मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को कमलनाथ सरकार ने बेहद अपमानजनक तरीके से जेसीबी से गिरा दिया है। प्रतिमा गिरने के बाद भाजपा व हिंदूवादी संगठन कमलनाथ सरकार पर हमला बोल रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता व मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है- ”कमलनाथ जी क्षमा मांगें और मराठा वीर शिवाजी महाराज की प्रतिमा को ससम्मान स्थापित कराएं।”
क्या है मामला?
दरअसल, छिंदवाड़ा के सौंसर में मोहगांव नामक तिराहे पर शिवसेना और हिंदूवादी संगठनों ने छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा स्थापित करने के लिए पहले नगरपालिका को एक ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन दिए जाने के बाद नगरपालिका अध्यक्ष ने तिराहे पर जाकर जगह देखी, इसके बाद भी नगरपालिका ने मंजूरी देने में देरी की। जिसके बाद शिवसेना और हिंदूवादी संगठनों ने तिराहे पर अस्थायी चबूतरे का निर्माण किया, इसके बाद छत्रपति शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा स्थापित की।
इस बात की भनक लगते ही प्रशासन की टीम मोहगांव तिराहे पर पहुंची और जेसीबी लगाकर अपमानित तरीके से मूर्ति को धराशाई कर दिया। इस बात को लेकर हिंदू संगठन में आक्रोश भड़क उठा। हिंदूवादी संगठन के लोगों का कहना था कि मूर्ति को आदरपूर्वक भी हटाया जा सकता था लेकिन कमलनाथ की प्रशासन ने ऐसा नहीं किया। आक्रोशित लोगों ने इस दौरान जमकर नारेबाजी की। उन्होंने छिंदवाड़ा-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जाम कर दिया था। इधर प्रशासन ने मूर्ति हटाने पर सफाई देते हुए कहा है- ”बिना इजाजत के ही छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा स्थापित की गई थी, इसीलिए मूर्ति हटाना पड़ा।”
कांग्रेस-शिवसेना को शिवराज ने घेरा
शिवराज बोले कि इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथजी क्षमा याचना करें और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को ससम्मान स्थापित करने की तत्काल व्यवस्था करें। यह सरकार महापुरुषों का अपमान करने में गर्व का अनुभव करती है। चौहान ने आगे कहा-
”महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार में कांग्रेस भी शामिल है। शिवसेना छत्रपति शिवाजी महाराज को आदर्श मानती है। उनका ऐसा अपमान क्या वे सह पाएंगे? कहा- अगर आपत्ति थी तो उनकी प्रतिमा को सम्मानजनक तरीके से भी हटाया जा सकता था, लेकिन उनका अपमान किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।”
छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्र का गौरव हैं,हमारे आराध्य हैं व देश की प्रेरणा के स्रोत हैं।
उनका अपमान किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जायेगा।अगर आपत्ति थी तो उनकी प्रतिमा को सम्मानजनक तरीके से भी हटाया जा सकता था लेकिन यह सरकार तो महापुरुषों का अपमान करने में गर्व का अनुभव करती है। pic.twitter.com/7shlvhjLdq
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) February 12, 2020
इसी तरह भाजपा महाराष्ट्र ने भी कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है।
महाराष्ट्राचे आराध्यदैवत छत्रपती शिवाजी महाराजांचा मध्यप्रदेश मधील पुतळा पाडण्याचा प्रयत्न करून काँग्रेसने महाराजांबद्दल आपले 'प्रेम' दाखवलेलेच आहे.
आता वेळ आहे शिवसेनेची!!
त्यांना महाराज जवळचे वाटतात की सत्तेतला मित्र काँग्रेस?#CONgInsultsChhatrapatiShivaji pic.twitter.com/QdsEZKuYf8— भाजपा महाराष्ट्र (@BJP4Maharashtra) February 12, 2020
दरअसल, शिवराज चौहान का बयान कांग्रेस और शिवसेना को पूरी तरह बेनकाब करते हैं। मालूम हो कि महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी की गठबंधन सरकार है और छत्रपति शिवाजी महाराज को शिवसेना अपना आदर्श मानती है। शिवाजी महाराज के नाम पर उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र की जनता से वोट वसूलते हैं।
ऐसे में जब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने मराठा इतिहास के सबसे वीर योद्धा की प्रतिमा को अपमानजनक तरीके से ध्वस्त किया है तो शिवसेना क्यों चुप है। क्या वह शिवाजी महाराज के अपमान को समर्थन करती है? अगर नहीं करती है तो उद्धव ठाकरे क्यों चुप हैं? इस सभी सवालों के जवाब सेक्युलर शिवसेना के पास नहीं है क्योंकि शिवसेना अगर कांग्रेस का विरोध की तो कुर्सी गवांनी पड़ सकती है।
कांग्रेस की कमलनाथ सरकार का यह कुकृत्य बेहद शर्मनाक है और शिवसेना की इस पर चुप्पी और भी घटिया लग रहा है। ऐसे में शिवसैनिकों, हिंदुओं और मराठाओं को अब समझ जाना चाहिए कि उनके आदर्श को कांग्रेस तो अपमानित करती ही है लेकिन शिवसेना के ढोंग का भी पर्दाफाश हो चुका है।