न AMU,न JNU,न Jamia: टाइम्स हायर एजुकेशन की टॉप 100 यूनिवर्सिटी में एक भी ‘क्रांतिकारी’ यूनिवर्सिटी नहीं है

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(PC: Hindustan Times)

Times Higher Education (THE) ने हाल ही में उभरती अर्थव्यवस्थाओं में शैक्षणिक संस्थानों को लेकर रैंकिंग जारी की है। 11 भारतीय विश्वविद्यालयों ने इस रैंकिंग में अपनी जगह बनाई, जो कि एक रिकॉर्ड है, लेकिन देश की एक भी ‘क्रांतिकारी’ यूनिवर्सिटी इस लिस्ट में अपनी जगह बनाने में कामयाब नहीं हो सकी। भारत की ओर से IIT संस्थाओं और IISC संस्था ने इस ranking में स्थान हासिल किया है। टॉप 100 शैक्षणिक संस्थानों में भारत से आगे चीन है, जिसके 30 विश्वविद्यालय इस लिस्ट में शामिल हैं।

इस रैंकिंग में भारतीय विज्ञान संस्‍थान (IISc) 16वें स्‍थान पर है। यह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान के बाद भारत का शीर्ष क्रम वाला संस्थान है। शीर्ष 100 में शामिल अन्‍य यूनिवर्सिटी की बात करें तो रैंकिंग में IIT खड़गपुर 23 स्थानों की छलांग के साथ 32 वें स्थान पर पहुंच गया है। IIT दिल्ली 28 स्थानों का सुधार कर 38 वें और IIT मद्रास 12 पायदान चढ़कर 63 वें स्थान पर है।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रोपड़ और इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी को पहली बार रैंकिंग में जगह मिली है और दोनों शीर्ष 100 में हैं।

अमृता विश्वा विद्यापीठम को छोड़ दिया जाए तो इस टॉप यूनिवर्सिटी की सूची में जगह बनाने वाली सभी यूनिवर्सिटी विज्ञान और तकनीक से संबन्धित हैं। जबकि आर्ट्स और humanities से संबन्धित भारत की लिबरल यूनिवर्सिटी जैसे JNU और जामिया मिलिया इसलामिया यूनिवर्सिटी इस सूची में कहीं भी  नहीं है। हालांकि, इससे किसी को हैरानी भी नहीं होनी चाहिए। IIT जैसे संस्थानों में जहां विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित यानि STEM, कानून और मैनेजमेंट कोर्स के जरिये शोध को बढ़ावा दिया जाता है, तो वहीं humanities और arts से जुड़ी यूनिवर्सिटी हर दिन विरोध प्रदर्शनों के लिए खबरों में रहती हैं।

जेएनयू और जामिया जैसी यूनिवर्सिटी केवल राजनीतिक कार्यक्रमों के लिए ही चर्चा में रहती हैं, और पढ़ाई और शोध को यहां सबसे कम महत्व दिया जाता है। भारत में CAA के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों में हमे यह देखने को मिल चुका है। CAA के खिलाफ JNU, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया, जादवपुर यूनिवर्सिटी और TISS जैसे संस्थान सबसे आगे खड़े रहे थे, लेकिन टॉप rankings में दूर दूर तक इनका नाम नहीं था।

दूनियाभर में यह देखा जा रहा है कि arts और humanities से संबन्धित यूनिवर्सिटी अपना प्रभाव खोती जा रही हैं। इसके साथ ही सरकार भी ऐसे यूनिवर्सिटीयों में निवेश करने से कतराती हैं क्योंकि इनसे रिटर्न बहुत ही कम मिलता है, और ये सबसे ज़्यादा विवाद खड़ा करती हैं, वो अलग। THE रैंकिंग्स ये स्पष्ट कर दिया है कि दुनिया में arts और humanities से जुड़ी यूनिवर्सिटी घटिया प्रदर्शन कर रही हैं, और IIT संस्थानों का प्रदर्शन इनसे बेहतर होता जा रहा है।

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