केजरीवाल सरकार ने कन्हैया पर कार्रवाई की मंजूरी क्या दी, काँग्रेस समेत सभी वामपंथी दहाड़ें मार मार कर रोने लगे

कन्हैया कुमार

दिल्ली दंगों में आम आदमी पार्टी  से निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन का सीधे तौर पर नाम आने के बाद दिल्ली सरकार पर काफी दबाव बढ़ा हुआ है। इससे पहले AAP के विधायक अमानतुल्लाह खान पर भी शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को भड़काने के आरोप लग चुके हैं। यही कारण है कि अब इस दबाव के सामने झुककर आम आदमी पार्टी की सरकार ने JNUSU के पूर्व अध्यक्ष और CPI नेता कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी। दिल्ली सरकार ने कई महीनों से इस काम को अटकाया हुआ था।

एक तरफ जहां AAP नेता ताहिर हुसैन का नाम सीधे तौर पर IB अफसर अंकित शर्मा की हत्या में सामने आया है तो वहीं AAP ने कभी शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कुछ न बोलकर उनका हौसला बढ़ाने का काम किया। अब आनन-फानन में कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति देकर केजरीवाल सरकार ने अपनी छवि को साफ करने की कोशिश की है।

कन्हैया कुमार शुरू से ही लिबरल गैंग और तथाकथित सेक्युलर पार्टियों के पोस्टर बॉय रहे हैं। जैसे ही केजरीवाल सरकार ने कन्हैया  के खिलाफ यह फैसला लिया, तुरंत वे ऐसे लोगों के निशाने पर आ गए। CPI से जुड़े सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल ने यह फैसला मोदी सरकार को लुभाने के लिए लिया है। उनके मुताबिक अभी दिल्ली सरकार दंगों के कारण बैकफुट पर है और ऐसे में केंद्र सरकार का समर्थन हासिल करने के लिए वे ऐसा कर रहे हैं।

बता दें कि आज से पहले कई मौकों पर केजरीवाल खुद कन्हैया की सार्वजनिक तौर पर तारीफ कर चुके हैं। वर्ष 2016 में जब कन्हैया पर देशद्रोह के आरोपों के तहत FIR दर्ज की गयी थी तो केजरीवाल ने कहा था कन्हैया कुमार का भाषण मैंने कई बार सुना, क्या गज़ब के विचार हैं। उसने वह कहा है जो कई लोग कहना चाहते हैं। भगवान उन्हें आशीर्वाद दे”

हालांकि, अब दूसरी बार सरकार में आने के बाद केजरीवाल सरकार के तेवर बदले बदले नज़र आ रहे हैं। केजरीवाल सरकार के कन्हैया पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुमति देने के कारण लिबरलों की छाती पर मानों साँप लोट गया हो। सबसे पहले प्रतिक्रिया कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम की ओर से आई। उन्होंने लिखा केंद्र सरकार की तरह ही दिल्ली सरकार भी कन्हैया कुमार को लेकर बिल्कुल भी सजग नहीं है। मैं दिल्ली सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध करता हूँ”

मजे की बात तो यह है कि ये वही चिदंबरम हैं जिन्होंने दिल्ली में AAP की सरकार बनने के बाद पार्टी की तारीफ की थी।

इसी प्रकार दिल्ली सरकार के इस फैसले पर एक्टर सिमी ग्रेवाल ने भी अपनी पीड़ा ज़ाहिर की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा इस कदम से केजरीवाल ने उनके प्रति मेरे सम्मान को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। मुझे अफसोस है कि मैंने कभी उनका समर्थन किया था”

ऐसे में गीतकार और म्यूजिक डायरेक्टर विशाल ददलानी भी कहाँ पीछे रहने वाले थे। उन्होंने AAP पर निशाना साधते हुए लिखा “AAP ने गलत सरकार की आलोचना के रूप में सब शुरू किया था। आज भी हम से कई लोग सरकार की गलत नीतियों का विरोध करते हैं, वो भी बड़ा खतरा मोल लेकर। हम आज भी मात्र कुछ फायदे और वोट्स के लिए पाला बदलने वालों को तुच्छ समझते हैं। ऐसा करना गलत है”

इसी तरह अनुराग कश्यप ने भी आप पर बिकने का आरोप लगा डाला। उन्होंने लिखा महाशय आपका क्या कहें, spineless तो कोम्प्लीमेंट है, आप तो वो भी नहीं। कितने में बिके?”

कुछ इसी तरह के कुंठा से भरे tweets हमें सागरिका घोष, निखिल वागले जैसे लिबरलों की ओर से भी देखने को मिले।

जैसा कि हम सब जानते हैं, कन्हैया कुमार को देश के युवा बेहद नफरत करते हैं और इसी कारण वे हर जगह आम जनता से पिटते भी रहते हैं, लेकिन देश के लिबरलों के लिए वे किसी सुपरस्टार से कम नहीं। केजरीवाल ने कुछ समय पहले तक उनके बड़े फ़ैन हुआ करते थे, और क्या पता अब भी हों, लेकिन इतना साफ है कि जनता की मर्जी के खिलाफ कोई भी सरकार किसी अपराधी को कानून से नहीं बचा सकती है।

Exit mobile version