आज कल अपने विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने विरोधियों के छक्के छुड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कल जर्मनी में हो रहे म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कश्मीर मुद्दे पर एक अमेरिकी सांसद को करारा जवाब दिया। दरअसल, लिंडसे ग्राहम नाम का यह अमेरिकी सांसद कश्मीर मुद्दे पर भारत को घेरना चाह रहा था, लेकिन विदेश मंत्री ने उसे ऐसा जवाब दिया कि उस सांसद का चेहरा उतर गया।
अमेरिकी सीनेटर लिंड्से ग्राहम ने कहा था, ‘कश्मीर से लौटने के बाद समझ नहीं पाया कि वहां जारी लॉकडाउन कब खत्म होगा। दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) को यह तय करना होगा कि मसला जल्द ही सुलझा लिया जाए।’ जवाब में एस जयशंकर ने कहा, ‘चिंता मत कीजिए। एक लोकतान्त्रिक देश है, जो इसे सुलझा लेगा और आप जानते हैं कि वह देश कौन सा है?”
#WATCH EAM S Jaishankar replies, "Do not worry Senator. One democracy will settle it & you know which one" to US Senator Lindsey Graham, after the latter said, "When it comes to Kashmir, I do not know how it ends but let us make sure that two democracies will end it differently". pic.twitter.com/kmbIu4baoN
— ANI (@ANI) February 15, 2020
अमेरिकी सांसद ही नहीं, इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प भी कश्मीर मुद्दे पर बोलते हुए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने का प्रस्ताव दे चुके हैं, लेकिन भारत हर बार ट्रम्प को कश्मीर मुद्दे से दूर रहने की बात कहता आया है। एस जयशंकर ने एक बार फिर अमेरिका को यह संकेत दे दिया है कि भारत किसी भी सूरत में कश्मीर में किसी तीसरे देश की टोका-टाकी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
इससे पहले पिछले वर्ष दिसंबर में जब एस जयशंकर अमेरिका के दौरे पर गए थे, तो उन्होंने एक कड़ा संदेश देते हुए कुछ अमेरिकी सांसदों के साथ अपनी बैठक को रद्द कर दिया था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तब कहा था कि “प्रतिनिधि सभा में अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल की ओर से कश्मीर पर लाया गया प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर में हालात का निष्पक्ष चित्रण नहीं करता है, और इसलिए उनके साथ बैठक करने में उनको कोई रुचि नहीं है। मैं ऐसे लोगों से मिलना चाहता हूं जिन्हें वस्तुस्थिति का ज्ञान हो और जो बात करने के लिए तैयार हो, ऐसे लोगों से नहीं जो पहले से अपना मन बना चुके हैं”।
भारत में बढ़ते राष्ट्रवाद पर चिंता जताने वाले लोगों को भी म्यूनिख के मंच से एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ये कोई सवाल नहीं है कि दुनिया अधिक राष्ट्रवादी हो गई है। जयशंकर ने आगे कहा कि अमेरिका, चीन और दुनिया के कई देश अधिक राष्ट्रवादी हैं। इस राष्ट्रवाद का बहुत कुछ वैधानिक रूप से मान्य है। जयशंकर एक बेहद निपुण और अनुभवी राजनयिक हैं, जिनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता हर मंच पर भारत के हितों को ऊपर रखना है और वह ऐसा कई बार कर चुके हैं। भारत के विदेश मंत्री के तौर पर उन्होंने अब तक शानदार काम किया है।