करण जौहर ने जिसे ‘तख़्त’ के लिए संवाद लिखने के लिए चुना है वो खुलेआम हिन्दू विरोधी ट्वीट कर रहा है

हुसैन हैदरी

करण जौहर एक बार फिर सुर्खियों में है, परंतु इस बार गलत कारणों से। 2021 में करण की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘तख्त’ के संवाद लेखक हुसैन हैदरी अपने ट्वीट्स के कारण विवादों के घेरे में आ चुके हैं, जहां वे लोगों को हिंदुओं के विरुद्ध भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। स्थिति तो यह हो गयी कि आक्रोशित सोशल मीडिया यूजर्स ने #BoycottTakht ट्विटर पर ट्रेंड करना शुरू कर दिया है।

कुछ दिन पहले हुसैन हैदरी ने हिंदुओं के विरुद्ध अपना वैमनस्य दिखाते हुए ट्वीट किया, “अपर कास्ट हिन्दू पूरे देश का सत्यानाश करके बैठे हैं। पर ज्ञान बांटने में, भाषा का श्रृंगार सिखाने में और शालीनता का पाठ पढ़ाने में सब एक नंबर है। अपने कॉलोनियों में घर घर जाओ और चप्पल मार मार के बोलो कि बीजेपी को वोट न करे। हिम्मत दिखाओ, बकैती नहीं!”

पर हुसैन हैदरी यहीं पर नहीं रुके। उन्होंने आज सुबह फिर ट्वीट करते हुए कहा है, “इन दो शब्दों का इस्तेमाल करें। यह बहुत ज़रूरी है – हिन्दू आतंकवाद। हिन्दू आतंकवाद। हिन्दू आतंकवाद…”

अब हुसैन हैदरी के इन ट्वीट्स पर टिप्पणी करने से पहले जनाब के बैकग्राउंड पर प्रकाश डालते हैं। आईआईएम इंदौर से परास्नातक करने वाले हुसैन कुछ समय तक कोलकाता में रहे। इसके बाद अपनी नौकरी छोड़ छाड़कर वे मुंबई पधारे, जहां इनहोने बतौर गीतकार ‘करीब करीब सिंगल’, ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ जैसी फिल्मों और टीवीएफ के सिरीज़ ‘टीवीएफ ट्रिपलिंग’, ‘यह मेरी फ़ैमिली’, और एमेज़ोन प्राइम के सिरीज़ ‘लाखों में एक’ के लिए गीत लिखे हैं।

अब आते हैं हुसैन हैदरी के करण जौहर कनैक्शन पर। यह महोदय करण जौहर की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘तख्त’ के लिए संवाद लिख रहे हैं। यह फिल्म मुगल साम्राज्य के लिए सबसे खूनी संघर्षों में से एक पर आधारित है। वो कहानी जिसमें मुगल बादशाह शाहजहां का उत्तराधिकारी बनने के लिए उनके चारों पुत्रों में एक खूनी संघर्ष चला था। इस फिल्म के साथ कई बड़े नाम जुड़े हैं, जिसमें अनिल कपूर मुगल बादशाह शाहजहां का किरदार निभाएंगे, जबकि करीना कपूर खान उनकी पुत्री जहां आरा का किरदार निभाएँगी। रणवीर सिंह शाहजहां के प्रिय पुत्र और उनके ‘उत्तराधिकारी’ दारा शिकोह का किरदार निभाएंगे, जबकि विकी कौशल मुगल सल्तनत के सबसे खूंखार और बर्बर शासक औरंगज़ेब का किरदार निभाएंगे।

तो फिर इसमें समस्या क्या है? समस्या है हुसैन हैदरी की विषैली विचारधारा और सीएए के विरोध के नाम पर हिंदुओं के विरुद्ध उनका वैमनस्य। उदाहरण के तौर पर आप इस ट्वीट को देखिये जिसमें वो हिन्दुओं के खिलाफ अपने विचार रख रहे हैं–

इस ट्वीट में हुसैन हैदरी यूपी में उपद्रवियों पर हो रहे कार्रवाई को हिन्दू आतंकवाद की संज्ञा दे रहे हैं। अब कल्पना कीजिये, जो व्यक्ति हिंदुओं के विरुद्ध इतना जहर उगलता है, वो मुगल साम्राज्य के महिमामंडन में ना जाने क्या क्या चित्रित करेगा? ऐसा लगता है कि करण जौहर ने ‘कलंक’ के बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरने से कोई सबक नहीं लिया है, तभी उन्होंने हुसैन हैदरी जैसे विषैले और घृणास्पद विचारधारा रखने वाले लेखक को फिल्म के संवाद लिखने के लिए नियुक्त किया है।

बता दें कि हुसैन हैदरी वही व्यक्ति हैं, जिसने मुक्काबाज जैसी फिल्म के लिए गीत भी लिखे हैं, वो फिल्म जिसमें गौ रक्षकों का मजाक उड़ाया गया था और ब्राह्मणों की नकारत्मक छवि पेश की थी। मतलब जनाब की हिस्ट्री काफी ब्राइट है जी!

वामपंथियों के लिए अब ‘तख्त’ ‘तान्हाजी’ जैसी फिल्म के विपरीत मरहम के सम्मान लग रही है जिसमें मुगलों का महिमामंडन करने की पूरी पूरी संभावनाएं नजर आ रही हैं। हुसैन हैदरी के विषैले ट्वीट्स को देखते हुए इस बात में कोई संदेह नहीं है कि ‘तख्त’ में मुग़ल साम्राज्य की बर्बरता को न्यायिक दिखाने की कोशिश हो सकती है। परंतु सोशल मीडिया की जनता अब पहले जितनी अंधी नहीं है। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने तुरंत हुसैन हैदरी के विष को उजागर करते हुए ‘Boycott Takht’ की मांग शुरू कर दी। जवाबदेही से बचने के लिए हुसैन हैदरी ने अपने इंस्टाग्राम और ट्विटर अकाउंट को लॉक कर दिया है और अपने ट्वीट्स को भी protected श्रेणी में डाल दिया है।

सच कहें तो सीएए एनआरसी की वजह से कल तक जो साँप अपने बिलों में छुपे हुए थे, वो अब खुलकर सामने आ रहे हैं और अपनी विषैली सोच जगजाहिर कर रहे हैं। अब ये करण जौहर के ऊपर है कि क्या वो एक बेहतर विकल्प चुनते हैं, या फिर चंद रुपयों के लिए एक बार फिर भारतीय संस्कृति और सनातन समुदाय का अपमान करने वाले प्रोपगैंडावादियों को बढ़ावा देते हैं।

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