राहुल गांधी विदेशों से छुट्टियां मनाकर भारत लौट आए हैं। दिल्ली दंगों के वक्त गायब रहने वाले राहुल गांधी ने भारत आते ही पूर्वोत्तर दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। पीड़ित लोगों से मिलने पहुंचे राहुल ने कहा कि देश की राजधानी में हुई इस हिंसा से दुनिया के सामने देश की प्रतिष्ठा को चोट पहुंची है।
राहुल सबसे पहले बृजपुरी इलाके के अरुण पब्लिक स्कूल पहुंचे, जिसे उपद्रवियों ने तोड़फोड़ करने के बाद आग के हवाले कर दिया था। राख के ढेर में तब्दील हो चुके सभी डेस्क, बेंच, कुर्सियां, अलमारियों, फाइलों, रजिस्टर और ब्लैक बोर्ड को देखने के बाद उन्होंने कहा, यह सिर्फ एक स्कूल नहीं, हिंदुस्तान का भविष्य है। नफरत और हिंसा ने महज एक स्कूल की इमारत को नहीं, बल्कि देश के भविष्य को जलाया है।
हालांकि राहुल गांधी को इस दौरान विरोध का सामना भी करना पड़ा। राहुल गांधी दिल्ली हिंसा के प्रभावित इलाके बृजपुरी पहुंचे। नफरत और हिंसा फैलाने वाले लोग तरक्की के दुश्मन हैं। ऐसी हरकतों से लोगों को बांटने की कोशिश की जा रही है। आज यह बहुत दुख का समय है, इसलिए मैं यहां आया हूं। हालात को फिर से ठीक करने के लिए हम सबको मिलकर काम करना करना होगा।
हालांकि राहुल के इतना कहते ही एक दंगा पीड़ित महिला ने कुछ ऐसा कहा कि राहुल की सबसे सामने धज्जियां उड़ गई। दरअसल, दंगा पीड़ित महिला राहुल गांधी के राजनीतिक दौरे से खुश नहीं थी। महिला ने राहुल गांधी पर चिल्लाते हुए कहा-
‘हम लोगों ने भाग-भागकर अपनी जान बचाई है 50 से 100 लोग पत्थरबाजी कर रहे थे, वो लोग हमारे घरों में घुस गए थे’ इसके आगे महिला ने कहा- ‘इन्होंने ही आग लगाई है, मां-बेटा ने। क्या बोला था मां सोनिया ने, आर या पार?’
राहुल गांधी जी इस महिला की भी बात सुन लीजिए। pic.twitter.com/SQoxIc8pLy
— हरि मांझी ( मोदी का परिवार) (@HariManjhi) March 4, 2020
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 14 दिसंबर 2019 को एक भड़काऊ भाषण दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था- ‘समाज और देश की जिंदगी में कभी कभी ऐसा वक्त आता है कि उसे इस पार या उस पार का फैसला लेना पड़ता है, आज वो वक्त आ गया है।’ इसी बयान को लेकर हिंसा पीड़ित महिला ने राहुल गांधी पर सवाल किया था।
राहुल ने मस्जिद का दौरा किया लेकिन मंदिर का नहीं
राहुल गांधी का यह दौरा पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित था। इस दौरे पर उन्होंने मॉडर्न स्कूल का दौरा किया। फिर एक मस्जिद का भी दौरा किया। जिस पर लोगों ने काफी सवाल किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक लोगों का कहना था कि राहुल गांधी ने मस्जिद का दौरा किया लेकिन उन्हें मंदिर नहीं दिखा। ये सच है कि दंगों में मस्जिद से ज्यादा मंदिरों को चोट पहुंचाई गई थी। एक तरफ मस्जिदों का दौरा करना और दूसरी तरफ हिंदू मंदिरों को दरकिनार करना यह मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति नहीं है तो क्या है, इस बात को वहां की पीड़ित जनता साफ समझ रही थी।
शांति और सौहार्द की बातों के बीच तुष्टिकरण की राजनीति
अपने दौरे में राहुल गांधी ने भाईचारे, एकता और सांप्रदायिक सौहार्द की बातें तो की लेकिन इन सब के पीछे उनकी राजनीति साफ झलक रही थी। कुल मिलाकर पहले लोगों को इन्हीं कांग्रेस के नेताओं ने भड़काया और जब दंगा हुआ तो शांति और सौहार्द की बातें कर रहे हैं। सच कहें तो आम जनता कांग्रेस की राजनीतिक मंशा को अच्छी तरह समझ रही थी इसीलिए पीड़ित महिला ने राहुल और सोनिया को जबरदस्त फटकार लगाई है।