अपने यहां कोरोना काबू करने के बाद चीन अब ताइवान पर हमले कर रहा है

दुनिया कोरोना से लड़ रही है, और चीन ताइवान से

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पूरी दुनिया जहां कोरोना से जूझती दिखाई दे रही है, तो वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने इस पर अब काबू पा लिया है। चीन में पिछले दो दिनों से कोई भी नया घरेलू केस देखने को नहीं मिला है। लेकिन जैसे ही चीन ने कोरोना को काबू किया, अब वह दोबारा अपने पड़ोसियों पर आक्रामकता दिखाना शुरू कर चुका है।

दरअसल, कल यह खबर आई कि चीनी नेवी की वेसेल्स ने ताइवान के कोस्ट गार्ड्स पर धावा बोल दिया। ताइवान की मीडिया के मुताबिक 16 मार्च को 10 से ज़्यादा चीनी बोट्स ने पत्थरों, बोतलों से ताइवान के कोस्ट गार्ड पर हमला किया और इसके साथ चीनी नेवी ने अपने कुछ बोट्स से ताइवान के कोस्ट गार्ड्स की बोट्स पर सीधी टक्कर मारी, जिससे ताइवान की 2 से तीन बोट्स क्षतिग्रस्त हो गईं।

जैसे-जैसे चीन से कोरोना का संकट खत्म होता जा रहा है, वैसे ही उसकी गुंडागर्दी भी अब दोबारा शुरू हो चुकी है। ताइवान मीडिया के मुताबिक चीऩ की कुछ बोट्स ताइवान के इलाके में गैर-कानूनी ढंग से मछली पकड़ रही थी, जब ताइवान के कोस्ट गार्ड्स ने उन्हें वापस भगाया तो चीनी बोट्स ने उनपर हमला कर दिया। अब ताइवान ने चीन से मुआवजा मांगा है।

चीऩ अपने यहां तो कोरोना से निपटता दिखाई दे रहा है, लेकिन अब वह नहीं चाहता कि दुनिया के बाकी देश भी इससे आसानी से निपट सकें। ताइवान अब तक कोरोना से निपटने में आगे रहा है, और चीन के इतना पास होने के बाद भी वहां 150 से कुछ ज़्यादा लोग ही संक्रमित हो पाये हैं। हालांकि, चीन अब पूरी कोशिश कर रहा है कि उसके ऊपर इस तरह के हमले कर दबाव बनाया जाए।

कोरोना से लड़ाई में बेशक चीऩ ने अपने यहां अच्छा काम किया हो, लेकिन अब वह एक बेहद गैर-जिम्मेदार देश की तरह बर्ताव कर रहा है। चीन अभी दुनिया को कोरोनावायरस से जुड़ी कोई भी जानकारी ना देने के प्रति इतना संवेदनशील है कि अगर कोई भी पत्रकार वुहान से ground रिपोर्टिंग करता है तो उसे चीन की कम्युनिस्ट सरकार गायब करवा देती है।

बता दें कि पिछले एक महीने में चीन में ऐसे दो पत्रकार गायब हो चुके हैं जो कोरोनावायरस के केंद्र कहे जाने वाले वुहान शहर में ग्राउंड रिपोर्टिंग कर रहे थे। इन दोनों पत्रकारों के नाम हैं फांग बिन और चेन कियुषी है। ये दोनों ना सिर्फ अपनी जान दांव पर लगा कर वुहान से रिपोर्टिंग कर रहे थे, बल्कि इसे यूट्यूब और अन्य चीनी मीडिया सोशल साइट्स पर अपलोड करके दुनिया तक पहुंचा भी रहे थे।

यही बात शायद चीनी सरकार को बुरी लगी और अब उनके सोशल मीडिया अकाउंट पूरी तरह शांत पड़ चुके हैं। यह दर्शाता है कि चीऩ अपने यहां से किसी भी तरह की जानकारी को अपने देश से बाहर जाने से रोकना चाहता है जिसके कारण पूरी दुनिया में लगातार इस महामारी का संकट बढ़ता जा रहा है।

अब चीन ने ऐसे समय में आक्रामकता दिखाकर ताइवान की कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश की है। दुनिया को चीन के इस बर्ताव के लिए उसकी ज़िम्मेदारी तय करनी होगी और जरूरत पड़ने पर चीन के खिलाफ प्रतिबंध लगाने से भी सभी देशों को पीछे नहीं हटना चाहिए।

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