अंतर्राष्ट्रीय खबरों में आने के लिए कुछ भी करेगा: ट्रंप के आते ही लिबरलों ने दिल्ली में आग लगाई!

दिल्ली

देश की राजधानी में एक बार फिर सीएए विरोध के नाम पर प्रदर्शनकारियों ने उत्पात मचाने का प्रयास किया। दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद कुछ समय तक शांत पड़ चुके उपद्रवी एक बार फिर सक्रिय हो चुके हैं, वो भी ऐसे समय पर, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत दौरे पर आए हैं।

पूर्वोत्तर दिल्ली में स्थित जाफराबाद से यह उपद्रव प्रारम्भ हुआ। घटनास्थल से संबंधित वीडियो को देखकर स्पष्ट है कैसे सीलमपुर से मौजपुर और यमुना विहार को जोड़ने वाले मार्ग पर उपद्रवी अवरोध उत्पन्न कर रहे हैं।

https://twitter.com/vivekagnihotri/status/1231906864331395072?s=20

इनका उद्देश्य साफ था – शाहीन बाग के तर्ज पर अब जाफराबाद में भी उपद्रव करने की कोशिश करना. इस विरोध प्रदर्शन के कारण जाफराबाद के मेट्रो स्टेशन को भी बंद करना पड़ा था।

https://twitter.com/TrulyMonica/status/1231466146773159941?s=20

फिर दिन भर में शहर के अन्य इलाकों से ऐसे ही अवरोधों की खबरें आने लगी। सीएए विरोधी लॉबी द्वारा पूर्वी दिल्ली के चाँद बाग और खुरेजी क्षेत्रों में अवरोध उत्पन्न होने लगा। आग में घी डालते हुए भीम आर्मी के भारत बंद के कॉल ने शहर में हिंसक प्रदर्शन और मार्ग अवरोध उत्पन्न करवाए –

https://twitter.com/Soumyadipta/status/1231548134230298624?s=20

 

इन अवैध मार्ग अवरोधों के कारण स्थानीय लोगों ने भी जमकर विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि वे एक और शाहीन बाग नहीं बनने देना चाहते थे। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए जाफराबाद में उत्पन्न हुए मार्ग अवरोध को साफ कराने को कहा।

https://twitter.com/KapilMishra_IND/status/1231544492596981760?s=20

स्थिति तब चिंताजनक हुई जब मौजपुर में कपिल मिश्रा द्वारा निकाली गयी सीएए समर्थक रैली पर पत्थरबाज़ी की गयी। मौजपुर बाबरपुर मेट्रो स्टेशन पर सीएए समर्थकों का एक गुट पहुँच गया और जाफराबाद से मार्ग अवरोध हटाने की मांग करने लगा। इसपर सीएए विरोधी उपद्रवियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, और पंद्रह लोग घायल हुए –

https://twitter.com/RameshP89691392/status/1231588023357321218?s=20

 

परंतु यह महज संयोग नहीं है कि ये उपद्रव तभी शुरू हुआ जब डोनाल्ड ट्रम्प के भारत दौरे में कुछ ही घंटे शेष बचे थे। उद्देश्य साफ था – अंतर्राष्ट्रीय समुदायों का अपनी ओर ध्यान खींचना और ट्रम्प को डराकर भारत छोड़ने पर विवश करना। इसी प्रपंच का सफल प्रयोग असम में हुआ था, जहां पर सीएए विरोधी उपद्रवियों ने उत्पात मचाकर जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे को भारत का दौरा टालने के लिए विवश किया था।

यदि आपको विश्वास नहीं होता तो शर्जील इमाम का उदाहरण देखिये। गिरफ्तारी के पश्चात उसके लैपटॉप से मिले एक pamphlet के अनुसार, “अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने के लिए हमारे मुसलमान भाई हजारों की तादाद में दिल्ली में अवरोध पैदा करेंगे”।

अब अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए भला राष्ट्रपति ट्रम्प की यात्रा से बेहतर अवसर क्या हो सकता है। टीवी न्यूज का अधिकांश ध्यान इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के आस-पास केंद्रित होना स्वाभाविक है। ऐसे में इन उपद्रवियों का मुख्य उद्देश्य मीडिया का अटेंशन पाना है। वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प का कवरेज पश्चिमी दर्शकों की आंखों में उनके हिंसक विरोध की विचलित करने वाली छवियों से भरा हुआ हो। इस तरह वे ट्रम्प की भारत यात्रा में उपद्रव करने में सफल होंगे और पश्चिमी मीडिया का ध्यान भी खींचेंगे।

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