‘हमें हलाल सैनिटाइजर चाहिए’- मुसलमानों ने Corona से बचने के लिए एल्कोहल फ्री सैनिटाइज़र की मांग की

जान जाए पर मजहब न जाए!

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कोरोनावायरस दिन प्रति दिन तेजी के साथ फैलता ही जा रहा है। इससे निपटने में पूरी दुनिया लगी हुई है। सभी देश अपने-अपने नागरिकों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एड़ी-चोटी एक कर दिए हैं। समान्यतः सभी को अपने आस-पास सफाई रखते हेतु, मास्क और एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग करने का निर्देश दिया जा रहा है। परंतु मुस्लिम समाज में एक अलग प्रकार की समस्या पैदा हो गयी है और वह है एल्कोहल का इस्लाम में हराम होना। हराम का सिम्पल अर्थ है प्रतिबंधित। यानि इस्लाम में एल्कोहल प्रतिबंधित है और CDC यानि Centers for Disease Control and Prevention के निर्देशानुसार कोरोना से बचने के लिए 60 प्रतिशत से अधिक एल्कोहल वाले सैनिटाइजर ही सबसे उपयुक्त है।

 

 

इस कारण मुस्लिम समुदाय में अब हलाल सैनिटाइजर की मांग बढ़ने लगी है। हलाल यानि जायज़ या permissible। इस तरह के सैनिटाइजर में एल्कोहल नहीं होता, इस कारण से इसे मुस्लिम प्रयोग कर सकते हैं।

शराब से दूरी बनाने वाली मुस्लिम आबादी के लिए कुछ मलेशायाई व्यापारियों ने एक विकल्प के तौर पर एल्कोहल फ्री इथेनॉल से बने हैंड सैनिटाइजर बेचना शुरू कर दिए हैं। मुस्लिम फ्रेंडली बताकर यहां हलाल हैंड सैनिटाइजर की मार्केटिंग की जा रही है, क्योंकि इसमें इथेनॉल का उपयोग शराब के विकल्प के तौर पर किया गया है, जबकि हकीकत तो यह है कि एथानॉल भी शराब बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।

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हालांकि यह जानना आवश्यक है कि बिना एल्कोहल वाले सैनिटाइजर कोरोना जैसे वायरस का रोकने करने में सक्षम नहीं है। CDC के अनुसार कई अध्ययनों में पाया गया है कि 60-95% के बीच अल्कोहल के concentration वाले सैनिटाइज़र, कम एल्कोहल concentration या गैर-अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइज़र की तुलना में कीटाणुओं को मारने में अधिक प्रभावी होते हैं।

बता दें कि आज हलाल अवधारणा के प्रति दुनिया भर में लोग अधिक रुचि लेने लगे हैं, जिसकी वजह से दुनिया भर में हलाल उत्पादों की मांग में वृद्धि हो रही है। इसलिए हलाल उद्योग का विस्तार बहुत तेजी से हो रहा है। जो अब धीरे धीरे खाद्य प्रसंस्करण, खाद्य सेवा, सौंदर्य प्रसाधन, व्यक्तिगत देखभाल, फार्मास्युटिकल्स से आगे बढ़कर हलाल ट्रेवल्स और आतिथ्य सेवाओं सहित जीवन शैली के सेवाओं में विस्तार कर रहा है।

इस वजह से मुस्लिमों में हलाल सैनिटाइजर को लेकर बढ़ रही रुचि कोई नई बात नहीं है लेकिन सवाल यह कि यह घातक कदम दुनिया के लिए कितना घातक है? अगर लोग सफाई को ताक पर रखकर धर्म को ऊपर रखेंगे तो कोरोना जैसी महामारी और तेज़ी से फैल सकता है जिससे न सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व को भयंकर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।

हलाल सैनिटाइजर के नाम पर बढ़ रहे अंधविश्वास को कई डॉक्टरों ने भी ऐसे सैनिटाइजर का प्रयोग करने से मना किया है और एल्कोहल युक्त सेनीटाइजर का ही प्रयोग करने की सलाह दी है। अब यह देखने वाली बात है कि ये चंद लोग अंधविश्वास को त्याग कर कब स्वास्थ्य नियमों को मानेंगे।

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