स्वरा भास्कर मुसीबत का दूसरा नाम है, या मुसीबत का पहला नाम स्वरा भास्कर, इस बात पर लोग पहले मुर्गी आई की अंडा से भी ज़्यादा कनफ्यूज हो जाएंगे। फिलहाल, बेरोजगारी से जूझ रही जेएनयू की राज दुलारी अभिनेत्री ने साइड बिज़नेस के तौर पर दिल्ली में दंगे भड़काने का काम पकड़ा है। यही वजह है कि अभी हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीशों ने एक याचिका को संज्ञान में लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस थमाकर काँग्रेस हाईकमान, हर्ष मंदर, अमानतुल्लाह खान और स्वरा भास्कर जैसे लोगों पर कार्रवाई के संबंध में जवाब मांगा है।
चाहे कपिल मिश्रा पर दंगा भड़काने के झूठे आरोप लगाने, दिल्ली पुलिस पर हमला करने के लिए उपद्रवियों पर भड़काऊ भाषण देने हो, या फिर हेड कांस्टेबल रतन लाल के बलिदान का उपहास उड़ाना हो, आप बोलते जाइए और स्वरा भास्कर ने वो सभी काम बड़ी बेशर्मी से किए हैं। दंगे, मोदी विरोधी प्रदर्शन या फिर सनातन धर्म को बदनाम करने का कोई अभियान हो, इन शानदार अवसरों पर स्वरा दीदी की मुस्कान की चमकान तो देखते ही बनती है भैया।
अगर किसी को सीएए के पारित होने से सबसे ज़्यादा आघात हुआ है, तो वो स्वरा भास्कर ही हैं। मोदी सरकार के धुर विरोधियों में से एक और देशद्रोहियों का खुलेआम समर्थन करने वाली स्वरा भास्कर ने सीएए विरोध के नाम पर जितनी अफवाहें फैलाई हैं, उसपर अलग से किताब लिखी जा सकती है। स्वरा भास्कर किस तरह से पूरे देश को दंगों की आग में झोंकना चाहती हैं, उसका उदाहरण आप इस एक वीडियो से देखकर समझ सकते हैं, जहां वो कहती हैं, “हम उस मुहाने पर हैं जब वर्दीधारी लोग, जो संविधान की शपथ लेते हैं, वे निहत्थे मुसलमानों पर वार करते हैं, उनकी संपत्ति नष्ट करते हैं, कारण मुझे भी नहीं पता पर शायद वो मांस मच्छी खाते हैं इसलिए? मुझे पता भी नहीं असली वजह क्या है?”
This is actress, Swara Bhasker, inciting mobs by lying that the police is attacking Muslim households cuz they eat meat.
She has also said it on record that Delhi Police is with Hindus. Shouldn’t she be arrested for instigating Muslims against the state?pic.twitter.com/xtPw6q2o6X
— Sonam Mahajan (@AsYouNotWish) February 27, 2020
मतलब पता कुछ नहीं है, पर ज्ञान बाँचने का अवसर भी हाथ से जाने नहीं देना है। ये वही स्वरा भास्कर हैं जिनके लिए कानून व्यवस्था को बनाये रखना दिल्ली पुलिस का काम है, और जब दिल्ली पुलिस जामिया मिलिया में छुपे उपद्रवियों पर कार्रवाई करती है, तो यही दिल्ली पुलिस स्वरा के लिए बर्बर और अत्याचारी है। दंगों में चाहे ताहिर हुसैन की भूमिका से संबंधित कई सीसीटीवी फुटेज क्यों न सामना आ जाये, पर गिरफ्तार कपिल मिश्रा को करो। आखिर चाहती क्या हैं स्वरा दीदी?
परंतु स्वरा भास्कर की प्रोफाइल भी कोई साधारण प्रोफाइल नहीं है। गौर करें तो हर वामपंथी के लिए इनकी उपलब्धियाँ किसी आदर्श से कम नहीं होंगी। पद्मावत के रिलीज़ के पश्चात जौहर प्रथा का उपहास उड़ाते हुए यौन शोषण को उचित ठहराना हो, कठुआ केस में बिना जांच पड़ताल के पूरे हिन्दू समुदाय को दोषी ठहराना हो, या फिर सांप्रदायिक हिंसा में हिन्दू पीड़ित को ही लड़ाई के लिए दोषी ठहराना हो, स्वरा भास्कर हमारे वामपंथियों के लिए किसी आराध्य से कम नहीं है, और इसीलिए सीएए विरोध के नाम पर स्वरा भास्कर ने अपने बयानों से इस बार दंगे भड़काने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। यदि विश्वास नहीं होता, तो मोहतरमा के कुछ ट्वीट्स को ही देख लीजिये जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा –
अब बात जब सीएए विरोध की चली ही है, तो ज़रा स्वरा भास्कर के legendry तर्कों पर भी बात हो जाये। जब एक रिपोर्टर ने स्वरा से कुछ सवाल किये तो उसके जवाब क्या थे उसे देखिये, रिपोर्टर ने पूछा कि आप सीएए और एनआरसी का विरोध क्यों कर रही है? तो स्वरा ने कहा,’एनआरसी में इतने डरावने प्रोविज़न हैं, जिससे हर गरीब नागरिक जिसके पास कागजात नहीं हैं, उनकी नागरिकता और जान खतरे में है।’
इसपर रिपोर्टर ने एक और सवाल किया, पर एनआरसी का ड्राफ्ट कहाँ है? तो स्वरा ने जवाब दिया- ‘आप सरकार से पूछिये, ये मेरा काम नहीं है।’
ABP News tweets a 3minute clip of an anchor called #RubikaLiyaquat interviewing #SwaraBhasker, creating a false impression that she silenced Bhasker. This larger clip of the Q&A exposes Liyaqat as #Modi–#Shah's spokesperson: https://t.co/YHx8KORu9q #Journalism2020 #CAA_NRC_NPR https://t.co/9ZxQqCbDzL
— Anna MM Vetticad (@annavetticad) February 23, 2020
ये भाव रूबिका लियाकत के मन में भी अवश्य कौंधे होंगे जब स्वरा ने सीएए पर अपने विरोध के पीछे इतना विचित्र तर्क दिया। बात वहीं पे नहीं रुकी, जब स्वरा को लगा कि उन्हें रूबिका ने घेर लिया है, तो मोहतरमा ने सभी श्रोताओं को ‘संघी’ की संज्ञा देकर पल्ला झाड़ने का असफल प्रयास किया।
इससे पहले भी जब पूछा गया कि आखिर वे एनआरसी से इतना डरती क्यों है? स्वरा भास्कर ने बयान दिया, “डर तो लगेगा ही। मेरे पास तो कुछ है ही नहीं। मेरे पास कोई डिग्री नहीं है, मेरे पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं है, मेरे पास बाप दादा के प्रॉपर्टी के कागज नहीं है। मेरा नाम एनआरसी से छूट गया तो?”
पर ठहरिए, ये बिलकुल भी मत सोचिएगा कि स्वरा की यह मनोस्थिति 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के कारण या श्री राम जन्मभूमि के पुनरुत्थान हेतु के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा रास्ता साफ किए जाने के कारण हुई है। बिलकुल नहीं, ये कुंठा तो किसी और कारण से है। अपने विशुद्ध वामपंथी विचारों के कारण बेरोजगार पड़ चुकी स्वरा भास्कर लाईमलाइट में बने के लिए अब किसी भी हद तक जाने को तैयार है। बिग बॉस के contestant तो यूं ही बदनाम है, असली उत्पात तो स्वरा भास्कर ने अपनी हरकतों से मचाया हुआ है।
पर भाई, इसमें स्वरा की भी क्या गलती है? ‘वीरे दी वेडिंग’ के बाद से मोहतरमा को कोई ढंग का काम कहां मिला है। जिस भी फिल्म के लिए ऑडिशन देती हैं, भागा दी जाती हैं। जिन लोगों के लिए चुनाव प्रचार करने जाती हैं, सब बुरी तरह से हारते हैं। कन्हैया कुमार को भी उसी के गढ़ बेगूसराय से हरवाने में स्वरा दीदी का बहुत बड़ा रोल था। अब बेरोजगारी जो न कराये!
यूरोप में आज भी एक अजीब चुटकुला प्रचलित है, कि काश Vienna Academy of Fine Arts ने एक युवक को भगाया न होता, तो जर्मनी को एडोल्फ़ हिटलर और उसके नाजीवाद से नहीं गुजरना पड़ता। ऐसे ही कुछ महानुभावों का मानना है कि काश बॉलीवुड ने स्वरा भास्कर से रोजगार दिया होता, तो कम से कम देश में थोड़ी शांति होती। अब जब दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार को आवश्यक कार्रवाई करने हेतु नोटिस भेजा है, तो हम आशा करते हैं कि स्वरा भास्कर के विरुद्ध जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी, ताकि देश की संपत्ति और कलेक्टिव IQ को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई हो सके।