‘गांधी जी के शव का पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया?’ स्वामी ने की बापू के मामले की नए सिरे से जांच की मांग

सुब्रमण्यम स्वामी

राज्यसभा से भाजपा के सांसद और बहुचर्चित नेता सुब्रमण्यम स्वामी देश और दुनिया में एक नेता के तौर पर कम और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए अधिक जाने जाते है। परंतु इस बार उन्होंने एक ऐसा मामला उठाया है जिससे देश में राजनीतिक स्तर पर भूचाल आ सकता है। जी हां, स्वामी ने इस बार महात्मा गांधी की हत्या के दौरान हुई गड़बड़ियों पर दोबारा जांच का मामला उठाया है। यह बात तो सभी को पता है कि सुब्रमण्यम स्वामी जिस मामले के भी पीछे पड़ जाते है, उसे वह निपटा कर ही मानते हैं।

रविवार को उन्होंने ट्वीट कर महात्मा गांधी की हत्या के मामले को उठाया। उन्होंने ट्वीट किया, “महात्‍मा गांधी की हत्‍या के मामले की फिर से जांच करने की जरूरत है।” उन्होंने प्रत्‍यक्षदर्शियों के हवाले से दावा किया कि महात्मा गांधी गोली लगने के बाद करीब 35 मिनट तक जिंदा थे।

सुब्रमण्यम स्वामी ने एक किताब के हवाले से ट्वीट कर कहा, ‘Associated Press  ‘एपी के अंतरराष्ट्रीय पत्रकार ने कहा था कि उसने शाम को 5:05 मिनट पर 4 गोली चलने की आवाज सुनी थी. जबकि कोर्ट में सरकारी वकील ने बताया था कि गोडसे ने 2 गोलियां चलाई थीं। उसी एपीआई पत्रकार ने बताया था कि महात्मा गांधी को बिरला हाउस में 5:40 बजे मृत घोषित किया गया। महात्मा गांधी 35 मिनट तक जिंदा थे।’

अपने ट्वीट में सुब्रमण्यम स्वामी ने बापू की हत्‍या के संबंध में तीन सवाल पूछा। उन्‍होंने कहा, ”हत्या के बाद महात्मा गांधी के शव का पोस्टमार्टम या उसकी जांच क्यों नहीं कराई गई? आभा और मनु जो प्रत्‍यक्ष गवाह थीं उनसे कोर्ट में पूछताछ क्यों नहीं की गई? नाथूराम गोडसे की रिवाल्‍वर में कितने खाली चेंबर थे? हमें इस पूरी घटना की फिर से जांच करने की जरूरत है।’

बता दें कि महात्मा गांधी की हत्या अभी भी विवादित है और इस पर कई बार सवाल भी उठाए जा चुके हैं। वर्ष 2017 में इसी से जुड़ी एक याचिका भी दायर की गयी थी। सुप्रीम कोर्ट में दायर उस याचिका में यही सवाल उठाया गया था। पुलिस की थ्योरी कहती है कि नाथूराम गोडसे ने तीन गोलियां प्वाइंट ब्लैंक पर चलाईं और सबके सामने बापू को मार दिया। इसके बाद सभी ने यह भी मान लिया था, गोडसे को फांसी भी दे दी गई, लेकिन किसी भी रिकॉर्ड में इसका कोई सुराग नहीं मिलता। द गार्जियन की एक रिपोर्ट जरूर चौथी गोली के बारे में कहती है लेकिन उस रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि चौथी गोली से नाथुराम ने स्वयं को मारने की कोशिश की थी। खुद स्वामी ने भी इसपर जनवरी में सवाल उठाये थे।

Pankaj Fadnavis  ने अपनी याचिका में यह कहा था कि जो सूचनाएं उपलब्ध हैं उसके मुताबिक जिस हथियार से उनकी हत्या हुई उससे सिर्फ 7 गोलियां चल सकती थी। 3 गोलियां चली थीं। 4 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए थे। इस तरह से सभी सातों गोलियों का हिसाब मिल गया। चौथी गोली चलाने का मतलब है कि किसी दूसरे हत्यारे ने वह गोली चलाई हो लेकिन किसी भी रिकॉर्ड में इसका कोई सुराग नहीं मिलता कि दूसरा हत्यारा कौन था। यही नहीं यह भी कहा गया था मनुबेन गांधी जो मुख्य गवाह थीं लेकिन कभी भी अभियोजन पक्ष की तरफ से ट्रायल के दौरान पेश नहीं की गई थी। उनके पास ऐसी जानकारी थी जो अभियोजन पक्ष के लिए ‘नुकसानदेह’ थी।

सुब्रमण्यम स्वामी इससे पहले भी महात्मा गांधी की हत्या पर राज्यसभा में भी सवाल उठा चुके हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आखिर इसका परिणाम क्या आता है। सुब्रमण्यम स्वामी का रिकॉर्ड रहा है कि किसी भी मामले में बिना सबूतों के बयान नहीं देते हैं। अब जब उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या से जुड़े मामले पर सवाल उठाया है तो जरूर उन्हें इस मामले में भी पुख्ता सबूत मिले होंगे।

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