चीन से बाहर कोरोना दुनियाभर में तांडव मचाता ही जा रहा है। इटली और ईरान के बाद अब स्पेन में भी कोरोना ने भयंकर रूप धारण कर लिया है और यहाँ मरने वाले लोगों की संख्या ने चीन में मरने वाले लोगों की संख्या को पीछे छोड़ दिया है। स्पेन में कोरोना वायरस से अब तक 4,365 लोग मरे हैं और 57,786 लोग संक्रमित हैं। देश में कोरोना वायरस का प्रसार बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है। हालांकि, स्पेन ने इस वायरस को काबू करने के लिए चीन से जिन टेस्टिंग किट्स को इम्पोर्ट किया था, वो भी स्पेन के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बनकर उभरी हैं और इन टेस्टिंग किट्स की वजह से ही स्पेन में इस वायरस ने इतनी बड़ी तबाही मचाई है।
दरअसल, स्पेन ने अपने लोगों में कोरोना की टेस्टिंग के लिए चीन से 6 लाख से ज़्यादा टेस्टिंग किट्स इम्पोर्ट की थी, लेकिन अब सामने आया है कि इन टेस्टिंग किट्स का accuracy level सिर्फ 30 प्रतिशत है और 70 प्रतिशत बार ये टेस्टिंग किट्स किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी नहीं दे पाती हैं। स्पेन ने अब शिकायत की है कि ये टेस्टिंग किट्स कोरोना वायरस को डिटेक्ट करने में अक्षम हैं और कोरोना से ग्रसित मरीजों की रिपोर्ट भी इनमें नेगेटिव आ रही है। इसके कारण स्पेन में कोरोना ज़्यादा से ज़्यादा लोगों में फैलता जा रहा है।
स्पेन के एक स्वास्थ्य अधिकारी फेरनांडो सिमोन ने कहा कि स्पेन में इन चीनी किट से 9 हजार जांचें की गईं लेकिन उनके परिणाम बहुत अच्छे नहीं थे। स्पेन ने अब चीन से अपनी किट्स को वापस लेने को कहा है। उधर, चीन ने इन किट्स को बनाने वाली कंपनी की ज़िम्मेदारी लेने से पल्ला झाड़ लिया है। उसने कहा है कि बायोइजी कंपनी के पास आधिकारिक लाइसेंस ही नहीं है। इसके अलावा इससे पहले चेक रिपब्लिक भी चीनी किट्स को लेकर ऐसी ही बात कह चुका है। मेड इन चाइना माल पूरी दुनिया में अपनी गुणवत्ता के लिए बदनाम होता है, अब ऐसे में कोविड टेस्टिंग किट्स के मामले में भी चीन की यह खराब गुणवत्ता स्पेन जैसे देशों पर भारी पड़ी है।
पूरी दुनिया में जहां कोरोना की वजह से काम-काज ठप पड़ा है, तो वहीं चीन अब इन देशों में वेंटिलेटर और मेडिकल किट्स भेजकर बड़ी मात्रा में इनसे पैसे एंठ रहा है। लेकिन इस crisis profiteering के समय पर भी चीन अपनी घटिया क्वालिटी का माल ही इन देशों को एक्सपोर्ट कर रहा है और जब एक्स्पोज़ हो रहा है तो अपनी ज़िम्मेदारी से भी भाग रहा है।
चीन का यह गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार कोई नया नहीं है, बल्कि इससे पहले कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर भी वह अमेरिका के साथ ब्लेम गेम खेल चुका है। पहले तो चीन के विदेश मंत्री ने आरोप लगाया कि यह वायरस अमेरिकी सेना ने फैलाया, वहीं बाद में चीन ने कहा कि कोरोना को चीनी वायरस बोलना अमेरिका की बेबसी को दिखाता है। अब इन टेस्टिंग किट्स को लेकर भी उसका यही रवैया देखने को मिल रहा है। पूरी दुनिया को चीन के इस व्यवहार के लिए उसे जिम्मेदार ठहराना चाहिए, और ज़रूरत पड़ने पर चीनी राष्ट्रपति के खिलाफ प्रतिबंध भी लगाए जाने चाहिए।