‘अंकित ताहिर हुसैन की संदिग्ध गतिविधियों की पोल खोलने वाला था इसलिए उसे मार दिया गया’, सुब्रमण्यम स्वामी का बड़ा खुलासा

सुब्रमण्यम स्वामी

PC: NewzBox

दिल्ली में हुई हिंसा में आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के हाथ होने को लेकर शक और गहराता जा रहा है। इस मामले में ताहिर हुसैन के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जा चुका है। इस बीच भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने केंद्र सरकार से एक गंभीर सवाल किया है। उन्होंने ट्वीट कर सरकार से पूछा है कि अंकित शर्मा की हत्या कहीं आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के इशारे पर इसलिए तो नहीं की गई क्योंकि वह बांग्लादेशी आतंकवादियों के साथ ताहिर हुसैन के संबंधों की जांच कर रहे थे?

सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘सरकार को यह स्पष्ट करने की आवश्यकता है कि आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा कहीं बांग्लादेशी आतंकियों के साथ ताहिर हुसैन के संबंधों के तार तो नहीं ढूंढ रहे थे और इसीलिए उनकी हत्या ताहिर के इशारे पर कर दी गई। अंकित की हत्या अगर बांग्लादेशी आतंकियों के साथ ताहिर के संबंधों पर नजर रखने के लिए हुई है तो यह बेहद गंभीर मामला है।’

बता दें कि आईबी के अधिकारी अंकित शर्मा का शव 26 फरवरी को चांदबाग के एक नाले से मिला था। अंकित शर्मा के पिता राजिंदर कुमार का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या के पीछे ताहिर हुसैन का हाथ है। अंकिता के पिता ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा है कि 25 फरवरी को अंकित घर से कुछ सामान खरीदने बाहर गया था लेकिन वह घर नहीं लौटा। स्थानीय लोगों ने भी इसी ताहिर हुसैन पर आरोप लगाए थे।

बता दें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक अंकित के शरीर पर चाकुओं के अनगिनत वार के निशान थे। डॉक्टरों के मुताबिक अंकित के शरीर के हर हिस्से पर चाकू से वार किया गया था। यहां तक की उसकी आंत तक को निकाल लिया गया था। अंकित का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक किसी के शरीर में इतने ज़ख्म उन्होंने कभी नहीं देखे थे। दंगे में किसी का मरना और एक जानबूझकर किसी को मारने में बहुत फर्क होता है और इस मामले में ये फर्क स्पष्ट दिखाई दे रहा है।

बताया जा रहा है कि अंकित शर्मा घटना वाले दिन घर से बाहर उपद्रवियों को शांत कराने के लिए निकले थे, लेकिन वे खुद ही भीड़ के बीच बुरी तरह फंस गए और फिर उनकी वहाँ हत्या कर दी गयी। इससे संबंधित एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें अंकित शर्मा के शव को नाले में ठिकाने लगाते हुए देखा गया था। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने ताहिर हुसैन के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली है। उसकी बिल्डिंग को भी सील कर दिया गया है और जांच चल रही है।

सुब्रमण्यम स्वामी के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उन्होंने यह आरोप ऐसे ही नहीं लगाए होंगे। पिछले वर्ष जाफराबाद में NIA ने जब कई सर्च अभियान  चलाए थे तब NIA को आंतकी सुराग मिले थे, जिसमें दिल्ली और UP में कई आतंकी हमले करने का प्लान शामिल था। इस छापे में NIA ने बम बनाने के लिए भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। वहीं पिछले महीने 9 जनवरी को, दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में एक इस्लामिक स्टेट (IS) के आतंकी मॉड्यूल का भी पता लगाया था, जिसमें दिल्ली के वज़ीराबाद इलाके में तीन आतंकी संदिग्धों की गिरफ़्तारी हुई थी। इसके साथ ही कई मामले देश में ऐसे भी हैं जिसमें बांग्लादेशी घुसपैठियों का आतंकियों के साथ लिंक सामने आया है। ऐसे में अगर दिल्ली में बांग्लादेशी आतंकवादियों का साथ देने और अंकित शर्मा की हत्या में कहीं से भी ताहिर हुसैन की भूमिका सामने आती है तो यह मामला आम आदमी पार्टी के लिए और बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है।

अब यह देखने वाली बात है कि केंद्र सरकार ताहिर हुसैन के खिलाफ क्या कदम उठाती है और किस स्तर तक जांच करवाती है। सुब्रमण्यम स्वामी ने यह मुद्दा उठाया है तो जल्द ही वो इसपर कोई अन्य बड़ा खुलासा भी कर सकते हैं। अब केंद्र सरकार को जांच बैठानी चाहिए और अंकित शर्मा की हत्या के साथ बांग्लादेशी लिंक का भी पर्दाफाश करना चाहिए।

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