मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति करने के रिकॉर्ड तोड़ती जा रही पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पश्चिम बंगाल में रहने वाला हर बांग्लादेशी नागरिक भी भारत का ही नागरिक है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने CAA और NRC का विरोध करते हुए ये बयान दिया।
इसी के साथ ममता ने राज्य की 119 शरणार्थी कॉलोनियों को नियमित कर दिया है। बार-बार ममता बनर्जी द्वारा CAA और NRC का मुद्दा उठाए जाने से इतना तो स्पष्ट हो गया है कि यह मुद्दा आने वाले विधानसभा चुनावों में एक बड़ी भूमिका निभाने वाला है और इसके साथ ही ममता ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वे CAA का विरोध करने वालों के पक्ष में खड़ी हैं।
मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति साधने के लिए दिया गया उनका यह बयान चुनावों में उनके गले की फांस बन सकता है क्योंकि अभी पश्चिम बंगाल बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या से जूझ रहा सबसे बड़ा राज्य है और इन घुसपैठियों के पक्ष में दिया गया ममता का बयान राज्य के हिन्दू वोटर्स को परेशान कर सकता है।
बता दें कि इससे पहले बंगाल में रैली करते हुए अमित शाह ने कहा था कि देश से बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर करने की सख्त ज़रूरत है। बस इसी पर ममता बनर्जी भड़क गईं। कल उन्होंने अपनी एक जनसभा में कहा-
“मैं पश्चिम बंगाल को दूसरी दिल्ली नहीं बनने दूंगी। बांग्लादेश से आए लोग भारत के नागरिक हैं, उनके पास नागरिकता है। आपको नागरिकता के लिए फिर से आवेदन देने की जरूरत नहीं है। आप चुनाव में मतदान करके प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री चुन रहे हैं…और अब वे कह रहे हैं कि आप नागरिक नहीं हैं। उनका विश्वास मत कीजिए”।
West Bengal Chief Minister #MamataBanerjee said all who came from Bangladesh and have been casting votes in elections were Indian citizens and did not require to apply for citizenship afresh.https://t.co/e2RUIihc5V
— The Hindu (@the_hindu) March 3, 2020
कौन भारत का नागरिक होगा और कौन नहीं, यह तय करना किसी राज्य सरकार या किसी मुख्यमंत्री का अधिकार नहीं होता, बल्कि देश की संसद के पास यह अधिकार होता है। ऐसे में ममता बनर्जी का यह बयान ना सिर्फ फर्जी है बल्कि उनका CAA का विरोध भी भ्रामक है और वे सिर्फ एक खास वर्ग के लोगों को लुभाने के लिए ऐसे बयान दे रही हैं।
वर्ष 1947 में पूर्वी पाकिस्तान यानि आज के बांग्लादेश के निर्माण की नींव ही धर्म के आधार पर रखी गयी थी और ऐसे में ममता बनर्जी सभी बांग्लादेशी नागरिकों को भारत का नागरिक घोषित करके दशकों पहले हुई उस प्रक्रिया को निष्प्रभावी करना चाहती हैं। CAA और NRC निश्चित ही अगले वर्ष होने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बनने वाला है और इसका सीधा फायदा BJP को मिल सकता है।
पिछले वर्ष हुए लोकसभा चुनावों में BJP को बंगाल की 42 सीटों में से 18 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जिसका यह साफ संकेत था कि भाजपा धीरे-धीरे बंगाल में अपना राजनीतिक आधार मजबूत बनाती जा रही है और बंगाल की जनता ममता की तुष्टीकरण की राजनीति से ऊब चुकी है। यही कारण है कि अब फिर से मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति कर रही ममता पर CAA और NRC का उनका स्टैंड आने वाले चुनावों में भारी पड़ सकता है।