अथ केजरी-श्री हनुमान संवाद – जानिए पवनपुत्र हनुमान ने केजरीवाल को क्या क्या बताया

केजरीवाल

जैसे परीक्षा के दिन नजदीक आते ही कुछ विद्यार्थी भगवान की शरण में जाते हैं, वैसे ही चुनाव से एक दिन पहले आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल बजरंगबली के दर्शन के लिए कनॉट प्लेस में स्थित हनुमान मंदिर गये। जनाब ट्वीट करते हैं, “CP के प्राचीन हनुमान मंदिर जाकर हनुमान जी का आशीर्वाद लिया” भगवान जी ने कहा, “अच्छा काम कर रहे हो। इसी तरह लोगों की सेवा करते हो। फल मुझ पर छोड़ दो। सब अच्छा होगा ।”

हमें पता है कि केजरीवाल को चुनाव जीतना है, और वो दिल्ली जीतने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रहे हो, पर इतना झूठ कैसे ????

अब हनुमान जी को केजरीवाल ने याद किया तो अपने कथित परम भक्त को कैसे हनुमान जी निराश करते, आव देखा न ताव, धमक पड़े वे केजरीवाल के ठिकाने पर। आराम फरमाते केजरीवाल को देख वे आग बबूला हो पड़े, और अपनी गदा उठाते हुए चीखे, ‘घोड़े बेचकर सो रहा है मूर्ख! उठ!”

इसी बीच केजरीवाल की नींद टूटी, और अपने सामने साक्षात बजरंगबली को देखकर वे भी हक्का बक्का रह गए। उनके चरण पकड़ते हुए वे बोले, “प्रभु, आप यहाँ?”

हनुमान जी  – यहाँ नहीं तो और कहाँ? और कहाँ मिलेगा संसार का सबसे झूठा और मक्कार प्राणी?

केजरीवाल – प्रभु? मैं और झूठ?

हनुमान जी – देखो बौड़म प्रसाद, एक तो मेरा मूड मत खराब करो, समझे? तुम आम लोगों से कितना झूठ बोलते हो, ये तुम्हारी समस्या है, पर अब हम लोगन को भी घसीटने लगे? भला हो श्री राम का कि भोलेनाथ का नाम नहीं लिया, नहीं तो तुम्हारे साथ और न जाने कितने भस्म हो जाते।”

केजरीवाल – परंतु मैंने ऐसा क्या किया? केवल आपका नाम लेकर लोगों से वोट ही तो मांगा?

हनुमान जी – मेरा नाम लिया? अब तो सच बोल दे भाई, दुर्योधन और दुशासन भी तुम्हारे सामने सयाने लगेंगे। बहुत सुना है तेरे बारे में। कभी तो अपने बच्चों की कसम खाकर कहता है कि मैं फलाने पार्टी से संबंध नहीं रखूँगा। कभी कहते हो कि मैं फलाने व्यक्ति को सबके सामने ‘expose’ करूंगा। कभी तो कहते हो कि जब तक सैनिकों के शौर्य का प्रमाण नहीं मिलेगा, तब तक मैं चैन से नहीं बैठूँगा। अब तो मेरे और अपने बीच वार्तालाप करा दी। चाहते का क्या हो तुम ढपोरसंख?”।

केजरीवाल – पर प्रभु, हमने तो कोई झूठ नहीं बोला, मैं तो आपका परम भक्त हूँ, आपकी चालीसा का रोज़ पाठ करता हूँ।

हनुमान जी [आग्नेय नेत्रों से ताकते हुए] – गदा प्रसाद लेना है क्या? रात दिन शाहीन बाग के भजन गाता है और फिर पिटाई से बचने के लिए मेरा नाम लेता है? और ये परम भक्त वाला मस्का मुझे तो बिलकुल मत लगाना। भक्त बनना है तो मुझसे सीख, मैं भी श्री राम का भक्त हूं और उनकी सेवा करता हूं।

केजरीवाल – पर प्रभु? मेरी भी स्थिति समझिए आप। मैंने दिल्ली के लिए इतना कुछ किया, लोगों को बिजली और पानी मुफ्त दिया, और प्रदूषण पे तो……..

हनुमान जी [माथा पीटते हुए] – अब प्रदूषण पर तो मुंह न खुलवाओ। खाँस खाँस के जीना मुहाल हो गया था मेरा। मैं अक्सर पूरे देश का भ्रमण करता हूँ, पर तेरे इलाके में मानो नर्क का आभास होता है। इसे हटाने के लिए जो ऑड ईवन का ढोंग करते हो न, वो तुम्हारे टुटपुंजिये समर्थकों को अच्छा लगता होगा, पर न ही जनता को इससे कुछ फ़ायदा होता है, और फिर सारा दोष मढ़ते हो दीपावली के पटाखों पर?

केजरीवाल – वो लिबरल लोगों को भी मनाना पड़ता है….

हनुमान जी – बस बहुत हुआ। स्वर्ग आने योग्य तो कोई काम नहीं किया, पर तुम्हारे इतने झूठ सुनकर तो नर्क वाली बिरादरी भी तुम्हें लात मार के निकाल देगी। यहीं भटकते रहना तुम पृथ्वी पर। सोते हुए को जगा सकता हूँ, सोने का नाटक करने वाले को नहीं। तुम पर गदा का प्रयोग भी नहीं कर सकता, नहीं तो तुम्हारे समर्थक इसका दोष भी भाजपा और आरएसएस पर डाल देंगे!

[यह कहते ही बजरंग बली अंतर्ध्यान हो गए। पाठकों इसे कपोल कल्पित न समझें। ये आपके साथ भी हो सकता है, यदि आप केजरीवाल की तरह बेशर्मी से सफ़ेद झूठ बोलने लगे। आखिर भगवान के भी कुछ सेंटिमेंट्स होते हैं कि नहीं?]

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