं सकता। वे सिर्फ भौतिक रूप से भ्रष्ट नहीं..उनकी आत्माएं भी भ्रष्ट हो चुकी हैं।

यही नहीं भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए ट्वीट कर कहा- ”जब पूरा देश पुलवामा के शहीदों को याद कर रहा है तब जैश-ए-मोहम्मद से सहानुभूति के लिए के लिए जाने जाने वाले राहुल न सिर्फ सरकार बल्कि हमारी सेना का भी अपमान कर रहे हैं। राहुल कभी भी इस हमले पर पाकिस्तान को दोषी नहीं मानेंगे। शर्म करो..!

सच कहें तो राहुल गांधी और उनके पार्टी की आत्मा मर चुकी है। तभी वे वीर सैनिकों के शहादत पर राजनीति कर रहे हैं। इससे पहले इनके तमाम नेता भी मोदी सरकार पर पुलवामा हमले का इल्जाम लगा चुके हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि सिख दंगों से किसका फायदा हुआ? संसद पर कैसे हमला हुआ? गांधी परिवार के नेताओं की हत्या पर कौन राजनीति करता है? आतंकियों को सम्मानित भाषा में कौन बोलता है? ये सभी सवाल हैं जो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नहीं दे पाएंगे।

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद बीके हरिप्रसाद ने विवादित बयान देते हुए कहा- ”पुलवामा हमले के पीछे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मैच फिक्सिंग है। ये हमला बिना मिलीभगत के संभव नहीं। पीएम मोदी को इस पर सफाई देनी चाहिए।’

इससे पहले कांग्रेस के ही एक और नेता दिग्विजय सिंह तब विवादों में आये थे जब उन्होंने पुलवामा हमले को सिर्फ एक ‘दुर्घटना’ करार दिया था। उनकी इस बात का मुंहतोड़ जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा था कि ‘क्या दिग्विजय सिंह के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की हत्या भी मात्र एक ‘दुर्घटना’ थी?’ नवजोत सिंह सिद्धू तो अपने बयानों से देश की वायुसेना पर ही सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा था कि भारतीय वायुसेना वहां पेड़ उखाड़ने गई थी या आतंकवादी मारने? आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना द्वारा पहले ही कहा जा चुका है कि निर्धारित ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया था, इसके बाद भी भाजपा पर हमला करने की कोशिश में कांग्रेसी नेता देश की महत्वपूर्ण संस्थाओं पर निशाना साध रहे हैं।

सच कहें तो राहुल गांधी मानसिक रूप से बीमार हो चुके हैं। इन्हें केवल ऐसे ही मौकों पर राजनीति करनी आती है। जब राजनीति करने के मौके होते हैं तो विदेश जाकर कहीं घूम रहे होते हैं। इस ट्वीट से साफ जाहिर होता है कि राहुल गांधी को देश-देशभक्ति, सेना और मानवीयता से कोई लेना-देना नहीं होता, उन्हें केवल राजनीति से ही मतलब रहता है। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को इस बयान के लिए जल्द से जल्द माफी मांगनी चाहिए।

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