“जैसी करनी वैसी भरनी”, IT डिपार्टमेन्ट अब सोनिया के करीबी अहमद पटेल की खबर लेगा

70 वर्ष की उम्र में तकलीफ तो बहुत होगी!

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सोनिया गांधी के बेहद करीबी माने जाने वाले अहमद पटेल इस बार काफी बुरी तरह फंसे हैं। आयकर विभाग ने उन पर शिकंजा कसते हुए 400 करोड़ के हवाला transaction के लिए उन्हें तलब किया है।

सीएनबीसी टीवी-18 की रिपोर्ट के अनुसार- आयकर विभाग ने इंकम टैक्स एक्ट की धारा 131 के अंतर्गत 14 फरवरी को अहमद पटेल को तलब [summon] किया था। परंतु महोदय फरीदाबाद के अस्पताल में बीमारी के नाम पर भर्ती हो गए, जिस कारण जनाब आयकर विभाग के सामने उपस्थित नहीं हुए। सीएनबीसी टीवी-18 के सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग उन्हें फिर summon जारी करेगा।

बता दें कि अहमद पटेल अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष हैं, और वे यूपीए सरकार में ‘सुपर पीएम’ सोनिया गांधी के दाहिने हाथ मानें जाते थे। उन पर 400 करोड़ रुपए के हवाला गतिविधि में संलिप्त होने का आरोप लगाया गया है, जिसके संबंध में आयकर विभाग ने कई बार उन्हें समन जारी किया है। इससे पहले भी कांग्रेस पार्टी को पिछले वर्ष हवाला गतिविधियों के कारण मिलने वाले पैसों से संबन्धित एक मामले में आयकर विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजा था, जिसमें हवाला रैकेट में 3300 करोड़ रुपए का घपला हुआ था।

इतना ही नहीं, अहमद पटेल खुद भी भ्रष्टाचार से संबन्धित कई मामलों में फंसे हुए हैं। स्टर्लिंग बायोटेक केस में प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने अहमद का नाम भी उजागर किया था। ईडी के अनुसार स्टर्लिंग बायोटेक घोटाले में प्रमुख आरोपी और संदेसरा ग्रुप के मालिक नितिन संदेसरा 5000 करोड़ के बैंक फ़्रॉड केस में वांछित हैं, जिनके पीछे ईडी और सीबीआई दोनों पड़ी है। उन्होंने आंध्रा बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के समूह से 5000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था, जो बाद में एनपीए यानि नॉन परफॉर्मिंग एसेट में परिवर्तित हो गया। कई मीडिया सूत्रों के अनुसार संदेसरा ग्रुप पर लगभग 8000 करोड़ रुपये से ज़्यादा कर्ज़ न चुकाने का आरोप है।

इनकी गुजरात आधारित कंपनी स्टर्लिंग बायोटेक लिमिटेड पर कई आईएएस, आईपीएस एवं आयकर विभाग के अफसरों को घूस देकर अपना काम निकलवाने का आरोप है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले अहमद पटेल के दामाद और बाद में उनके बेटे से भी मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने पूछताछ की थी।

सूत्रों के मुताबिक कई गवाहों ने अहमद पटेल के दिल्ली स्थित आवास और उनके विश्वासपात्र गगन धवन के घर पर स्टर्लिंग बायोटेक की ओर से नकद की आवाजाही को भी देखा है। यहां गगन धवन ने बिचौलिया की भूमिका निभाई थी।

इतना ही नहीं, अहमद पटेल पर अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में भी गाढ़ी कमाई करने का आरोप लगा है। अहमद पटेल पर जांच एजेंसियों की पहले से ही नज़र गड़ी हुई है। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले से संबन्धित चार्जशीट में गांधी परिवार के अलावा इनका नाम भी सामने आया है। स्वयं पकड़े गए दलालों में से एक  क्रिश्चियन मिशेल ने ये स्वीकार किया है कि अहमद पटेल भी इस घोटाले में संलिप्त थे।

इतना ही नहीं लोकसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ऑफिस में हवाला के 20 करोड़ रुपए पहुंचाए जाने का मामला भी सामने आया था, तो आयकर विभाग के छापे से ऐन वक्त पहले अहमद पटेल अपने एक विश्वासपात्र, एस.एम. मोइन के घर गये थे जिससे जांच एजेंसियों का शक और गहरा गया। ग्रेस पार्टी ने एक प्रेस रिलीज़ में दावा किया था कि मोदी सरकार के तहत 23 लोग भाग गए हैं। हालांकि, इस सूची में सिर्फ 19 नाम का ही उल्लेख था और उन्होंने बाकि नाम जानबुझकर छुपाया था।

कांग्रेस का घोटालों से नाता कितना गहरा है ये तो किसी से छुपा नहीं है लेकिन जिस तरह से समय के साथ बड़े खुलासे हो रहे हैं उससे तो यही लगता है कि इस पार्टी ने अपने शासनकाल में सिर्फ जनता को ठगा है और यही वजह है कि आज ये पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। कभी यूपीए सरकार में जी भर कर जनता के पैसों पर ऐश करने वाले नेता आज जमानत के लिए कोर्ट के चक्कर काटते फिर रहे हैं।

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