फर्जी EVM हैक कर ड्रामा रचने वाले सौरभ भारद्वाज कल चुनाव जीतकर पतली गली से निकल लिए

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दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अपनी बढ़त कायम रखते हुए 62 सीटों पर जीत दर्ज की है, सरकार भी बननी तय है। परंतु इस चुनाव में जो सबसे चौंकाने वाली बात थी, वो यह कि ग्रेटर कैलाश से उसी सौरभ भारद्वाज ने चुनाव जीता, जो ईवीएम हैकिंग को सिद्ध करने के लिए दिल्ली के विधानसभा में प्रदर्शन भी कर रहा था। सौरभ भारद्वाज ने कुल मतों में 55.62 प्रतिशत मत प्राप्त कर 16809 वोट के भारी अंतर से चुनाव जीता।

2017 में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा ने प्रचंड बहुमत से चुनाव जीता था, तब अरविंद केजरीवाल ने ईवीएम हैकिंग के अफवाहों को हवा दी थी। बात यहां तक बढ़ गयी थी कि 2017 में दिल्ली विधानसभा में सौरभ भारद्वाज ने एक ‘prototype ईवीएम’ के साथ Demonstration दिया कि कैसे EVM हैक हो सकती है। सौरभ भारद्वाज ने दावा किया था, “हम ऐसे ही EVM के साथ होने वाली टैंपरिंग का आरोप नहीं लगा रहे हैं। हमारे पास आईआईटी Graduates द्वारा विकसित एक Prototype ईवीएम हैं, जिससे हम सिद्ध कर देंगे कि EVM हैक हो सकती है”।

परंतु जब चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी द्वारा दी गयी चुनौती को स्वीकारते हुए उन्हे ‘हैकाथोन’ के लिए आमंत्रित किया, तो आम आदमी पार्टी कन्नी काटते हुए दिखाई दी। इतना ही नहीं, थोड़ी जांच पड़ताल के बाद पता चला कि जिस ‘ईवीएम’ को आधार बनाकर सौरभ भारद्वाज इतना हो हल्ला मचा रहे थे, और जिसे कथित रूप से IIT के विद्यार्थियों ने विकसित किया था, वो दरअसल एमेज़ॉन पर महज 1700 रुपये में मिलने वाला एक डिवाइस था।

परंतु झूठ पकड़े जाने के बाद भी सौरभ अपने बेतुके आरोपों से टस से मस नहीं हुए और उसने आगे बढ़कर ये दावा किया कि विदेशी राजनेता भी उसके बात से सहमत है। बोत्सवाना के विपक्षी नेता के बयान का उपयोग करते हुए सौरभ भारद्वाज ने दावा किया था कि वे सिद्ध कर देंगे कि कैसे ईवीएम हैक की जा सकती है –

 

हालांकि चुनाव आयोग ने बोत्सवाना सरकार द्वारा एक डेमोंस्ट्रेशन के आवेदन को इंकार कर दिया था, क्योंकि उस समय देश में लोकसभा के चुनाव भी हो रहे थे। सौरभ भारद्वाज और आम आदमी पार्टी ने भारत की साख को मिट्टी में मिलाने के लिए भरसक प्रयास किए हैं। सौरभ भारद्वाज ने आम आदमी पार्टी की ओर से ईवीएम का मोर्चा अकेले संभाला था, परंतु इसी ईवीएम के बदौलत वे इस बार चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ आए हैं। शायद इसी परिणाम को देखकर शेखर गुप्ता जैसे पत्रकार तक को कहना पड़ा था, “अब आशा करता हूँ कि इस विजय से आम आदमी पार्टी की ईवीएम हैकिंग की कॉन्सपिरेसी थ्योरी खत्म हो जाएगी।‘’

सच कहें तो आम आदमी पार्टी ईवीएम के बल पर ही वापिस फिर से सत्ता में आई है और अब उसे ईवीएम हैकिंग के राग को अलापना बन्द कर देना चाहिए। अब यह देखना होगा कि क्या इस विजय के बाद सौरभ भारद्वाज अब ईवीएम पर हाहाकार मचाना बन्द करेंगे या फिर एक प्रतिकूल परिणाम आने पर फिर ईवीएम का रोना रोएँगे।

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