18 सालों तक कांग्रेस पार्टी में राजनीति करने वाले मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा ज्वाइन कर ली है। कल जब उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया तो पूर्व कांग्रेसी और असम के वित्त मंत्री हिमंता विश्व शर्मा उन्हें बधाई देने में सबसे आगे थे। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “यह देख कर खुशी हो रही है कि एक पुराने सहकर्मी और ऊर्जावान नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए हैं।” उन्होंने आगे कहा, “भाजपा सभी रंगों से बनी रंगोली की तरह एक पार्टी है, जिसकी विचारधारा सबको साथ लेकर चलने की है। हम लोगों का बेहतर समय होगा।‘ सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार लड़खड़ा गई है।
A great #Holi this is!
Heartening to see old colleague, & very dynamic Sri @JM_Scindia having come to the fold of @BJP4India, a party that's a rangoli of all colors & believes in taking everyone along.
We shall have a great time together #JyotiradityaScindia ji.#MadhyaPradesh
— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) March 10, 2020
बता दें कि हिमन्ता वर्ष 2014 में कांग्रेस छोड़ने के बाद वर्ष 2015 में BJP में शामिल हुए थे। उन्होंने ने भी उसी कारणों से कांग्रेस छोड़ा था जिन कारणों से ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस छोड़ी है और वह कारण है कांग्रेस में गांधी परिवार के अलावा किसी और का आगे नहीं बढ़ पाना।
कांग्रेस में एक योग्य नेता को आगे बढ़ने के लिए गांधी परिवार की चाटुकारिता आवश्यक होती है। हिमन्ता ने इसी चाटुकारिता को अस्वीकार कर दिया और कांग्रेस छोड़ BJP के साथ हो लिए। सिंधिया ने भी अब वही किया है। ऐसा लगता है कि सिंधिया ने हिमन्ता के BJP में बढ़ते कद को देखते हुए कुछ सीख लिया है।
हिमन्ता ने एक बार ट्वीट कर यह बताया था कि किस तरह से राहुल गांधी अपने कुत्ते को बिस्कुट खिलाने में व्यस्त थे जब वे असम के बारे में एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर मीटिंग के लिए गए थे। जब हिमन्ता कांग्रेस में थे तब उन्हें राहुल गांधी के नेतृत्व में काम करना पड़ता था। हेमंता के अनुसार, राहुल गांधी अपने कुत्ते को जितना तरजीह देते थे उतना अपने पार्टी के युवा नेताओं को भी नहीं देते थे।
Sir @OfficeOfRG,who knows him better than me.Still remember you busy feeding biscuits 2 him while We wanted to discuss urgent Assam's issues https://t.co/Eiu7VsuvL1
— Himanta Biswa Sarma (Modi Ka Parivar) (@himantabiswa) October 29, 2017
आज हिमन्ता सिर्फ असम ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वोतर राज्यों के सबसे बड़े कद के नेता हैं। अगर वे कांग्रेस को छोड़ BJP में न गए होते तो शायद उन्हें यह मौका कभी नहीं मिलता। आज वह असम में वित्त मंत्रलाय संभाल रहे हैं लेकिन जिस तरह से उन्होंने बीजेपी के लिए पूर्वोतर राज्यों में रास्ता खोला है उससे वह और बड़ी भूमिका में दिखाई देंगे। अपने प्रशासनिक अनुभव के कारण वर्ष 2021 में होने वाले चुनावों में वे BJP के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा भी बन सकते हैं।
अब ठीक हिमन्ता की तरह ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कांग्रेस के गांधी परिवार की बेड़ियों को तोड़कर अपने आप को आज़ाद कर लिया है। कांग्रेस में कोई भी नेता अपनी क्षमता से नीचे ही परफॉर्म कर पता है चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो। राहुल गांधी के शीर्ष पद पर होने के बाद और कुछ उम्मीद भी नहीं की जा सकती है। यह राहुल गांधी ही हैं जिनके कारण आज मध्य प्रदेश में सिंधिया की जगह कमलनाथ मुख्यमंत्री हैं और राजस्थान में सचिन पायलट की जगह अशोक गहलोत।
अब ज्योतिरादित्य सिंधिया BJP में शामिल हो चुके हैं जहां एक नेता को उसके प्रतिभा से आगे बढ़ने का मौका मिलता है और इसके सबसे बड़े उदाहरण PM Modi स्वयं हैं। हालांकि, ऐसा कहा जाता है कि जो भाजपाई नेता RSS से जुड़ा होता है उसे अधिक प्रथिमिकता दी जाती है लेकिन हरदीप सिंह पूरी और एस जयशंकर को देख कर तो ऐसा नहीं लगता। वहीं ज्योतिरादित्य की दादी तो स्वयं जन संघ की स्थापना करने वाली नेताओं में से एक रहीं हैं।
अब ज्योतिरादित्य सिंधिया भी BJP में शामिल होकर हिमन्ता के बनाए गए रास्ते पर चल रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपनी योग्यता से देश, पार्टी और स्वयं के लिए कितना कुछ कर सकते हैं।