“ट्रम्प ने अमेरिका की भद्द पिटवादी”, POTUS की भारत यात्रा से बिदकी दुनियाभर की लिबरल मीडिया

डोनाल्ड ट्रम्प

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और पीएम नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को जिस तरह अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में सवा लाख लोगों को संबोधित कर एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया, उससे सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के लिबरलों को झटका लगा है। ट्रम्प के भारत दौरे के दौरान उनका भव्य स्वागत देखकर अमेरिकी और दुनियाभर की लिबरल मीडिया अपनी कुंठा जाहिर करने से नहीं रोक पाई। अमेरिकी मीडिया चैनल CNN ने बेतुकी रिपोर्टिंग करते हुए इस विषय पर एक लेख लिख डाला कि डोनाल्ड ट्रम्प अपने भारत दौरे पर खाएँगे क्या, क्योंकि उनके मुताबिक किसी ने कभी ट्रम्प को सब्ज़ी खाते नहीं देखा। इसके अलावा UK की लिबरल मीडिया ने भी ट्रम्प विरोधी एजेंडा आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इससे एक बात तो स्पष्ट हो गयी कि ट्रम्प के भारत दौरे से भारत के सवा सौ करोड़ नागरिक बेशक खुश क्यों न हो, लेकिन मिलों दूर यूके और अमेरिकी मीडिया को उनका यह दौरा 440 वॉल्ट का झटका दे गया है।

उदाहरण के तौर पर अमेरिका के सबसे बड़े वामपंथी न्यूज़ चैनल CNN ने कुंठा से भरी रिपोर्टिंग करते हुए एक लेख लिखा जिसका शीर्षक थामैंने कभी ट्रम्प को सब्जी खाते नहीं देखा, डोनाल्ड ट्रम्प को भारत में बिना बीफ़ का खाना मिलेगा”इस लेख में लेखक लिखते हैं कि ट्रम्प हमेशा खाने में बीफ़ शामिल करते हैं, लेकिन भारत में तो उनकी पसंदीदा फूड चेन McDonalds भी बिना बीफ के ही खाना परोसते हैं। इसके जरिये CNN ने साबित करने की कोशिश की कि ट्रम्प को भारत में अपना मेन्यू देखकर तगड़ा झटका लगने वाला है, लेकिन इस बकवास कवरेज को अमेरिकी जनता ने सिरे से नकार दिया। एक ट्विटर यूज़र ने CNN के इस ट्वीट को quote करते हुए लिखावाह किसी को ये लिखने के लिए पैसे मिले है”

ऐसे ही एक अन्य यूजर ने लिखा “सीएनएन के लिए ये ही दुनिया का सबसे बड़ा मुद्दा है। क्या यही तुम सबसे अच्छा कर सकते हो? लोग खबर चाहते हैं, अंतर्राष्ट्रीय मेनू नहीं”।

इसी तरह UK की मीडिया ने भी ट्रम्प के इस दौरे में खोट निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यूके के न्यूज़ पोर्टल द इंडिपेंडेंट ने नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम पर कहा कि यह कार्यक्रम ट्रम्प की नहीं बल्कि मोदी की वजह से ही सफल हो पाया। इस पोर्टल के एक लेख का शीर्षक था ट्रम्प भारत में एक नयापन लेकर जा रहे हैं, लेकिन इसे मोदी का जादू ही कहेंगे” इस लेख में बताया गया कि कैसे स्टेडियम में सवा लाख लोगों का जमा हुए और ये डोनाल्ड ट्रम्प के कारण नहीं बल्कि पीएम मोदी के कारण ही संभव हो पाया।

सिर्फ इतना ही नहीं, UK के ही एक अन्य न्यूज़ पोर्टल द सन ने तो सारी हदें पार करते हुए ट्रम्प द्वारा बोले गए हिन्दी शब्दों के खराब उच्चारण को ही मुद्दा बना दिया और डोनाल्ड ट्रम्प का मज़ाक बनाते हुए कहा कि ट्रम्प कुछ चुनिन्दा हिन्दी के शब्द ही ठीक से नहीं बोल सकते हैं। द सन ने तो इसपर एक पूरी वीडियो भी बना डाली।

यदि गौर किया जाये तो पीएम मोदी को लेकर अक्सर भारत में NDTV जैसे चैनल इस तरह की कुंठा से भरी रिपोर्टिंग करते रहते हैं। उदाहरण के तौर पर जब वर्ष 2015 में पीएम मोदी अमेरिकी दौरे पर जाकर फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग से मिले थे, तो उस वक्त NDTV ने एक वीडियो को बड़े ज़ोर शोर से सबको दिखाया था जिसमें पीएम मोदी मार्क जुकरबर्ग को हाथ से पकड़कर दूसरी तरफ धकेलते नज़र आ रहे हैं। तब NDTV ने ऐसे दिखाने की कोशिश की थी मानो पीएम मोदी ने जानबूझकर फोटो खिंचाने के लिए ऐसा किया हो।

NDTV की पीएम मोदी को लेकर रिपोर्टिंग और CNN की डोनाल्ड ट्रम्प को लेकर रिपोर्टिंग काफी समान नज़र आती है। इसीलिए इनकी रेटिंग्स भी अपने सबसे निचले स्तर पर जा चुकी है। ऐसी न्यूज़ चैनलों के लिए अपने देश का मान-सम्मान नहीं बल्कि अपना एजेंडा सबसे पहले होता है, लेकिन इतना तो तय है कि दुनिया अब लिबरल मीडिया की एजेंडावादी रिपोर्टिंग को नकारती जा रही है।

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