दिल्ली विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे पास आ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक खेल और दिलचस्प होता जा रहा है। चुनावों से पहले दिल्ली की द्वारका विधानसभा सीट पर तो मानो रोज पत्ते बदल रहे हैं। इस सीट पर कांग्रेस के महाबल मिश्रा के निलंबन के बाद दिल्ली की राजनीति ने एक नया मोड़ ले लिया है। बता दें कि कांग्रेस ने इस पूर्व सांसद को दिल्ली विधानसभा चुनाव के संदर्भ में “पार्टी विरोधी गतिविधियों” के लिए निलंबित कर दिया है।
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— INC Sandesh (@INCSandesh) January 31, 2020
यह समझने वाली बात है कि महाबल मिश्रा पूर्वी दिल्ली के पूर्व सांसद और द्वारका विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं और लंबे समय तक कांग्रेस के पुर्वांचली चेहरा बने रहे हैं। अब उनके बेटे विनय मिश्रा 13 जनवरी को आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हो चुके हैं। वह द्वारका से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं। विनय मिश्रा ने 2013 में विधायक का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन हार गए थे। पहले कहा जा रहा था कि विनय मिश्रा अपने पिता महाबल मिश्रा की जानकारी के बगैर आप में शामिल हुए हैं, लेकिन जैसे ही चुनावी सरगर्मियां तेज हुई, महाबल बेटे के प्रचार में जुट गए। जैसे ही कांग्रेस के आलाकमान को यह बात पता चली, तुरंत उन्हें कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया गया।
कांग्रेस द्वारा महाबल मिश्रा को निलंबित किए जाने के बाद अब आम आदमी पार्टी भी सकते में आ गई है। जनता को अब केजरीवाल की सच्चाई का पता चल चुकी है कि विनय मिश्रा को आम आदमी पार्टी ने टिकट क्यों दिया गया है। बता दें कि द्वारका सीट से मौजूदा MLA पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते आदर्श शास्त्री हैं और पिछली बार उन्होंने यह सीट आम आदमी पार्टी के टिकट पर जीता था। उस क्षेत्र में शास्त्री का अच्छा जनाधार भी है लेकिन फिर भी अरविंद केजरीवाल ने उन्हें टिकट नहीं दिया और उनके बदले महाबल मिश्रा के बेटे को टिकट दे दिया। इससे नाराज होकर आदर्श शास्त्री ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है और और अब कांग्रेस ने उन्हें उसी सीट पर अपना उम्मीदवार बना दिया है। बता दें कि आदर्श शास्त्री ने वर्ष 2015 के विधान सभा में 59.08 प्रतिशत वोट शेयर के साथ द्वारका विधान सभा सीट जीता था।
इन दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार को अदला बदली करते देख जनता तंग आ गयी है और इसका फायदा स्पष्ट रूप से तीसरी पार्टी यानि BJP के उम्मीदवार को मिलने जा रही है।
उम्मीदवारों की घोषणा से पहले यह उम्मीद लगाई जा रही थी केजरीवाल मौजूदा MLA को ही टिकट देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब केजरीवाल ने आदर्श शास्त्री को टिकट नहीं दिया तब आदर्श शास्त्री ने केजरीवाल पर 10-12 करोड़ रुपये ले कर किसी और को टिकट देने का आरोप लगाया था।
यह आरोप स्पष्ट रूप से AAP के लिए एक झटके के रूप में आया और केजरीवाल की कथित स्वच्छ छवि को झटका लगा। आदर्श शास्त्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, “जब मैंने AAP में शामिल होने के लिए Apple Inc के साथ उच्च वेतन वाली नौकरी छोड़ दी तो मुझे लगा कि यह ईमानदार आदमी स्वच्छ राजनीति करेगा। लेकिन पांच साल में मेरे अनुभवों ने मुझे कुछ और ही सीख दी है।”
आदर्श शास्त्री ने आगे कहा कि पार्टी में हर स्तर पर पैसा लेकर टिकट बंट रहा है और दो सांसद पैसा लेकर टिकट देने का काम कर रहे हैं। शास्त्री ने कहा कि आप ने महाबल मिश्रा के बेटे को टिकट दिया है, जिनपर पॉक्सो से लेकर करप्शन तक के आरोप हैं।
आदर्श शास्त्री के इन आरोपो की वजह से जमीनी स्तर अचानक से केजरीवाल के खिलाफ माहौल बनना शुरू हो चुका है। जो आम आदमी पार्टी द्वारका विधान सभा चुनाव को आसानी से जीतने जा रही थी, केजरीवाल के लालच ने उन्हें औंधे मुंह गिरा दिया है। कांग्रेस तो कभी भी इस चुनाव में जीत की दौड़ में थी ही नहीं। इन दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवारों की अदला-बदली से फायदा BJP के उम्मीदवार प्रद्युमन राजपूत को होते दिख रहा है। जनता को अब न आम आदमी पार्टी पर भरोसा रहा और न ही कांग्रेस में शामिल हो चुके आदर्श शास्त्री पर। बता दें कि BJP के उम्मीदवार प्रद्युमन राजपूत को वर्ष 2015 के विधानसभा चुनावों में द्वारका विधानसभा में 29.90 प्रतिशत वोट मिले थे लेकिन अब यह प्रातिशत स्पष्ट रूप से अधिक होने वाला है।
कुछ समय पहले तक प्रद्युमन राजपूत आदर्श शास्त्री की लोकप्रियता के कारण जीत रेस में भी नहीं थे। लेकिन AAP द्वारा आदर्श शास्त्री को चुनावी टिकट न देने के बाद, केजरीवाल पर उनके गंभीर आरोपों ने अचानक AAP के लिए जानता के बीच नकारात्मक भावना पैदा कर दी है। कांग्रेस के कहीं रेस में नहीं होने के कारण स्पष्ट रूप से अब प्रद्युम्न राजपूत जीतते दिखाई दे रहे हैं।