अब आपको cash निकालने के लिए बैंक नहीं जाना पड़ेगा, PhonePe ला रहा है क्रांतिकारी तकनीक

PhonePe

PhonePe पेमेंट एप की मदद से अब आप कहीं भी PhonePe मर्चेन्ट के पास जाकर कैश निकाल सकते हैं और आपको अब कैश के लिए किसी ATM की ज़रूरत नहीं होगी। PhonePe द्वारा शुरू की गयी इस सेवा के तहत PhonePe ने अपने से जुड़े मर्चेंट्स को ही ATM में बदल दिया है। अब किसी भी यूजर को PhonePe एप में stores में जाकर PhonePe ATM ऑप्शन पर क्लिक करना है, और उसके बाद यूजर सबसे नजदीकी PhonePe मर्चेन्ट के पास जाकर अपना कैश withdraw कर सकते हैं। बस यूजर को उस मर्चेन्ट को PhonePe से भुगतान करना होगा। इसका मतलब यह है कि अब आपको कैश के लिए सिर्फ ATM पर ही जाने की ज़रूरत नहीं होगी।

इससे ना सिर्फ कार्ड की ज़रूरत खत्म होगी बल्कि आसानी से कैश भी उपलब्ध हो सकेगा। PhonePe से अभी देशभर में 90 लाख मर्चेंट्स जुड़े हैं और इस पेमेंट एप के लगभग साढ़े 6 करोड़ एक्टिव उपभोक्ता हैं। इससे मर्चेंट्स को भी बड़ा फायदा पहुंचेगा क्योंकि उन्हें अपना कैश जमा करवाने के लिए बैंक का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। अगर PhonePe की यह योजना सफल रहती है, तो यह देश के आर्थिक ढांचे के विकास में UPI का एक और बड़ा योगदान होगा।

PhonePe का यह विचार देश में ATM इनफ्रास्ट्रक्चर के लिए घातक साबित हो सकता है क्योंकि इससे ATMs का महत्व खत्म हो जाएगा और लोग PhonePe मर्चेंट्स को ही प्राथमिकता देंगे। हालांकि, PhonePe की इस योजना में UPI की सबसी बड़ी भूमिका है जिसके द्वारा आसान ऑनलाइन लेन-देन ने लोगों को UPI से जुड़ी पेमेंट्स एप को इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया है।

बता दें कि यूपीआई भारत द्वारा निर्मित एक इंस्टेंट रियल टाइम पेमेंट सिस्टम है, जिसे ऑनलाइन वित्तीय गतिविधियों को सुचारु रूप से सक्रिय रखने के लिए बनाया गया है। इस इंटरफेस को आरबीआई नियंत्रित करती है, और ये मोबाइल प्लेटफ़ार्म पर दो बैंक अकाउंट के बीच वित्तीय गतिविधियों का संचालन करती है। ये देश भर में होने वाले सार्वजनिक और निजी पेमेंट के लिए एक अम्ब्रेला ऑर्गनाइज़ेशन के समान है। यूपीआई पर सक्रिय अहम प्लेटफ़ार्म में पेटीएम, फोनपे, एमज़ोन पे, भीम ऐप्प शामिल है। यूपीआई और भीम ऐप्प को भारत के राष्ट्रीय पेमेंट्स कार्पोरेशन ने निर्मित किया है, जिसे देश के केन्द्रीय बैंक यानि रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया से प्रोत्साहन मिलता है।

यह सिस्टम इतना कारगर है कि खुद गूगल जैसी कंपनी इसकी तारीफ कर चुकी है। स्वयं गूगल द्वारा संचालित गूगल पे भी यूपीआई का एक अहम हिस्सा बन चुका है। गूगल के भारतीय विभाग से संबन्धित सीज़र सेनगुप्ता कहते हैं, “हम इस बात पर स्पष्ट रहे हैं कि डिजिटल पेमेंट को सुचारु रूप से सक्रिय रखने के लिए बैंक, सरकार और टेक कंपनीज़ के बीच उचित साझेदारी ही सही है, जो यूपीआई जैसे स्पष्ट और स्टैंडर्ड आधारित इनफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा करती है”।

2017 में लॉन्च हुई यूपीआई अब विश्व भर में अपनी क्षमता का लोहा मनवा रही है। फिडेलिटी नेशनल इन्फॉर्मेशन सर्विसेज द्वारा ‘फ़ास्टर पेमेंट्स इनोवेशन इंडेक्स’ में यूपीआई को सर्वश्रेष्ठ त्वरित पेमेंट इंटरफेस [IMPS] की उपाधि मिली थी। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने देश के वित्तीय प्रणाली के डिजिटाइज़ेशन को लागू करने हेतु डिजिटल और कार्ड गतिविधियों में भारी कटौती की, जिसके कारण डिजिटल गतिविधियों के क्षेत्र में देशभर में क्रान्ति आ गयी।

पीएम नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में डिजिटल इंडिया की मुहिम लगातार आगे बढ़ रही है। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2018-19 में यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस यानि यूपीआई के जरिए डिजिटल पेमेंट ने डेबिट कार्ड से हुए लेनदेन को भी पीछे छोड़ दिया है। वित्त वर्ष 2019 में देश में 5.35 बिलियन यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए, जबकि डेबिट कार्ड के जरिए सिर्फ 4.41 बिलियन लेनदेन हुए। देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि यूपीआई ट्रांजेशक्शन के आंकडों ने डेबिट कार्ड के जरिए लेनदेन के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है।

अब जब PhonePe जैसी कंपनियाँ अपने खुद की ATM जैसी सुविधाएं प्रदान कर रही हैं, तो इससे UPI के इस्तेमाल को और ज़्यादा बढ़ावा ही मिलेगा। इससे ना सिर्फ देश के आर्थिक ढांचे में पारदर्शिता आएगी बल्कि लोग कैश-लैस इकॉनमी की ओर भी अग्रसर होंगे।

Exit mobile version