शाहीन बाग मॉडल अब पूरे देश में पैर पसारता जा रहा है। गृह मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो महीनों से भी कम समय में देशभर में बिना इजाज़त के आयोजित किए जा रहे प्रदर्शनों की संख्या 9 से बढ़कर 291 हो गयी है। ऐसा देखने में आया है कि जब भी किसी शहर में ऐसे प्रदर्शन आयोजित किए जाते हैं, उसके बाद उस शहर में बड़े पैमाने पर हिंसा देखने को मिलती है। होली का त्यौहार भी पास है तो कुछ उपद्रवी उस समय एक बार फिर से माहौल खराब करने का प्रयास भी कर सकते हैं। यही कारण है कि अब गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को अपने-अपने राज्यों में शाहीन बाग जैसे प्रदर्शनों पर नज़र रखने के लिए कहा है और संवेदनशील इलाकों पर खास नज़र बनाए रखने के लिए भी कहा है।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि शाहीन बाग मॉडल के तहत महिलाओं को पहले प्रदर्शन करने के लिए आगे किया जाता है। ऐसा ही हमें शाहीन बाग में देखने को मिला था, जहां महिलाएं अपने बच्चों के साथ आकर बीच सड़क पर बैठ गयी थीं और मीडिया उन्हें लाइमलाइट देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा था। शाहीन बाग की तर्ज पर पहले ही कई बड़े शहरों में कई स्थानीय शाहीन बागों ने जन्म ले लिया है।
After #ShaheenBagh Now similar drama unfolded in #Jaffrabad too. These people are making common men of delhi life a hell.
These road occupiers must be dealt with heavy hand.
— Gyanendra Giri (Modi ka Parivar) (@iGyanendraGiri) February 23, 2020
जयपुर से लेकर कानपुर और फिर लखनऊ तक, हर जगह हमें शाहीन बाग जैसे प्रदर्शन देखने को मिल चुके हैं। उदाहरण के तौर पर जयपुर के रामगढ़ मोड़ स्थित करबला मैदान में दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर शुरू हुआ महिलाओं का धरना कई दिन जारी रहा था। करबला में महिलाओं द्वारा जारी अनिश्चितकालीन धरने में प्रतिदिन महिलाओं की संख्या बढ़ती ही जा रही थी।
इसी प्रकार कानपुर में चमनगंज में भी हमें यही देखने को मिला था। वहाँ प्रदर्शन में शुरू में कम लोग मौजूद थे और पुलिस ने भी उन्हें प्रदर्शन करने की इजाज़त दे दी थी, लेकिन बाद में अचानक महिलाओं की संख्या बढ़ गयी जिसके कारण पूरे इलाके में ही तनाव फैल गया।
#Breaking | Shocker from Aligarh, U.P.
Woman 'forced' by her husband to join anti-CAA protest. She has lodged a complaint against her husband.
Details by TIMES NOW's Amir Haque. pic.twitter.com/9BzK2r3tqI
— TIMES NOW (@TimesNow) March 3, 2020
इसी प्रकार 3 मार्च को लखनऊ के हुसैनाबाद स्थित घंटाघर पर बिना अनुमति नारेबाजी और पुलिस के रोकने पर धक्की-मुक्की की घटनाएँ देखने को मिली। लखनऊ के एडीसीपी पश्चिमी विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मंगलवार की आधी रात सपा नेता यामीन खान अपने कई समर्थकों के साथ गाड़ियों से घंटाघर पहुंचे। आरोप है कि उन लोगों ने वहां पर गाड़ियों को बीच सड़क पर खड़ा कर दिया और सीएए व एनआरसी के विरोध में नारेबाजी करते हुए वहाँ पहले से मौजूद महिलाओं को भड़काना शुरू कर दिया, जिसके बाद सपा नेता को पुलिस ने मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
देश में हो रही CAA विरोध में हिंसा का पाकिस्तानी कनेक्शन पहले ही सामने आ चुका है। देशव्यापी स्तर पर ऐसा प्रदर्शनों का होना कोई मामूली बात नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि देश भर में दंगा फैलाने वाले लोग एक सुनियोजित ढंग से काम कर रहे हैं। पुलिस और देश की जांच एजेंसियों को प्रदर्शन के नाम पर दंगों की इस साजिश का भंडाफोड़ करना ही होगा, नहीं तो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए यह बड़ा खतरा साबित हो सकता है। इस कड़ी में गृह मंत्रालय का सभी राज्यों को दिशा निर्देश जारी करना दिखाता है कि केंद्र सरकार भी इस खतरे को लेकर पूरे तौर पर सजग है। इससे भविष्य में हिंसा फैलाने वालों और षड्यंत्रकारियों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई के भी संकेत मिलते हैं।